टेस्ला करेगी भारत में निवेश?, DOGE प्रमुख एलन मस्क और पीएम मोदी के बीच क्या हुई बात
प्रधानमंत्री मोदी और एलन मस्क के बीच फोन पर बातचीत ऐसे समय में हुई है जब अमेरिका और चीन के बीच भीषण व्यापार युद्ध चल रहा है, जिसमें दोनों देशों ने एक-दूसरे पर टैरिफ लगा रखे हैं. अमेरिका को चीन से होने वाले सभी निर्यातों पर 245 प्रतिशत तथा अमेरिका से होने वाले सभी आयातों पर चीन द्वारा पहले से लागू 67 प्रतिशत टैरिफ के अतिरिक्त 125 प्रतिशत का जवाबी टैरिफ लगाया है.

अमेरिकी सरकार के कार्यदक्षता विभाग (DOGE) के प्रमुख एलन मस्क के साथ टेलीफोन पर चर्चा की, जिसमें उन्होंने "प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्रों में सहयोग की अपार संभावनाओं" सहित कई मुद्दों पर चर्चा की. पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि भारत इन क्षेत्रों में अमेरिका के साथ साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है. पीएम मोदी ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि एलन मस्क से बात की और विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की, जिनमें इस साल की शुरुआत में वाशिंगटन डीसी में हमारी बैठक के दौरान हुई बातचीत के विषय भी शामिल थे. हमने प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्रों में सहयोग की अपार संभावनाओं पर चर्चा की. अमेरिका के साथ भारत इन क्षेत्रों में अपनी साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है."
फरवरी में हुई थी मस्क से मुलाकात
पीएम मोदी ने इस साल फरवरी में डोनाल्ड ट्रंप के जनवरी में दूसरे कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति पद संभालने के बाद अपनी पहली अमेरिकी यात्रा के दौरान टेस्ला के सीईओ से मुलाकात की थी. मस्क अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ ब्लेयर हाउस में पीएम से मिले थे. प्रधानमंत्री मोदी और एलन मस्क ने इनोवेशन, स्पेस, AI और विकास में भारतीय और अमेरिकी के बीच सहयोग को मजबूत करने पर चर्चा की. बैठक के बाद मोदी ने एक्स पर लिखा कि उन्होंने एलन मस्क के साथ बैठक में अंतरिक्ष, गतिशीलता, प्रौद्योगिकी और नवाचार जैसे विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की .
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा था कि मोदी और मस्क ने इनोवेशन, स्पेस प्रोग्राम, AI और सतत विकास में भारतीय और अमेरिका बीच सहयोग को मजबूत करने के बारे में चर्चा की. बयान में कहा गया था कि उनकी चर्चा में उभरती टेक्नोलॉजी, उद्यमिता और सुशासन में सहयोग को गहरा करने के अवसरों पर भी चर्चा हुई."
अमेरिका-चीन के बीच टैरिफ वॉर
प्रधानमंत्री मोदी और एलन मस्क के बीच फोन पर बातचीत ऐसे समय में हुई है जब अमेरिका और चीन के बीच भीषण व्यापार युद्ध चल रहा है, जिसमें दोनों देशों ने एक-दूसरे पर टैरिफ लगा रखे हैं. अमेरिका को चीन से होने वाले सभी निर्यातों पर 245 प्रतिशत तथा अमेरिका से होने वाले सभी आयातों पर चीन द्वारा पहले से लागू 67 प्रतिशत टैरिफ के अतिरिक्त 125 प्रतिशत का जवाबी टैरिफ लगाया है.
इन टैरिफ से उद्योग पर गंभीर प्रभाव पड़ा है, क्योंकि चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका वैश्विक स्तर पर दो सबसे बड़े विनिर्माण देश हैं. अमेरिका की अधिकांश शीर्ष प्रौद्योगिकी कंपनियाँ अपने अधिकांश उत्पादों का निर्माण चीन में करती हैं. टैरिफ ने प्रौद्योगिकी क्षेत्र के मालिकों को अपने उत्पादों के निर्माण के लिए वैकल्पिक स्थानों की तलाश करने पर मजबूर कर दिया है


