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ज्योति मल्होत्रा पर अभी और कसेगा शिकंजा, पाकिस्तान के लिए जासूसी करने को लेकर मिलिट्री इंटेलिजेंस, आईबी करेगी पूछताछ

हरियाणा की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा पर ISI के लिए जासूसी करने का आरोप है. वह पाकिस्तानी अधिकारी दानिश के संपर्क में थी और कोड नामों के जरिए संवेदनशील जानकारी भेजती थी. उसके इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से कई संदिग्ध सामग्री बरामद हुई है. जांच एजेंसियां उसकी यात्राओं, बैंक लेन-देन और सहयोगियों की भी पड़ताल कर रही हैं. यूपी के कैराना से जुड़े ISI नेटवर्क की भी जांच हो रही है, जहां से पहले भी कई गिरफ्तारी हो चुकी हैं.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

हरियाणा की चर्चित ट्रैवल व्लॉगर और यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने का आरोप लगने के बाद मामला गंभीर हो गया है. हरियाणा पुलिस की गिरफ्त में आई ज्योति से अब मिलिट्री इंटेलिजेंस और इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) की टीमें भी पूछताछ करेंगी. उसके पास से जब्त किए गए मोबाइल, लैपटॉप और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज़ को फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है.

संदिग्ध सामग्री और पाकिस्तान से लिंक

हिसार के डिप्टी एसपी कमलजीत के अनुसार, ज्योति लगातार एक पाकिस्तानी नागरिक के संपर्क में थी. जब उसके गैजेट्स की जांच की गई तो उसमें कई संदिग्ध फाइलें और चैट सामने आईं. पुलिस अब उसके फोन में सेव पाकिस्तानी नंबरों को ट्रेस कर रही है.

यात्राएं और बैंक लेनदेन भी जांच के घेरे में

जांच एजेंसियां ज्योति की 2023 से 2025 के बीच की यात्रा गतिविधियों को खंगाल रही हैं. इसमें देशभर के राज्यों के साथ-साथ आठ विदेशी यात्राएं भी शामिल हैं. इसके अलावा, उसके बैंक खातों की भी पड़ताल हो रही है ताकि पता चल सके कि उसे कहां से पैसे मिलते थे और कैसे खर्च किए जाते थे.

क्या अकेली नहीं थी ज्योति?

जांच का एक अहम पहलू यह भी है कि क्या ज्योति अकेले काम कर रही थी या फिर किसी अन्य व्यक्ति की मदद से भारतीय गोपनीय जानकारियां पाकिस्तान तक पहुंचा रही थी. इस सिलसिले में जिन अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनके मोबाइल डेटा की भी गहन जांच की जा रही है.

गिरफ्तार अन्य संदिग्ध

अब तक जिन संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है, उनमें शामिल हैं:

ग़ज़ाला (पंजाब)

यासीन मोहम्मद

नोमान इलाही (कैराना, यूपी)

अरमान (26 वर्षीय, नूह)

देवेंद्र सिंह ढिल्लों (25 वर्षीय, कैथल)

अधिकारियों की मानें तो दानिश नामक पाकिस्तानी अधिकारी ने इन सभी को अलग-अलग तरीके से ISI के लिए भर्ती किया था या फिर वे आपस में जुड़े हुए थे.

कोड भाषा में होती थी बातचीत

पूछताछ में सामने आया कि ज्योति और दानिश के बीच होने वाली बातचीत कोड नामों में होती थी. चैट और कॉल लॉग से पता चला है कि पाकिस्तानी कॉन्टैक्ट्स को उनके असली नामों की बजाय कोड वर्ड्स से सेव किया गया था.

सोशल मीडिया से जासूसी तक का सफर

दानिश ने भारत में कई सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स से संपर्क साधा हुआ था. ज्योति भी उन्हीं में से एक थी, जिसे खासतौर पर पहलगाम आतंकी हमले के समय पाकिस्तान के पक्ष में सोशल मीडिया पर प्रचार करने के लिए इस्तेमाल किया गया. ज्योति की पाकिस्तान यात्रा का पूरा खर्च दानिश ने उठाया था, जो उस समय दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में कार्यरत था.

कैराना: जासूसी नेटवर्क का गढ़?

जांच एजेंसियां यूपी के कैराना इलाके पर विशेष फोकस कर रही हैं, जहां से पकड़ा गया नोमान इलाही ISI का एक अहम एजेंट बताया जा रहा है. सूत्रों के अनुसार, इस क्षेत्र से कई युवक ISI के संपर्क में हैं और सीमा पार से राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं.

पहले भी सामने आ चुके हैं कैराना से लिंक

  • कैराना और उसके आसपास के इलाकों से पिछले वर्षों में कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं:
  • 2024 में STF ने शामली से कलीम और तहसीम को गिरफ्तार किया, जो ISI के लिए व्हाट्सऐप के जरिए जानकारी भेज रहे थे.
  • 2023 में कांधला निवासी सरदार अली को गिरफ्तार किया गया, जो पाकिस्तानी आतंकी वारिस का सहयोगी था.
  • 2021 के दरभंगा ब्लास्ट केस में NIA ने कैराना के सलीम टुइयां और कफील को पकड़ा.
  • 1995 में कैराना के इकबाल काना को 361 पिस्तौल के साथ पकड़ा गया था, जो बाद में पाकिस्तान भाग गया.
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18 May 2025, 03:30 PM IST

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