सीजफायर का सेंसेक्स पर असर: 5 मिनट में निवेशकों को मिला 5 लाख करोड़ का तोहफा
अमेरिका द्वारा ईरान-इज़राइल के बीच सीजफायर की घोषणा के बाद भारतीय शेयर बाजार में ज़बरदस्त तेजी देखी गई. सेंसेक्स खुलते ही 900 अंकों से अधिक चढ़ गया. निवेशकों में सकारात्मक भावना हावी रही और बाजार ने कुछ ही मिनटों में भारी बढ़त के साथ कारोबार करना शुरू कर दिया.

अमेरिका की ओर से ईरान और इज़राइल के बीच पूर्ण युद्धविराम (सीजफायर) की घोषणा के बाद वैश्विक बाजारों के साथ-साथ भारतीय शेयर बाजार में भी जबरदस्त तेजी देखने को मिल रही है. मंगलवार को शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स ने खुलते ही ज़ोरदार छलांग लगाई और खबर लिखे जाने तक यह 900 अंकों से अधिक बढ़कर कारोबार कर रहा था.
बीएसई सेंसेक्स 81,896.79 के पिछले बंद स्तर की तुलना में 82,534.61 पर खुला और कुछ ही मिनटों में 82,835.39 के इंट्राडे हाई पर पहुंच गया. यह एक प्रतिशत से अधिक की उछाल थी. इसी तरह, एनएसई निफ्टी 24,971.90 के पिछले बंद स्तर के मुकाबले 25,179.90 पर खुला और 25,250.85 के स्तर तक पहुंचा. यह तेजी इस बात का संकेत थी कि वैश्विक अनिश्चितताओं में राहत मिलते ही निवेशकों ने जमकर खरीदारी की.
निवेशकों को हुआ भारी मुनाफा
सिर्फ 5 मिनट के भीतर निवेशकों ने करीब 510,483.83 करोड़ रुपये का मुनाफा कमा लिया. सेंसेक्स की 30 में से 27 कंपनियों के शेयरों में बढ़त देखी गई, जबकि सिर्फ 3 शेयरों में गिरावट आई. यह इस बात का स्पष्ट संकेत है कि बाजार में सकारात्मक सेंटीमेंट पूरी तरह हावी रहा.
युद्धविराम और तेल कीमतों में गिरावट ने दिया सपोर्ट
भारतीय बाजार में तेजी के दो प्रमुख कारण सामने आए. पहला—ईरान और इज़राइल के बीच सीजफायर की खबर, जिससे वैश्विक तनाव घटा और जोखिम कम हुआ. दूसरा—कच्चे तेल की कीमतों में बड़ी गिरावट, जिससे भारत जैसे आयातक देशों को राहत मिली. ब्रेंट क्रूड, जो पिछले सत्र में 80 डॉलर प्रति बैरल पर था, अब लगभग 3 प्रतिशत गिरकर 70 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गया. इससे भारत में महंगाई और व्यापार घाटा नियंत्रित रहने की उम्मीद बढ़ी, जिससे बाजार को मजबूती मिली.
टॉप गेनर्स और लूजर्स
सेंसेक्स पर लिस्टेड कंपनियों में अडानी पोर्ट्स, एलएंडटी और महिंद्रा के शेयरों में सबसे ज्यादा तेजी देखी गई. वहीं, एनटीपीसी और बीईएल जैसी सरकारी कंपनियों के शेयर लाल निशान पर रहे. लगभग सभी सेक्टर्स हरे निशान में कारोबार करते नज़र आए, जिनमें बैंकिंग, ऑटो और इंफ्रास्ट्रक्चर शेयर सबसे आगे रहे.


