Masik Shivratri: मई में कब है मासिक शिवरात्रि? जानिए तिथि, पूजा विधि और महत्व

Masik Shivratri: मासिक शिवरात्रि हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है. यह दिन भगवान शिव की आराधना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है. मई 2025 की मासिक शिवरात्रि 25 मई, शनिवार को मनाई जाएगी.

Shivani Mishra
Edited By: Shivani Mishra

Masik Shivratri: हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि एक अत्यंत पवित्र अवसर माना जाता है, जो प्रत्येक माह भगवान शिव को समर्पित होता है. यह दिन शिवभक्तों के लिए आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त करने, जीवन की बाधाओं को दूर करने और ईश्वर की कृपा पाने का एक सुनहरा अवसर होता है.

ज्येष्ठ मास की मासिक शिवरात्रि इस बार शनिवार, 25 मई 2025 को पड़ रही है. इस पावन रात्रि में भोलेनाथ की आराधना करने से साधक को मानसिक, शारीरिक और आत्मिक शुद्धि का लाभ प्राप्त होता है. आइए जानते हैं इस विशेष दिन की तिथि, पूजा विधि, व्रत का महत्व और लाभ.

मासिक शिवरात्रि की तिथि और शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास की मासिक शिवरात्रि 25 मई, शनिवार को है. चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ 25 मई को दोपहर 3:51 बजे होगा और यह 26 मई को दोपहर 12:11 बजे समाप्त होगी.

पूजा का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त (निशीथ काल)

  • रात्रि 11:58 बजे से 12:38 बजे तक.

  • इस समय शिव पूजन करने से भक्तों को अधिकतम पुण्य प्राप्त होता है.

कैसे करें भगवान शिव की आराधना?

इस रात्रि में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए विशेष पूजा अर्चना की जाती है. पूजन में निम्नलिखित सामग्रियों का उपयोग किया जाता है-

  • बिल्व पत्र (बेल पत्र)

  • शुद्ध जल

  • धतूरा (फल और पुष्प दोनों)

भक्त रात्रि के समय शिवलिंग पर इन वस्तुओं को अर्पित करते हैं और "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करते हैं. यह मंत्र 108 बार जपने से विशेष आध्यात्मिक फल प्राप्त होता है.

इन प्रसादों से प्रसन्न होते हैं भगवान शिव

भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए रात्रि में विशेष भोग अर्पित किया जाता है-

  • मालपुआ

  • ठंडाई

  • मौसमी फल

  • अन्य मीठे पकवान

ऐसा माना जाता है कि ये भोग भगवान शिव को अत्यंत प्रिय होते हैं और इनसे वे शीघ्र प्रसन्न होते हैं.

व्रत का महत्व और लाभ

मासिक शिवरात्रि का व्रत विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी माना जाता है जो जीवन में मानसिक शांति, वैवाहिक सुख, संतान प्राप्ति, और आर्थिक समृद्धि की कामना रखते हैं.

यह व्रत राहु, केतु, शनि और चंद्र दोषों को शांत करने में सहायक होता है. व्रत रखने से ग्रहदोषों का प्रभाव कम होता है और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं.

Disclaimer: ये आर्टिकल धार्मिक मान्यताओं और सामान्य जानकारी पर आधारित है. JBT इसकी पुष्टि नहीं करता.

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18 May 2025, 04:09 PM IST

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