Rajasthan Group D Recruitment 2025: 53,749 पदों के लिए 24 लाख से अधिक आवेदन, बीटेक और PHD वाले भी परीक्षा में शामिल
राजस्थान में 8 साल बाद निकला ग्रुप डी का भर्ती में 24.75 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने चपरासी के 53,749 पदों के लिए किया आवेदन. पीएचडी, बीटेक, एमएससी, एमबीए जैसे उच्च शिक्षित अभ्यर्थी भी शामिल हैं. 75-90% ओवर क्वालिफाइड हैं. 19-21 सितंबर को परीक्षा है.

Rajasthan Group D Recruitment 2025: राजस्थान में आठ साल के लंबे इंतजार के बाद ग्रुप डी की भर्ती प्रक्रिया शुरू हो गई है. इस भर्ती में रिकॉर्ड संख्या में 24.75 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने चपरासी के पदों के लिए आवेदन किया है जबकि कुल पदों की संख्या मात्र 53,749 है. खास बात यह है कि इस पद के लिए आवेदन करने वालों में पीएचडी, बीटेक, एमएससी और एमबीए जैसे उच्च शिक्षित अभ्यर्थी भी शामिल हैं. लगभग 75 से 90 प्रतिशत उम्मीदवार इस पद के लिए ओवर क्वालिफाइड माने जा रहे हैं. भर्ती परीक्षा का आयोजन 19 से 21 सितंबर के बीच किया जा रहा है.
पद और पोस्टिंग
यह भर्ती राजस्थान के हाईकोर्ट, जिला न्यायालय और अन्य सरकारी संस्थानों में चपरासी, सफाई कर्मचारी तथा चौकीदार के पदों के लिए निकाली गई है. चयनित उम्मीदवारों को ऑफलाइन परीक्षा के जरिए चुना जाएगा. इस परीक्षा के लिए प्रदेश भर में कुल 1286 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं. परीक्षा 100 अंकों की होगी. जिसमें सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों के लिए न्यूनतम 45 प्रतिशत और आरक्षित वर्ग के लिए 40 प्रतिशत अंक अनिवार्य हैं.
योग्यता और उम्र सीमा
इस भर्ती के लिए न्यूनतम योग्यता 10वीं कक्षा पास होना आवश्यक है. इसके अलावा अभ्यर्थी को हिंदी पढ़ने-लिखने के साथ-साथ राजस्थान की भाषा और संस्कृति का ज्ञान होना जरूरी है. आवेदन की न्यूनतम आयु 18 वर्ष और अधिकतम आयु 40 वर्ष निर्धारित की गई है जिसमें आरक्षित वर्ग को उम्र सीमा में छूट मिलेगी. चयनित उम्मीदवारों को दो वर्ष की प्रोबेशन अवधि के बाद स्थायी रूप से नियुक्त किया जाएगा.
वेतन और अन्य सुविधाएं
प्रोबेशन अवधि के दौरान उम्मीदवारों को 12,400 रुपये वेतन मिलेगा. इसके बाद वेतनमान 17,700 से 56,200 रुपये तक होगा. साथ ही यह पद सरकारी नौकरी की स्थिरता के साथ पेंशन और अन्य लाभ भी मीलेगा.
आवेदन और ओवर क्वालिफिकेशन
राजस्थान में ग्रुप डी की इस भर्ती में कई उच्च शिक्षा प्राप्त उम्मीदवार शामिल हैं जिनके पास पीएचडी, बीटेक, एमएससी और एमबीए जैसी डिग्रियां हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि 75 से 90 प्रतिशत उम्मीदवार इस पद के लिए ओवर क्वालिफाइड हैं. सरकारी नौकरी की सुरक्षा और पेंशन लाभ के कारण युवा इस भर्ती में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिए है.


