'शॉर्ट्स पहनने और लड़कों से बात करने पर उसे शर्मिंदा किया', राधिका की दोस्त का बड़ा खुलासा
गुरुग्राम की टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की हत्या ने पूरे देश को झकझोर दिया है, जहां उसकी करीबी दोस्त हिमांशिका सिंह ने घरेलू उत्पीड़न और स्वतंत्रता पर पाबंदियों को लेकर सनसनीखेज आरोप लगाए हैं.

गुरुग्राम में टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की हत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. 25 वर्षीय राधिका को उनके ही पिता दीपक यादव ने गुरुग्राम के सेक्टर-57 स्थित घर में कथित रूप से गोलियां मार दीं. अब इस हत्याकांड को लेकर राधिका की सबसे करीबी दोस्त और टेनिस खिलाड़ी हिमांशिका सिंह राजपूत ने एक भावुक वीडियो जारी कर कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो में हिमांशिका ने राधिका के जीवन की दर्दनाक सच्चाई बयां की है.
हिमांशिका के मुताबिक, राधिका पिछले कई सालों से अपने ही घर में ‘नज़रबंदी’ जैसी जिंदगी जी रही थी. उसकी स्वतंत्रता पर पाबंदियां थीं, उसे छोटे कपड़े पहनने, दोस्तों से बात करने और यहां तक कि वीडियो कॉल पर भी आजादी नहीं थी. राधिका की मौत से कुछ दिन पहले वो विदेश जाने और करियर बदलने की योजना बना रही थी, लेकिन उसे अपनी सोच और सपनों की कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी.
'राधिका को उसके ही पिता ने मार डाला'
हिमांशिका सिंह ने अपने वीडियो में कहा कि मेरी सबसे करीबी दोस्त राधिका को उसके ही पिता ने पांच गोलियां मारीं. चार गोलियां उसे लगीं. वो पिछले कई सालों से मानसिक रूप से प्रताड़ित थी. उसके पिता उसे कंट्रोल करते थे, हर बात में टोकते थे. यहां तक कि उसके कपड़ों, वीडियो कॉल्स और बाहर जाने तक पर रोक थी. अंत में उसने वही किया जो दूसरों ने उसके पिता को भड़काकर करवाया.
'छोटे कपड़े पहनने पर ताने, लड़कों से बात पर शर्म'
हिमांशिका के मुताबिक, राधिका को अपने ही घर में आत्मनिर्भरता के लिए तिरस्कार झेलना पड़ता था. वो शॉर्ट्स पहनती थी, दोस्तों से बात करती थी और अपनी जिंदगी अपनी शर्तों पर जीना चाहती थी. लेकिन उसके माता-पिता समाज के डर से उसे बार-बार शर्मिंदा करते थे. उन्होंने उसे बार-बार बोला कि वो ऐसा कुछ ना करे जिससे परिवार का नाम खराब हो.
'हर कॉल पर देना होता था हिसाब'
हिमांशिका ने बताया कि राधिका का पारिवारिक माहौल ऐसा था जहां हर चीज का हिसाब देना पड़ता था. हम दोनों ने 2012-13 में एकसाथ टेनिस खेलना शुरू किया था. हर कॉल पर उसे बताना होता था कि किससे बात कर रही है. वीडियो कॉल में भी उसे कैमरा घुमा कर दिखाना होता था कि सामने कौन है. उसकी स्वतंत्रता छीन ली गई थी.
'विदेश जाने और सोशल मीडिया करियर की थी योजना'
राधिका ने हाल ही में अपने कोच अजय यादव से बात की थी, जिसमें उसने घर छोड़ने और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर बनने की इच्छा जाहिर की थी. उसके कंधे की चोट के बाद वह टेनिस छोड़ने पर विचार कर रही थी. उसने कोच से कहा था कि शायद वो विदेश चली जाए या सोशल मीडिया पर कुछ नया शुरू करे. लेकिन उसके पिता ने उसे सपनों को जीने से पहले ही खत्म कर दिया.
'लव जिहाद की अफवाहें बेबुनियाद'
राधिका की हत्या के बाद कुछ वर्गों में इसे ‘लव जिहाद’ से जोड़ने की कोशिश की गई, जिसे हिमांशिका ने खारिज किया. कृपया इस घटना को सांप्रदायिक रंग ना दें. वो बहुत सीमित लोगों से ही बात करती थी. घर का माहौल ही ऐसा था कि वो किसी से खुलकर मिल-जुल नहीं सकती थी. यह हत्या एक कट्टर सोच और असहिष्णुता का नतीजा है.
'दीपक यादव ने कुबूला अपराध, मांगी फांसी'
राधिका के चाचा विजय यादव ने बताया कि दीपक यादव ने अपराध स्वीकार कर लिया है और खुद को फांसी देने की मांग की है. उसने कहा कि उसे फांसी दे दो. उसने जो किया है, उसके लिए पूरी ज़िंदगी भी कम है. पूरा परिवार सदमे में है. पुलिस ने दीपक यादव को गिरफ्तार कर लिया है और उसे पहले रिमांड पर भेजा गया, फिर न्यायिक हिरासत में लिया गया. वारदात में इस्तेमाल रिवॉल्वर और बाकी गोलियां भी बरामद कर ली गई हैं. पुलिस ने कहा है कि इस मामले में किसी भी प्रकार का सांप्रदायिक या अंतरधार्मिक एंगल नहीं देखा जा रहा है.
राधिका का अंतिम संस्कार शुक्रवार को उनके पैतृक गांव वज़ीराबाद में किया गया, जहां भारी संख्या में लोग अंतिम विदाई देने पहुंचे. पूरे गांव में शोक की लहर है और लोग अब सिर्फ एक सवाल पूछ रहे हैं– एक बेटी को उसके ही पिता ने क्यों मारा?


