'गोलियों की आवाज के बीच बचते नजर आए लोग' पहलगाम में आतंकी हमले का नया वीडियो आया सामने
कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले का एक भयावह वीडियो सामने आया है. अहमदाबाद के एक पर्यटक द्वारा ज़िपलाइन सवारी के दौरान अनजाने में रिकॉर्ड किए गए इस वीडियो में हमले के खौफनाक दृश्य कैद हो गए हैं. हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी. इस वीभत्स घटना के बाद भारत ने पाकिस्तान पर कड़ी कार्रवाई करते हुए कई अहम कदम उठाए हैं और पूरे मामले पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरें टिक गई हैं.

22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए भीषण आतंकी हमले का एक दिल दहला देने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है. अहमदाबाद से आए एक पर्यटक द्वारा अनजाने में रिकॉर्ड किए गए इस वीडियो में हमले के भयावह क्षण कैद हो गए हैं. ज़िपलाइन पर सवारी करते हुए शूट किए गए इस वीडियो में आतंकियों द्वारा की गई अंधाधुंध गोलीबारी के बीच पर्यटकों को चीखते-चिल्लाते और जान बचाने के लिए भागते हुए देखा जा सकता है.
वीडियो की शुरुआत ज़िपलाइन ऑपरेटर के 'अल्लाहु अकबर' का नारा लगाने के साथ होती है, जिसके बाद पर्यटक ज़िपलाइन का आनंद लेते हुए वीडियो रिकॉर्ड कर रहा होता है. तभी अचानक गोलियों की आवाज़ गूंजती है और नीचे ज़मीन पर अफरातफरी मच जाती है. भयभीत लोग इधर-उधर दौड़ते नजर आते हैं. कुछ लोग गिरते हैं और चीख-पुकार मच जाती है. वीडियो के अंतिम क्षणों में एक व्यक्ति को जमीन पर बेसुध पड़ा देखा जा सकता है, जिससे हमले की वीभत्सता का अंदाजा लगाया जा सकता है.
પહલગામ હુમલાનો વધુ એક વિડીયો સામે આવ્યો!
અમદાવાદના પાલડીમાં રહેતા ઋષિ ભટ્ટના કેમેરામાં કેદ થયા પહલગામ હુમલાના ભયાનક દ્રશ્યો!! #PahalgamTerroristAttack pic.twitter.com/sJ7dQG2qKG
— Sagar Patoliya (@kathiyawadiii) April 28, 2025
सोशल मीडिया यूजर्स ने दी प्रतिक्रिया
इस वीडियो के वायरल होने के बाद नेटिज़न्स ने तीखी प्रतिक्रियाएं व्यक्त की हैं. कई लोगों ने जिपलाइन पर सवार पर्यटक की परिस्थितियों के प्रति असावधानी पर हैरानी जताई. एक यूजर ने लिखा, "यह हैरान करने वाला है कि गोलियों की आवाज़ के बावजूद वह पर्यटक सामान्य बना रहा. अगर मैं वहां होता, तो तुरंत छिपने या भागने की कोशिश करता." इस तरह की प्रतिक्रियाओं से हमले के भयावह प्रभाव का अंदाजा लगाया जा सकता है.
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आतंकवादियों ने हमले के दौरान पर्यटकों से उनके धर्म और लिंग के बारे में पूछताछ की थी. रिपोर्टों के अनुसार, जो पर्यटक 'कलमा' नहीं पढ़ पाए, उन्हें बेहद नजदीक से गोली मार दी गई. यह हमला 2008 के बाद भारतीय धरती पर नागरिकों के खिलाफ सबसे घातक आतंकवादी हमला माना जा रहा है.
पाकिस्तान के खिलाफ उठाए सख्त कदम
प्रारंभिक जांच से संकेत मिला है कि हमले में शामिल चारों आतंकियों को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में मौजूद आतंकवादी शिविरों में प्रशिक्षित किया गया था. हालांकि पाकिस्तान ने इस घटना में अपनी भूमिका से इनकार किया है और एक निष्पक्ष अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग की है, लेकिन भारत ने हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस जघन्य हमले की कड़ी निंदा करते हुए पीड़ितों के परिवारों को न्याय दिलाने का संकल्प लिया है. भारत सरकार ने कड़ा कदम उठाते हुए सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है. इसके साथ ही पाकिस्तान के नागरिकों को दी जाने वाली 12 श्रेणियों की वीजा सुविधाएं रद्द कर दी गई हैं.
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पास हुआ निंदा प्रस्ताव
जम्मू-कश्मीर विधानसभा ने भी इस वीभत्स हमले की सर्वसम्मति से निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस दर्दनाक घटना को लेकर खुद की विफलता स्वीकार करते हुए कहा कि ऐसे समय में उन्हें और सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए थी.
भारत और पाकिस्तान के बीच पहले से ही तनावपूर्ण संबंध इस हमले के बाद और बिगड़ गए हैं. अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरें इस ओर टिकी हैं कि इस संकट को कूटनीति से सुलझाया जा सके या क्षेत्र एक और गंभीर संघर्ष की ओर बढ़ेगा. फिलहाल, भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में कोई ढिलाई नहीं बरतेगा.


