'सैटेलाइट्स ने जमीन को हिलते हुए देखा...', कितना शक्तिशाली था म्यांमार में आया भूकंप

सागाइंग फॉल्ट के साथ सतह से मात्र 10 किलोमीटर नीचे उत्पन्न होने वाली भूकंपीय घटनाओं के कारण भयंकर कंपन, बड़े पैमाने पर इमारतें ढह गईं, तथा बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा. नासा की जेट प्रोपल्शन लैब (जेपीएल) के रिसर्चर ने अब इन भूकंपों के दौरान अभूतपूर्व जमीनी हलचल को पकड़ने के लिए रडार और ऑप्टिकल सैटेलाइट डेटा का उपयोग किया है.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

पिछले महीने 28 मार्च को म्यांमार के मांडले के पास आए 7.7 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप ने भारी तबाही मचाई,इसके बारह मिनट बाद 31 किलोमीटर दक्षिण में 6.7 तीव्रता का भूकंप आया. दोनों भूकंपों में 5,000 से ज्यादा लोग मारे गए और अरबों डॉलर का नुकसान हुआ. सागाइंग फॉल्ट के साथ सतह से केवल 10 किलोमीटर नीचे उत्पन्न होने वाली भूकंपीय घटनाओं के कारण भयंकर कंपन, बड़े पैमाने पर इमारतें ढह गईं और बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा, जिसका असर लगभग 1000 किलोमीटर दूर बैंकॉक थाईलैंड तक फैल गया.

10 फीट से ज्यादा खिसकी जमीन

नासा की जेट प्रोपल्शन प्रयोगशाला (जेपीएल) के रिसर्चर ने अब इन भूकंपों के दौरान अभूतपूर्व जमीनी हलचल को पकड़ने के लिए रडार और ऑप्टिकल सैटेलाइट डेटा का उपयोग किया है. यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के सेंटिनल-1ए सिंथेटिक अपर्चर रडार और सेंटिनल-2 ऑप्टिकल सैटेलाइट से प्राप्त तस्वीरों का उपयोग करते हुए, जेपीएल और कैलटेक की उन्नत त्वरित इमेजिंग और विश्लेषण (एआरआईए) टीम ने भंजन क्षेत्र के भीतर क्षैतिज भू-विस्थापनों पर नजर रखी. उनके विश्लेषण से पता चला कि कुछ क्षेत्रों में जमीन का खिसकाव 10 फीट से अधिक था और कुल भ्रंश विस्थापन 6 मीटर से अधिक था, जो सागाइंग फॉल्ट के साथ उत्पन्न अपार शक्ति को स्पष्ट रूप से दर्शाता है.

एक दुर्लभ 'सुपरशियर' घटना थी

अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (यूएसजीएस) ने पुष्टि की है कि ये भूकंप उत्तर-दक्षिण उन्मुख भ्रंश के साथ दाएं-पार्श्वीय स्ट्राइक-स्लिप गति के कारण आए हैं, जो भारतीय और यूरेशियन प्लेटों के बीच टेक्टोनिक सीमा पर स्थित है. यह दरार लगभग 550 किलोमीटर तक फैली हुई थी, जो इसे अब तक दर्ज की गई सबसे लंबी स्ट्राइक-स्लिप सतह दरारों में से एक बनाती है. प्रारंभिक अध्ययनों से यह भी पता चलता है कि भूकंप एक दुर्लभ 'सुपरशियर' घटना थी, जहां फॉल्ट का टूटना भूकंपीय तरंगों की तुलना में अधिक तेजी से फैलता है, जिससे विनाशकारी ऊर्जा तीव्र हो जाती है और भूकंप के केंद्र से दूर व्यापक क्षति होती है. मानवीय क्षति बहुत विनाशकारी रही है, म्यांमार तथा पड़ोसी देशों में 5,400 से अधिक लोग मारे गए हैं तथा हजारों लोग घायल हुए हैं.

1912 के बाद से आया सबसे शक्तिशाली भूकंप

ऐतिहासिक स्थल, मस्जिदें और हजारों घर ढह गए. इस आपदा ने म्यांमार के गृहयुद्ध से उत्पन्न चुनौतियों के बीच आपातकाल और अंतर्राष्ट्रीय मानवीय प्रतिक्रियाओं को जन्म दिया .यह भूकंप म्यांमार में 1912 के बाद से आया सबसे शक्तिशाली भूकंप है और यह भूकंपीय खतरों का तेजी से आकलन करने तथा विशाल और जटिल भूभागों में आपदा प्रतिक्रिया प्रयासों को निर्देशित करने में उपग्रह प्रौद्योगिकी की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करता है.

calender
21 April 2025, 07:51 PM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag