जिसे गोद लिया, उसी ने मार डाला, ओडिशा में नाबालिग बेटी ने मां की हत्या की
ओडिशा के गजपति जिले में दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक नाबालिग लड़की ने अपनी मां की हत्या कर दी, जिसने कभी उसे सड़क से उठा कर बेटी की तरह पाला था. 29 अप्रैल को परलाखेमुंडी में 54 वर्षीय राजलक्ष्मी कर की मौत को दिल का दौरा बताया गया, लेकिन 15 दिन बाद एक मोबाइल फोन से मिली इंस्टाग्राम चैट्स ने हत्या की साजिश का पर्दाफाश कर दिया.

ओडिशा से एक ऐसा दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जिसे सुनकर इंसानियत भी शर्मसार हो जाए। एक महिला ने जिसे कभी सड़क किनारे बेसहारा पाकर अपनी गोद में लिया, अपनी औलाद बना कर पाला-पोसा, उसी नाबालिग बेटी ने अपनी मां को सोने-चांदी और प्रॉपर्टी के लिए मौत के घाट उतार दिया। इस साजिश में उसका साथ दिया दो युवकों ने, जिनमें से एक मंदिर का पुजारी है.
29 अप्रैल को गजपति जिले के परलाखेमुंडी में 54 वर्षीय राजलक्ष्मी कर की संदिग्ध हालत में मौत हो गई थी। बेटी ने दावा किया कि मां को दिल का दौरा पड़ा, लेकिन 15 दिन बाद एक मोबाइल फोन से मिला एक बड़ा सुराग, जिसने इस कथित हार्ट अटैक को सुनियोजित मर्डर में बदल दिया.
सड़क से उठाकर बनाया बेटी
राजलक्ष्मी कर और उनके पति को करीब 14 साल पहले एक नवजात बच्ची सड़क किनारे मिली थी। संतान न होने के कारण उन्होंने इस बच्ची को अपनी बेटी बना लिया। पति की एक साल बाद मौत हो गई, लेकिन राजलक्ष्मी ने अपनी जान लगाकर बेटी को पाला और पढ़ाने के लिए परलाखेमुंडी शिफ्ट हो गईं.लेकिन जैसे-जैसे बेटी बड़ी हुई, उसकी संगत बिगड़ने लगी। वह दो युवकों—गणेश रथ (21) और दिनेश साहू (20)—के संपर्क में आई, जिनसे उसके संबंधों पर मां ने कड़ा ऐतराज जताया। यहीं से रिश्तों में दरार और फिर साजिश की शुरुआत हुई.
इंस्टाग्राम चैट ने खोली हत्या की परतें
हत्या के लगभग 15 दिन बाद, राजलक्ष्मी के भाई सिबा प्रसाद मिश्रा को लड़की का मोबाइल फोन मिला, जो वह भुवनेश्वर में छोड़ गई थी। फोन की जांच में इंस्टाग्राम चैट्स सामने आईं, जिनमें राजलक्ष्मी की हत्या की प्लानिंग का पूरा ब्योरा था.चैट में साफ लिखा था कि किस तरह से गहनों और कैश को हथियाना है, और हत्या को हार्ट अटैक जैसा दिखाना है। मिश्रा ने 14 मई को पुलिस में शिकायत दी, जिसके बाद केस में बड़ा मोड़ आया.
ऐसे दी गई मां को मौत
पुलिस की जांच में सामने आया कि लड़की ने पहले अपनी मां को नींद की गोलियां दीं और जब वह बेहोश हो गई, तो दोनों युवकों को बुलाकर तकिए से मुंह दबाकर उसकी हत्या कर दी। अस्पताल में मौत को हार्ट अटैक बताया गया और शव का अंतिम संस्कार भी करवा दिया गया.राजलक्ष्मी को दिल की बीमारी थी, इसलिए किसी को शक नहीं हुआ। सबकुछ लड़की की साजिश के मुताबिक चल रहा था.
हत्याकांड का मास्टरमाइंड बना पुजारी प्रेमी
पुलिस अधीक्षक जतिंद्र कुमार पांडा के अनुसार, गणेश रथ ने ही लड़की को हत्या के लिए उकसाया। उसने कहा कि मां के रहते उनका रिश्ता आगे नहीं बढ़ सकता और अगर उसे मार दिया जाए तो ना सिर्फ वे साथ रह सकते हैं बल्कि उसकी प्रॉपर्टी और गहनों पर भी कब्जा कर सकते हैं.हत्या के बाद लड़की ने रथ को कुछ सोने के गहने सौंपे, जिन्हें उसने लगभग 2.4 लाख रुपये में गिरवी रख दिया.
आरोपियों की गिरफ्तारी और बरामद सामान
पुलिस ने किशोरी लड़की, गणेश रथ और दिनेश साहू को गिरफ्तार कर लिया है। इनके पास से 30 ग्राम सोना, तीन मोबाइल फोन और दो तकिए बरामद किए गए हैं जो हत्या में इस्तेमाल हुए थे.फिलहाल तीनों आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं और पुलिस मामले की हर एंगल से जांच कर रही है.
इंसानियत के रिश्तों को शर्मसार करता अपराध
इस खौफनाक हत्याकांड ने एक बार फिर दिखा दिया कि लोभ और गलत संगत इंसान को किस हद तक गिरा सकती है। जिस बच्ची को ममता की छांव में पाला गया, उसी ने संपत्ति के लिए एक मां की जिंदगी छीन ली। समाज को ऐसे मामलों से बहुत कुछ सीखने की जरूरत है, खासकर किशोरों की परवरिश और उनकी संगत को लेकर.


