क्या है अनूप जलोटा का खास मिशन? पीएम मोदी ने की सराहना
अनूप जलोटा इन दिनों एक खास मिशन में स अनूठे मिशन में व्यस्त हैं. उनका लक्ष्य है कि वे दुनिया भर के 500 भजन गायकों को एक मंच पर इकट्ठा करें और सभी एक साथ भजनों का सामूहिक गायन करें.

प्रसिद्ध भजन सम्राट और गायक अनूप जलोटा इन दिनों एक अनूठे मिशन में व्यस्त हैं. उनका लक्ष्य है कि वे दुनिया भर के 500 भजन गायकों को एक मंच पर इकट्ठा करें और सभी एक साथ भजनों का सामूहिक गायन करें. इस प्रयास को उन्होंने ‘मिशन 500’ का नाम दिया है. इस योजना के तहत अनूप जलोटा ऐसे कलाकारों की तलाश कर रहे हैं जिनके पास न सिर्फ भजन गायन की क्षमता हो, बल्कि संगीत की गहरी समझ भी हो.
अनूप जलोटा के मिशन पर पीएम मोदी ने क्या कहा?
अनूप जलोटा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की और उन्हें अपने इस मिशन के बारे में अवगत कराया. प्रधानमंत्री ने इस पहल की सराहना की और इसे बेहद प्रेरणादायक बताया. मिशन की सफलता के लिए अनूप जलोटा खुद विभिन्न देशों की यात्रा कर रहे हैं, ताकि प्रतिभाशाली भजन गायकों को ढूंढा जा सके.
नवंबर तक के आंकड़ों के अनुसार, अनूप जलोटा अब तक 7 देशों का दौरा कर चुके हैं, जिनमें यूरोपीय देशों का भी समावेश है. इसके पहले अक्टूबर में उन्होंने मध्य पूर्व के कई देशों में भी गायकों की तलाश की थी. अब तक उन्हें 100 भजन गायकों की पहचान हो चुकी है, जबकि 400 गायकों की खोज अभी भी जारी है.
अनूप जलोटा ने बताया कि उनका सपना है कि 500 गायकों की एक टोली एक मंच पर खड़ी हो और ‘ऐसी लागी लगन’ और ‘जग में सुंदर हैं दो नाम’ जैसे भजन सामूहिक रूप से गायन करें. उनका मानना है कि यह पहल न केवल भजनों के प्रति लोगों के प्रेम को बढ़ाएगी, बल्कि संगीत के महत्व को भी व्यापक रूप से फैलाएगी.
अनूप जलोटा का सफर
अनूप जलोटा का संगीत सफर काफी प्रेरणादायक रहा है. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत ऑल इंडिया रेडियो में कोरस सिंगर के रूप में की थी. इसके बाद उन्होंने फिल्म, टीवी और स्टेज शोज में अपनी आवाज़ से लोगों का दिल जीता. उनके कुछ लोकप्रिय भजन हैं ‘प्रभुजी तुम चंदन हम पानी’, ‘राधा के बिना श्याम आधा’, और ‘चदरिया झीनी रे झीनी’. इसके अलावा अनूप जलोटा टीवी रियलिटी शो ‘बिग बॉस’ के 18वें सीजन में भी नजर आ चुके हैं.
अनूप जलोटा का यह ‘मिशन 500’ न सिर्फ भजनों को समर्पित है, बल्कि यह संगीत प्रेमियों के लिए भी एक अनोखा अनुभव साबित होगा. उनके इस प्रयास से न केवल नए प्रतिभाशाली गायकों को मंच मिलेगा, बल्कि भजन संगीत की परंपरा को भी एक नई दिशा मिलेगी.


