3 ISI अफसरों के संपर्क में थी ज्योति! वीजा की आड़ में पाकिस्तान भारत की कर रहा जासूसी, हुआ बहुत बड़ा खुलासा
हरियाणा की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. वह तीन ISI अधिकारियों के संपर्क में थी और दिल्ली स्थित पाकिस्तानी दूतावास में काम करने वाले दानिश नामक अधिकारी के जरिए इनसे जुड़ी थी. वीजा की आड़ में ISI लोगों को जासूसी के लिए तैयार करती है. सोशल मीडिया के माध्यम से ज्योति ने भारत से संवेदनशील जानकारी पाकिस्तान भेजी थी, जिसे उसने स्वीकार भी किया है.

पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार की गई यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा के मामले में लगातार चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. हरियाणा के हिसार की रहने वाली ज्योति का संबंध न सिर्फ एक, बल्कि सीधे तीन आईएसआई अधिकारियों से था. बताया जा रहा है कि इन अफसरों से उसकी जान-पहचान पाकिस्तान एंबेसी में काम कर चुके दानिश नाम के एक अधिकारी के जरिए हुई थी.
वीजा की आड़ में जासूसी नेटवर्क
पाकिस्तानी दूतावास में वीजा देने की प्रक्रिया के पीछे एक संगठित खुफिया नेटवर्क काम कर रहा है. ISI दूतावास में वीजा के बहाने ऐसे लोगों को पहचानती है, जो हर हाल में पाकिस्तान जाना चाहते हैं. इन लोगों को "कल्टीवेट" किया जाता है, यानी धीरे-धीरे उनसे संपर्क बढ़ाकर उन्हें अपने मकसद के लिए इस्तेमाल किया जाता है. अगर कोई सहयोग नहीं करता, तो उनका वीजा आवेदन खारिज कर दिया जाता है. ज्योति इसी तरह के संपर्क में आई और फिर उसने आईएसआई के इशारे पर भारत से संवेदनशील जानकारी पाकिस्तान भेजनी शुरू कर दी.
कौन है ज्योति मल्होत्रा?
ज्योति मल्होत्रा एक लोकप्रिय यूट्यूबर है, जिसके यूट्यूब चैनल पर 3.21 लाख से अधिक सब्सक्राइबर हैं. उसका चैनल मुख्य रूप से यात्रा से संबंधित कंटेंट पर आधारित है, जिसमें पाकिस्तान की यात्राओं की विस्तृत जानकारी भी शामिल है. वह हरियाणा पावर डिस्कॉम के एक सेवानिवृत्त अधिकारी की बेटी है और उसने स्नातक की डिग्री प्राप्त की है.
दानिश से हुई पहली मुलाकात
2023 में जब ज्योति ने पाकिस्तान यात्रा की योजना बनाई थी, तब वह वीजा लेने के लिए नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी दूतावास पहुंची थी. वहीं उसकी मुलाकात दानिश नामक अधिकारी से हुई. यही मुलाकात उसकी जिंदगी की दिशा बदलने वाली साबित हुई. दानिश से संपर्क में आने के बाद, उसने कई बार उससे मुलाकात की और जल्द ही वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के नजदीक पहुंच गई.
पाकिस्तान में मिली थी विशेष मदद
पाकिस्तान पहुंचने के बाद, दानिश के परिचित अली अहवान नाम के व्यक्ति ने ज्योति को हर संभव सहायता दी. जांच में सामने आया है कि वह पाकिस्तान में ज्योति के संपर्क में था और उसे ISI के अधिकारियों से मिलवाया. यह पूरा नेटवर्क काफी संगठित और योजनाबद्ध तरीके से काम कर रहा था.
सोशल मीडिया के जरिये भेजी गई जानकारी
ज्योति ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे व्हाट्सऐप, टेलीग्राम और स्नैपचैट का उपयोग करके भारत से कई संवेदनशील जानकारियां पाकिस्तान तक पहुंचाईं. पुलिस जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि उसने खुद इस बात को स्वीकार किया है कि वह पाकिस्तान को जानकारी दे रही थी.


