score Card

'भारत सनातन धर्म का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगा', सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई गवई की ओर उछाला गया जूता

सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को उस समय नाटकीय दृश्य देखने को मिला जब एक वकील ने सुनवाई के दौरान सीजेआई बीआर गवई पर जूता फेंकने की कोशिश की. जब आरोपी को कोर्ट रूम से बाहर ले जाया जा रहा था, तो वह चिल्लाया, "भारत सनातन धर्म का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगा."

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को उस समय माहौल गरमा गया जब एक सुनवाई के दौरान एक वकील ने सीजेआई बी.आर. गवई की अध्यक्षता वाली पीठ की ओर कथित तौर पर जूता फेंकने का प्रयास किया. इस अप्रत्याशित घटना के बाद कोर्टरूम में अफरातफरी मच गई, जिसके तुरंत बाद सुरक्षाकर्मियों ने आरोपी वकील को हिरासत में ले लिया. घटना के बावजूद, न्यायमूर्ति गवई ने शांति बनाए रखी और अदालत की कार्यवाही को बिना किसी रुकावट के जारी रखा, जिससे न्यायपालिका की गरिमा बनी रही.

कोर्टरूम में अप्रत्याशित घटना

यह घटना तब हुई जब सुप्रीम कोर्ट में एक मामले की सुनवाई चल रही थी. इसी बीच, एक वकील ने अपनी सीट से उठकर कथित तौर पर सीजेआई बी.आर. गवई की ओर अपना जूता उछालने की कोशिश की. इससे पहले कि स्थिति और बिगड़ती, वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने तेजी से कार्रवाई करते हुए वकील को पकड़ लिया. जब उसे कोर्टरूम से बाहर ले जाया जा रहा था, तो वह जोर-जोर से नारे लगा रहा था, "भारत सनातन धर्म का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगा." इस घटना ने कोर्ट की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, जिसके बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट परिसर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है.

घटना के पीछे की वजह?

प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, वकील की यह हरकत एक न्यायिक टिप्पणी पर उसकी नाराजगी का परिणाम थी. साथी वकीलों के अनुसार, आरोपी वकील भगवान विष्णु से संबंधित एक मामले में न्यायमूर्ति द्वारा की गई किसी टिप्पणी से आहत था. उसे लगा कि यह टिप्पणी सनातन धर्म का अपमान है, जिसके चलते उसने गुस्से में यह कदम उठाया. इस घटना ने एक बार फिर न्यायिक टिप्पणियों और उनकी सार्वजनिक व्याख्या को लेकर बहस छेड़ दी है. हालांकि, किसी भी असहमति को व्यक्त करने का यह तरीका पूरी तरह से अस्वीकार्य और कानून के विरुद्ध माना जाता है.

कानूनी बिरादरी की कड़ी निंदा

इस घटना की कानूनी बिरादरी ने एक सुर में कड़ी निंदा की है. मौके पर मौजूद एक अन्य वकील ने इस कृत्य को बेहद दुखद और निंदनीय बताया. उन्होंने कहा कि यह बहुत ही शर्मनाक है कि एक वकील ने, जो खुद न्याय प्रणाली का हिस्सा है, इस तरह का हमला करने का प्रयास किया. हमें जांच में पता चला है कि वह 2011 से बार के सदस्य हैं." 

calender
06 October 2025, 01:05 PM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag