'हमारा एकमात्र असली दुश्मन है...', टैरिफ और H-1B वीजा की टेंशन के बीच पीएम मोदी का बड़ा बयान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भावनगर की जनसभा में कहा कि भारत का असली दुश्मन विदेशी निर्भरता है. उन्होंने आत्मनिर्भरता को राष्ट्रीय सम्मान और भविष्य की मजबूती से जोड़ा. अमेरिका की वीजा व व्यापार नीतियों पर परोक्ष निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि दूसरों पर भरोसा आत्मसम्मान को ठेस पहुँचाता है. मोदी ने कांग्रेस पर शिपिंग क्षेत्र की अनदेखी का आरोप भी लगाया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को भावनगर में आयोजित जनसभा में कहा कि भारत का सबसे बड़ा शत्रु किसी बाहरी देश में नहीं, बल्कि विदेशी निर्भरता में छिपा है. उन्होंने स्पष्ट कहा कि दुनिया में हमारा कोई बड़ा दुश्मन नहीं है. असली दुश्मन हमारी दूसरे देशों पर निर्भरता है और इसे हराना ही देश की सबसे बड़ी आवश्यकता है. प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भरता को न केवल आर्थिक मजबूती बल्कि राष्ट्रीय सम्मान और भविष्य की स्थिरता से जोड़ते हुए कहा कि यदि भारत को वैश्विक शक्ति बनना है तो उसे विदेशी संसाधनों और नीतियों पर अत्यधिक भरोसा छोड़ना होगा.
आत्मनिर्भरता क्यों है जरूरी?
मोदी ने अपने भाषण में कहा कि किसी भी राष्ट्र की प्रगति इस पर निर्भर करती है कि वह अपने संसाधनों और क्षमता का कितना उपयोग करता है. उन्होंने जोर दिया कि विदेशी निर्भरता जितनी अधिक होगी, राष्ट्र की असफलता उतनी ही गहरी होगी. उन्होंने कहा कि 1.4 अरब की आबादी वाले देश को आत्मनिर्भर बनना ही होगा, क्योंकि यही वैश्विक शांति और समृद्धि में भारत की भूमिका को मजबूत बनाएगा.
अमेरिका की नीतियों पर परोक्ष निशाना
प्रधानमंत्री का यह बयान ऐसे समय पर आया जब अमेरिका ने भारत को सीधे प्रभावित करने वाले कदम उठाए हैं. हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एच-1बी वीजा आवेदनों पर 1,00,000 डॉलर का भारी शुल्क लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है, जो 21 सितंबर से लागू होगा. चूंकि एच-1बी वीजा धारकों में 71% भारतीय हैं, इसलिए इसका सबसे अधिक असर भारतीय पेशेवरों पर पड़ने वाला है. सिर्फ इतना ही नहीं, अमेरिका ने भारतीय आयातों पर 50% तक शुल्क लगाकर भी भारत के व्यापारिक हितों को झटका दिया है. मोदी ने इस संदर्भ में कहा कि यदि भारत आत्मनिर्भर नहीं होगा तो वैश्विक नीतियों का खामियाजा उसे लगातार भुगतना पड़ेगा.
दूसरों पर निर्भरता से आत्मसम्मान को ठेस
मोदी ने गुजरात की सभा में स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि हम हमेशा दूसरों पर निर्भर रहेंगे, तो हमारा आत्मसम्मान कमज़ोर होगा. हम अपने करोड़ों नागरिकों का भविष्य बाहरी ताकतों के हवाले नहीं कर सकते. प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि भारत को आने वाली पीढ़ियों के लिए आत्मनिर्भर बनना ही होगा. उन्होंने आत्मनिर्भर भारत को सौ दुखों की एक ही दवा बताया.
कांग्रेस को भी घेरा
अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने विपक्ष, विशेष रूप से कांग्रेस पर भी प्रहार किया. उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व सरकारों ने शिपिंग सेक्टर की अनदेखी की और घरेलू जहाज निर्माण की बजाय विदेशी जहाजों पर ध्यान केंद्रित किया. मोदी ने कहा कि भारत के 90% व्यापार के लिए विदेशी जहाजों पर निर्भरता बढ़ गई. आज हालत यह है कि हम हर साल करीब 75 अरब डॉलर यानी लगभग 6 लाख करोड़ रुपये विदेशी कंपनियों को शिपिंग सेवाओं के लिए भुगतान कर रहे हैं. यह खर्च हमारे रक्षा बजट के लगभग बराबर है.
विकास परियोजनाओं का शुभारंभ
प्रधानमंत्री की इस यात्रा के दौरान 34,200 करोड़ रुपये से अधिक की विकास योजनाओं की आधारशिला रखी जाएगी. इसके साथ ही, वह मुंबई के इंदिरा डॉक पर बने नए अंतर्राष्ट्रीय क्रूज टर्मिनल का भी उद्घाटन करेंगे.


