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'डॉग लवर्स 25,000 और NGO 2 लाख रुपये जमा करें, नहीं तो..', याचिकाकर्ताओं से SC ने ऐसा क्यों कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि वैक्सीनेशन के बाद आवारा कुत्तों को उनके इलाके में छोड़ा जाएगा, लेकिन आक्रामक और रेबीज पीड़ित कुत्ते शेल्टर में ही रहेंगे. इसके साथ ही, डॉग लवर्स को ₹25,000 और एनजीओ को ₹2 लाख 7 दिन में जमा करने होंगे, वरना उन्हें आगे की सुनवाई में शामिल नहीं किया जाएगा.

Supreme Court on Stray Dogs: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आवारा कुत्तों को लेकर अपने पुराने आदेश में बड़ा बदलाव किया है. 11 अगस्त को दिए गए उस आदेश में दिल्ली-एनसीआर में कुत्तों को पकड़कर शेल्टर होम में रखने की बात कही गई थी, लेकिन अब कोर्ट ने उसमें संशोधन करते हुए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि वैक्सीनेशन के बाद स्ट्रे डॉग्स को उनके मूल इलाके में छोड़ा जाएगा. हालांकि, जो कुत्ते आक्रामक प्रवृत्ति के हैं या रेबीज से पीड़ित हैं, उन्हें शेल्टर होम से बाहर नहीं लाया जाएगा. साथ ही, कोर्ट ने डॉग लवर्स और एनजीओ के लिए आर्थिक शर्तें भी तय कर दी हैं.

शुक्रवार को जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एनवी अंजारिया की बेंच ने ये फैसला सुनाया. कोर्ट ने कहा कि डॉग लवर्स को ₹25,000 और एनजीओ को ₹2 लाख की राशि 7 दिन के अंदर सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री में जमा करनी होगी. अगर ये रकम जमा नहीं की जाती है तो संबंधित पक्षकारों को आगे इस मामले में सुनवाई के दौरान पेश होने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

पुराने आदेश में किया गया बदलाव

इससे पहले 11 अगस्त को जस्टिस जेबी पारडीवाला और जस्टिस आर महादेवन की बेंच ने आदेश दिया था कि वैक्सीनेशन के बाद भी आवारा कुत्तों को शेल्टर होम से बाहर नहीं छोड़ा जाएगा. कोर्ट ने उस समय कुत्तों के काटने से रेबीज और मौत के बढ़ते मामलों को देखते हुए ये सख्त कदम उठाया था. इस आदेश का कई डॉग लवर्स और एनजीओ ने विरोध किया था और मामला चीफ जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई के पास पहुंचा. इसके बाद तीन जजों की बेंच ने 14 अगस्त को सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रखा था.

खाने की व्यवस्था पर भी गाइडलाइन

कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अब आवारा कुत्तों को कहीं भी और बेतरतीब तरीके से खाना खिलाने की अनुमति नहीं होगी. इसके लिए विशेष स्थान निर्धारित किए जाएंगे और सिर्फ उन्हीं जगहों पर भोजन उपलब्ध कराया जा सकेगा. बेंच ने कहा कि जो भी डॉग लवर्स और एनजीओ इस मामले में दखल देना चाहते हैं, उन्हें सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री में निर्धारित राशि जमा करनी होगी. ये राशि 7 दिन के अंदर जमा करना अनिवार्य है, अन्यथा उन्हें भविष्य में इस मामले की सुनवाई में शामिल नहीं किया जाएगा.

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22 August 2025, 04:43 PM IST

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