'बंगाल को दिल्ली से रिमोट कंट्रोल के लिए जरिए चलाना चाहती है बीजेपी', ममता का केंद्र पर बड़ा आरोप
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा पर बंगाल में तानाशाही थोपने और राज्य को औपनिवेशिक रूप से नियंत्रित करने का आरोप लगाया. विधानसभा में प्रवासी बंगालियों पर हमले, शुभेंदु अधिकारी का निलंबन और केंद्र की नीतियों को लेकर तीखी बहस हुई. ममता ने भाजपा को इतिहास में देशद्रोही बताया और केंद्र की योजनाओं को चुनावी चाल बताया.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर राज्य पर कथित रूप से तानाशाही शासन थोपने की कोशिश करने का आरोप लगाया. विधानसभा में हुई चर्चा के दौरान उन्होंने भाजपा की सोच को औपनिवेशिक मानसिकता करार दिया और कहा कि पार्टी बंगाल को दिल्ली से रिमोट कंट्रोल के जरिए चलाना चाहती है. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि भाजपा की मानसिकता औपनिवेशिक शासकों जैसी है. वे बंगाल को केवल एक उपनिवेश की तरह देख रहे हैं, जिसे वे अपने हिसाब से नियंत्रित करना चाहते हैं. ममता के इस बयान पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के विधायकों ने जोरदार तालियां बजाकर समर्थन व्यक्त किया.
प्रवासी बंगालियों पर अत्याचार का मुद्दा
विधानसभा में उस समय बहस और भी गर्म हो गई जब बंगाल के बाहर रहने वाले बंगाली प्रवासियों पर हो रहे कथित हमलों को लेकर एक सरकारी प्रस्ताव पर चर्चा हो रही थी. ममता ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि वे पश्चिम बंगाल को नियंत्रित करने का प्रयास कर रहे हैं और इसे दिल्ली से चलाना चाहते हैं. यह संघीय ढांचे के खिलाफ है.
विधानसभा में हंगामा
इस मुद्दे पर चर्चा के दौरान सदन में माहौल तनावपूर्ण हो गया. तृणमूल और भाजपा विधायकों के बीच तीखी नोकझोंक और नारेबाजी शुरू हो गई. स्थिति इतनी बिगड़ गई कि सत्ता पक्ष के कुछ विधायक विपक्ष की सीटों की ओर बढ़ गए, जिसके चलते मार्शलों को हस्तक्षेप करना पड़ा. इसी बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अपना भाषण बीच में रोकना पड़ा.
शुभेंदु अधिकारी के निलंबन पर विवाद
इससे पहले भाजपा विधायकों ने विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी को 2 सितंबर को निलंबित किए जाने के खिलाफ प्रदर्शन किया. उन्होंने इसे लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ बताया, जिस पर टीएमसी विधायकों ने तीखी प्रतिक्रिया दी और भाजपा को आड़े हाथों लिया.
भाजपा के पूर्वजों ने देश के साथ किया विश्वासघात
अपने भाषण में ममता ने भाजपा पर ऐतिहासिक आरोप भी लगाए. उन्होंने कहा कि भाजपा एक तानाशाही पार्टी है. उनके वैचारिक पूर्वजों ने न तो देश की आजादी के लिए संघर्ष किया और न ही स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया. उन्होंने तब देश के साथ धोखा किया था और अब फिर वही करने की कोशिश कर रहे हैं.
केंद्र की नीतियों पर तीखी टिप्पणी
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए ‘विदेशी अधिनियम’ के आदेश को "चुनावी नौटंकी" बताते हुए कहा कि इस तरह की रणनीतियां अब मतदाताओं को प्रभावित नहीं कर सकतीं. उन्होंने केंद्र पर संवैधानिक ढांचे को कमजोर करने का भी आरोप लगाया.


