होम लोन सस्ते, EMI कम! आरबीआई ने उम्मीद से दोगुनी दर कटौती कर सबको चौंकाया, अब रियल एस्टेट में दिखेगी तेजी
भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो दर 0.50 बेसिस अंक कम कर 5.5% कर दी है जिससे ईएमआई सस्ती होगी. महंगाई नियंत्रण में है, आर्थिक वृद्धि का अनुमान 6.5% है. सीआरआर में कटौती से बैंकों को अतिरिक्त नकदी मिलेगी. रियल एस्टेट सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा, खासकर मध्यम आय वर्ग को लाभ.

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में रेपो दर को 6% से घटाकर 5.5% कर दिया है. यह निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया है. रेपो दर में यह कटौती ऐसे समय में हुई है जब महंगाई दर आरबीआई के अनुकूल स्तर पर आ गई है. यह राहत भरा कदम उन लोगों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होगा जो होम लोन जैसे दीर्घकालिक कर्जों की किश्तें चुका रहे हैं.
भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत
आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि वैश्विक आर्थिक परिदृश्य अब भी अनिश्चितताओं से घिरा है, परंतु भारत की अर्थव्यवस्था ने मजबूती दिखाई है. उन्होंने कहा कि देश की आर्थिक ताकत पांच प्रमुख क्षेत्रों की सुदृढ़ बैलेंस शीट में छिपी है. इसके अलावा, भारत घरेलू और विदेशी निवेशकों के लिए अपार संभावनाओं वाला देश बनता जा रहा है.
महंगाई पर नियंत्रण से नीति में नरमी
मल्होत्रा ने कहा कि महंगाई में उल्लेखनीय गिरावट आई है और निकट भविष्य में इसकी स्थिति स्थिर रहने की संभावना है. खाद्य और कोर मुद्रास्फीति दोनों में नरमी दिखाई दे रही है. आरबीआई का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में खुदरा महंगाई दर 3.7% रहेगी, जो पिछले अनुमान 4% से कम है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 3.16% रह गई, जो मार्च में 3.34% थी.
विकास दर का अनुमान
आरबीआई ने वित्त वर्ष 2025 के लिए जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान 6.5% पर बनाए रखा है. तिमाही दरों के हिसाब से अनुमान हैं: अप्रैल-जून 2.9%, जुलाई-सितंबर 3.4%, अक्टूबर-दिसंबर 3.9% और जनवरी-मार्च 4.4%. गवर्नर ने बताया कि उपभोक्ता व्यय में सुधार और औद्योगिक गतिविधियों में बढ़ोतरी देखी जा रही है. शहरी मांग में तेजी और ग्रामीण मांग में स्थिरता बनी हुई है.
सीआरआर में कटौती से क्या होगा?
आरबीआई ने नकद आरक्षित अनुपात (CRR) में भी 100 आधार अंकों की कटौती की है, जिससे बैंकों के पास 2.5 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी उपलब्ध होगी. सीआरआर वह राशि होती है जो बैंकों को अपनी कुल जमा राशि में से आरबीआई के पास सुरक्षित रखनी होती है.
रियल एस्टेट सेक्टर को मिलेगा बढ़ावा
रेपो दर में कटौती से रियल एस्टेट सेक्टर को भी राहत मिलने की उम्मीद है. कोलियर्स इंडिया के विमल नादर के अनुसार, इससे होम लोन की ब्याज दरों में कमी आएगी, जिससे मध्यम आय वर्ग के खरीदारों को घर खरीदना अधिक सुलभ हो जाएगा. स्क्वायर यार्ड्स के पीयूष बोथरा ने भी कहा कि ईएमआई में कमी से खरीदारों की रुचि बढ़ेगी और डेवलपर्स को नए प्रोजेक्ट्स लॉन्च करने में आत्मविश्वास मिलेगा.


