score Card

'मौत से पहले की आखिरी झप्पी', महिला ने बच्चों को आखिरी वक्त तक लगाया गले...हैदराबाद आग की घटना ने सबको कर दिया मायूस

हैदराबाद के चारमीनार इलाके में एक पुराने भवन में आग लगने से एक ही परिवार के 17 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई. बिजली की गड़बड़ी से शुरू हुई आग में दम घुटने और जलने से मौतें हुईं. एक मां अपने बच्चों को गले लगाए जलती मिली. अधिकांश इमारतें पुरानी और संकीर्ण थीं, जिससे रेस्क्यू मुश्किल हुआ. पीएम मोदी और सीएम रेवंत रेड्डी ने दुख जताया और मुआवज़े की घोषणा की.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

हैदराबाद के ऐतिहासिक चारमीनार इलाके के पास एक भीड़भाड़ वाले बाजार क्षेत्र में एक दर्दनाक हादसा पेश आया. एक पुराने भवन में अचानक आग लगने से एक ही परिवार के 17 लोगों की मौत हो गई. इस घटना ने न केवल पूरे इलाके को हिला दिया, बल्कि मानवीय साहस और लापरवाही के खतरों को भी उजागर कर दिया.

मौत से पहले की आखिरी झप्पी

आग लगने के कुछ ही पलों में बाजार के लोग बिना किसी इंतज़ार के बचाव के लिए दौड़ पड़े. चूड़ी व्यवसायी ज़हीर ने बताया कि जैसे ही वे भीतर पहुंचे, धुएं और आग ने सब कुछ ढक रखा था. उन्होंने कहा कि एक मां, जिसने अपने बच्चों को बचाने की आखिरी कोशिश में उन्हें गले लगा लिया था. ज़हीर ने कहा कि वो महिला बच्चों को सीने से लगाए बैठी थी. वह मर चुकी थी, लेकिन उसने अपने बच्चे को आखिरी वक्त तक गले लगा रखा था."

पुरानी इमारतें बनीं मौत का कारण

पुलिस और अग्निशमन विभाग के अनुसार, आग बिजली की खराबी के कारण लगी. पीड़ित जब सो रहे थे, तभी अचानक आग भड़क उठी. बाजार की संरचना, यानी एक मंज़िल पर दुकान और ऊपर कमरे, रेस्क्यू ऑपरेशन में बड़ी बाधा बन गई.

  • अधिकतर इमारतें 100 साल से भी पुरानी हैं.
  • ऊपर के कमरों में सिर्फ एक ही संकरा प्रवेश द्वार है.
  • रात में बंद खिड़कियों के कारण धुआं कमरे में भर गया, जिससे दम घुटने से मौतें हुईं.

ज़हीर की गवाही और धुएं की त्रासदी

ज़हीर ने आगे बताया कि वह और उनके साथियों ने जान की बाजी लगाकर 13 लोगों को बाहर निकाला, लेकिन धुएं की तीव्रता इतनी थी कि कुछ भी साफ नजर नहीं आ रहा था. “हमने एक दीवार तोड़ी ताकि अंदर जा सकें,” ज़हीर ने बताया. उन्होंने बताया कि अधिकतर मौतें या तो झुलसने से हुईं या धुएं से दम घुटने के कारण. मासूम बच्चों की मौत, एक ही परिवार में उजड़ा घर. तेलंगाना अग्निशमन विभाग के मुताबिक, मरने वालों में 8 मासूम बच्चे शामिल हैं, जिनमें सबसे छोटा मात्र एक वर्ष का था. इसके अलावा 4 बुजुर्ग और 5 महिलाएं भी शामिल हैं. यह पूरा परिवार एक ही घर में रहता था. हादसे में सिर्फ एक सदस्य जीवित बचा, जो उस समय टहलने के लिए बाहर गया हुआ था.

तेलंगाना अग्निशमन सेवा के महानिदेशक वाई नागी रेड्डी ने बताया कि आग की खबर मिलते ही दमकल की टीमें तुरंत मौके पर पहुंच गईं. लेकिन मुख्य समस्या एकमात्र और संकीर्ण सीढ़ियों वाला प्रवेश द्वार रहा, जिससे निकास असंभव हो गया. रेड्डी ने कहा कि धुआं ही असली कातिल बना, जिसने ऊपर के फ्लोर तक तेजी से फैलकर लोगों को बेहोश कर दिया. उन्होंने व्यापारियों और नागरिकों से अपील की कि वे आग से सुरक्षा के उपायों को गंभीरता से अपनाएं, क्योंकि "आग किसी को नहीं बख्शती".

पीएम मोदी और मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी की संवेदनाएं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हृदयविदारक घटना पर गहरा शोक जताया और मृतकों के परिजनों को PMNRF से 2 लाख रुपये तथा घायलों को 50,000 रुपये देने की घोषणा की. तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने भी दुःख जताया और अधिकारियों को आदेश दिया कि राहत कार्य में कोई देरी न हो और घायलों को सर्वोत्तम इलाज मिल सके.

calender
18 May 2025, 04:10 PM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag