भारत की कूटनीति ने दिखाया असर, मुस्लिम देशों ने पाकिस्तान को बताया आतंक का जनक
भारत को पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ एक बड़ी कूटनीतिक जीत मिली है. खाड़ी और पश्चिम एशिया के मुस्लिम देशों जैसे सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन और अल्जीरिया ने भारत के रुख का समर्थन करते हुए पाकिस्तान को आतंकवाद की जड़ और एक समस्या बताया है.

भारत ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ एक और बड़ी कूटनीतिक जीत हासिल की है. भारत सरकार द्वारा खाड़ी और पश्चिम एशिया के मुस्लिम देशों में भेजे गए प्रतिनिधिमंडल को वहां से जो प्रतिक्रियाएं मिली हैं, वे बेहद चौंकाने वाली और भारत के पक्ष में हैं. इन देशों ने पाकिस्तान को आतंकवाद का पोषक मानते हुए साफ कहा कि अब वे भारत और पाकिस्तान को एक ही नजर से नहीं देखते.
बीजेपी सांसद बैजयंत पांडा की अगुवाई में भेजे गए इस प्रतिनिधिमंडल को सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन और अल्जीरिया जैसे मुस्लिम देशों से यह स्पष्ट संदेश मिला कि वे पाकिस्तान को शोषक और कट्टरपंथी देश मानते हैं, जबकि भारत को विकास और साझेदारी का प्रतीक.
खाड़ी देशों में भारत को मिला जबरदस्त समर्थन
सांसद बैजयंत पांडा के नेतृत्व में गया भारतीय प्रतिनिधिमंडल खाड़ी देशों में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर भारत की स्थिति को स्पष्ट करने गया था. वहां उन्हें बेहद सकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिलीं. पांडा ने बताया कि इन देशों ने पाकिस्तान से खुद को अलग बताया और कहा कि भारत और पाकिस्तान अब एक जैसे नहीं हैं.
इन मुल्कों ने भारत के साथ अपने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों का भी जिक्र किया. उन्होंने बताया कि उनके दादा-परदादा "तेल युग" से पहले भारत के साथ व्यापार करते थे और 1960 के दशक तक भारतीय मुद्रा का उपयोग होता था.
आतंकवाद के मुद्दे पर बदला OIC का नजरिया
पहले जहां इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) पूरी तरह से पाकिस्तान का समर्थन करता था, अब उसमें भी बदलाव दिख रहा है. कुछ सदस्य देश भारत के साथ खड़े नजर आ रहे हैं. बैजयंत पांडा के अनुसार, OIC के कई सदस्य अब यह मानते हैं कि आतंकवाद की जड़ें पाकिस्तान में हैं और वहां सक्रिय संगठनों पर कार्रवाई की जानी चाहिए. कुछ OIC सदस्य देशों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) और फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) के मंचों पर पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अपनाने की भी बात कही है.
भारत-पाकिस्तान को लेकर बदला नजरिया
पांडा ने इस भ्रम को खारिज किया कि भारत और पाकिस्तान को एक जैसे देखा जाता है. उन्होंने कहा, "कम से कम खाड़ी देशों, अल्जीरिया और पश्चिम एशिया में, वे भारत और पाकिस्तान को एक साथ नहीं देखते. उन्होंने हमसे साफ कहा कि भारत और पाकिस्तान अलग-अलग ऑर्बिट में हैं."उन्होंने आगे कहा, "कुछ लोग शायद जानबूझकर या अनजाने में स्थिति को गलत तरह से पेश करते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि भारत एक अवसर है और पाकिस्तान एक समस्या."
मजबूत होते द्विपक्षीय रिश्ते
भारत और खाड़ी देशों के बीच बीते कुछ वर्षों में रिश्ते लगातार मजबूत हुए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इन देशों की यात्राओं और आर्थिक सहयोग ने संबंधों को नई ऊंचाई दी है. सऊदी अरब सहित कई देशों ने पीएम मोदी को अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा है.
सैन्य सहयोग, संयुक्त युद्ध अभ्यास और खुफिया साझेदारी जैसे क्षेत्रों में भी भारत ने इन देशों का भरोसा हासिल किया है. यही कारण है कि आज खाड़ी देश आतंकवाद पर भारत के रुख का न केवल समर्थन कर रहे हैं, बल्कि पाकिस्तान को समस्या के रूप में भी चिन्हित कर चुके हैं.
आतंकवाद के खिलाफ भारत की मुहिम को वैश्विक समर्थन
इस प्रतिनिधिमंडल की सफलता यह दिखाती है कि अब दुनिया भारत के आतंकवाद के खिलाफ रुख को गंभीरता से ले रही है. खासतौर पर वे मुस्लिम देश जो कभी पाकिस्तान के समर्थन में खड़े होते थे, अब खुद आतंकवाद के खतरे को महसूस कर रहे हैं और भारत के साथ खड़े हो रहे हैं.
बैजयंत पांडा के अनुसार, “ये देश सुधार के रास्ते पर हैं और अपने यहां कट्टरता के लिए कोई जगह नहीं छोड़ना चाहते. पाकिस्तान ने इन देशों से कर्ज तो लिए हैं, लेकिन उनका उपयोग आतंक फैलाने में किया है.”
भारत की भूमिका मजबूत
भारत की वैश्विक कूटनीति, विशेषकर मुस्लिम देशों के साथ संवाद, अब रंग ला रही है. पाकिस्तान की आतंकवाद पोषक छवि को लेकर अब उसके परंपरागत सहयोगी भी सतर्क हो गए हैं. यह भारत की रणनीतिक और कूटनीतिक दृष्टिकोण की बड़ी सफलता है.


