'ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने के 30 मिनट के भीतर पाकिस्तान को दी गई जानकारी', एस जयशंकर ने सांसदों की समिति को बताया
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बताया कि भारत ने 7 मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू कर पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी शिविरों को निशाना बनाया और 30 मिनट के भीतर पाकिस्तान को सूचित किया. यह संयुक्त सैन्य ऑपरेशन पारदर्शिता और आत्मरक्षा की नीति पर आधारित था. राहुल गांधी ने इस पर सवाल उठाए. मुख्य आतंकी ठिकानों में बहावलपुर, मुरिदके और मुजफ्फराबाद शामिल थे. भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर आत्मरक्षा के अधिकार का हवाला देते हुए ऑपरेशन का समर्थन किया.

भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को एक संसदीय सलाहकार समिति को सूचित किया कि भारत द्वारा 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू करने के मात्र 30 मिनट के भीतर पाकिस्तान को सूचित कर दिया गया था. इस ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में स्थित नौ आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाया गया.
ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य और रणनीति
7 मई की रात को भारतीय सशस्त्र बलों ने 'ऑपरेशन सिंदूर' की शुरुआत की, जिसका मुख्य उद्देश्य पाकिस्तान और PoK में सक्रिय आतंकवादी संगठनों के ठिकानों को नष्ट करना था. इस ऑपरेशन में भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना की संयुक्त कार्रवाई शामिल थी, जो पूरी तरह से भारतीय सीमा से संचालित की गई. ऑपरेशन की रणनीति 'सर्जिकल स्ट्राइक' की थी, जिसमें आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया गया, जबकि पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों से बचा गया.
पाकिस्तान को तत्काल सूचित करना
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बताया कि ऑपरेशन की शुरुआत के 30 मिनट के भीतर पाकिस्तान को सूचित कर दिया गया था. इससे यह स्पष्ट होता है कि भारत ने अपनी कार्रवाई में पारदर्शिता बनाए रखते हुए पाकिस्तान को समय पर जानकारी दी. यह कदम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की जिम्मेदारीपूर्ण सैन्य नीति को दर्शाता है.
राहुल गांधी ने उठाए थे सवाल
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि मले की शुरुआत में पाकिस्तान को सूचित करना एक अपराध था. उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री ने सार्वजनिक रूप से माना है कि भारत सरकार ने ऐसा किया. उन्होंने आगे सवाल करते हुए कहा कि ऐसा करने के लिए किसने कहा? हमारी वायुसेना ने कितने विमान खो दिए?
निशाना बनाए गए प्रमुख आतंकवादी शिविर
ऑपरेशन सिंदूर के तहत जिन नौ आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाया गया, उनमें से कुछ प्रमुख शिविर निम्नलिखित हैं:
मार्कज सुभान अल्लाह, बहावलपुर (पाकिस्तान) – यह जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय है, जहां पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड मसूद अजहर का निवास स्थान भी है.
शवाई नल्ला कैंप, मुजफ्फराबाद (PoK) – यह लश्कर-ए-तैयबा का प्रशिक्षण केंद्र है, जहां 2024 के सोनमर्ग और गुलमर्ग हमलों के आतंकवादी प्रशिक्षित हुए थे.
गुलपुर कैंप, कोटली (PoK) – यह लश्कर-ए-तैयबा का ठिकाना है, जहां 2023 के पुंछ हमले और 2024 के तीर्थयात्रियों पर हमले के आतंकवादी प्रशिक्षित हुए थे.
मुरिदके (पाकिस्तान) – यह लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय है, जहां 26/11 मुंबई हमले के आतंकवादी अजमल कसाब और डेविड हेडली ने प्रशिक्षण लिया था.
सरजल कैंप, सियालकोट (पाकिस्तान) – यह जैश-ए-मोहम्मद का प्रशिक्षण केंद्र है, जहां मार्च 2025 में जम्मू-कश्मीर पुलिस के चार जवानों की हत्या में शामिल आतंकवादी प्रशिक्षित हुए थे.
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को सूचित किया कि यह कार्रवाई आत्मरक्षा के अधिकार के तहत की गई थी. विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी संप्रभुता की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है और किसी भी प्रकार के आतंकवादी हमलों का मुंहतोड़ जवाब देगा.


