कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी का शो रद्द, बजरंग दल और VHP के विरोध के बाद फैसला
स्टैंड-अप कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी को कार्टर रोड पर भामला फाउंडेशन के कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया था. लेकिन बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद की आपत्ति और अराजकता की चेतावनी के चलते आयोजकों ने आखिरी वक्त पर फारुकी को कार्यक्रम से बाहर कर दिया. निर्णय कानून-व्यवस्था को देखते हुए लिया गया.

बुधवार को मुंबई के बांद्रा स्थित कार्टर रोड पर आयोजित विश्व पर्यावरण दिवस कार्यक्रम उस वक्त विवादों में आ गया जब स्टैंड-अप कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी की उपस्थिति को लेकर बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने कड़ा विरोध दर्ज कराया. कार्यक्रम का आयोजन भामला फाउंडेशन द्वारा किया गया था और इसमें मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद थे.
इस कार्यक्रम का उद्देश्य प्लास्टिक कचरे से बढ़ते प्रदूषण पर लोगों को जागरूक करना था. महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भी इस आयोजन का सह-आयोजक था. लेकिन मुनव्वर फारूकी के शामिल होने की खबर के बाद धार्मिक संगठनों ने विरोध तेज कर दिया.
बजरंग दल और VHP की आपत्ति
कार्यक्रम से एक दिन पहले ही बजरंग दल और VHP के कार्यकर्ताओं ने पुलिस को एक पत्र सौंपा था, जिसमें उन्होंने मुनव्वर फारूकी के कार्यक्रम में शामिल होने पर आपत्ति जताई थी. उनका आरोप था कि फारूकी अपने पूर्व के स्टैंड-अप शो में हिंदू देवी-देवताओं का अपमान कर चुके हैं. इसी कारण उन्हें इस सार्वजनिक कार्यक्रम से दूर रखा जाए, नहीं तो कानून-व्यवस्था बिगड़ सकती है.
बजरंग दल के कोंकण प्रांत के सह-संयोजक गौतम रावरिया ने कहा, “हम कार्यक्रम के खिलाफ नहीं हैं, हम उस व्यक्ति के खिलाफ हैं. प्रशासन को उससे दूरी बनानी चाहिए वरना बजरंग दल खुद कदम उठाएगा.”
फारूकी का नाम आखिरकार हटाया गया
इन चेतावनियों के मद्देनज़र आयोजकों ने मुनव्वर फारूकी को कार्यक्रम से बाहर करने का निर्णय लिया. कार्यक्रम की एक वॉलंटियर ने पुष्टि की कि फारूकी कार्यक्रम में नहीं आए थे, लेकिन उन्होंने और अधिक जानकारी देने से इनकार कर दिया.
मुनव्वर फारूकी का विवादित इतिहास
मुनव्वर फारूकी एक लोकप्रिय कॉमेडियन और टीवी रियलिटी शो विनर हैं. लेकिन उनका नाम कई बार विवादों में आ चुका है. जनवरी 2021 में मध्य प्रदेश पुलिस ने उन्हें धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में गिरफ्तार किया था. सुप्रीम कोर्ट से उन्हें जमानत मिली, लेकिन मामला अब भी अदालत में लंबित है. हाल ही में मार्च 2024 में अवैध हुक्का पार्लर में पुलिस रेड के दौरान भी उनकी गिरफ्तारी हुई थी.
इस ताज़ा विवाद ने एक बार फिर दिखाया कि कॉमेडी और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सामाजिक-राजनीतिक दबाव किस तरह असर डाल रहा है, खासकर जब मामला धर्म से जुड़ा हो.


