दिल्ली की कोर्ट ने 10 टीएमसी नेताओं को भेजा नोटिस, इस मामले में लिया एक्शन
तलब किए गए लोगों में प्रमुख टीएमसी सांसद डेरेक ओ'ब्रायन, मोहम्मद शामिल हैं. साकेत गोखले, सागरिका घोष, नदीमुल हक और डोला सेन का नाम शामिल है. तलब किए गए अन्य पार्टी नेताओं में विवेक गुप्ता, अर्पिता घोष, डॉ. शांतनु सेन, अबीर रंजन विश्वास और सुदीप राहा शामिल हैं.

दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को डेरेक ओ ब्रायन, सागरिका घोष और साकेत गोखले सहित तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के दस नेताओं को पिछले साल अप्रैल में चुनाव आयोग के सामने विरोध प्रदर्शन करने के लिए तलब किया. अदालत ने चार्जशीट और दिल्ली पुलिस द्वारा दायर शिकायत का संज्ञान लेने के बाद समन जारी किया. मामले की सुनवाई 30 अप्रैल को निर्धारित की गई है.
10 टीएमसी नेताओं को तलब किया गया
तलब किए गए लोगों में प्रमुख टीएमसी सांसद डेरेक ओ'ब्रायन, मोहम्मद शामिल हैं. साकेत गोखले, सागरिका घोष, नदीमुल हक और डोला सेन का नाम शामिल है. तलब किए गए अन्य पार्टी नेताओं में विवेक गुप्ता, अर्पिता घोष, डॉ. शांतनु सेन, अबीर रंजन विश्वास और सुदीप राहा शामिल हैं.
क्या है दिल्ली पुलिस का बयान?
पुलिस ने आरोप लगाया कि पिछले साल 8 अप्रैल को आरोपी भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) के मुख्य द्वार के बाहर एकत्र हुए और बिना किसी अनुमति के तख्तियों और बैनरों के साथ विरोध प्रदर्शन किया, जबकि उस समय सीआरपीसी की धारा 144 लागू थी, जो गैरकानूनी तरीके से एकत्र होने पर रोक लगाती है. दिल्ली पुलिस ने आगे दावा किया कि प्रदर्शनकारियों ने धारा 144 लागू होने की बार-बार की गई चेतावनियों को नजरअंदाज किया, जिसके कारण एफआईआर दर्ज की गई.
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नेहा मित्तल ने कहा, "मैंने आरोपपत्र के साथ-साथ शिकायत का भी अध्ययन किया है... मैं धारा 188, 145 और 34 आईपीसी के तहत दंडनीय अपराधों का संज्ञान लेती हूं. सभी आरोपियों को आईओ के माध्यम से 30 अप्रैल को तलब किया जाए."
टीएमसी नेता क्यों विरोध कर रहे थे?
यह प्रदर्शन चार केंद्रीय जांच और प्रवर्तन निकायों, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और आयकर विभाग के प्रमुखों की बर्खास्तगी की मांग को लेकर किया गया था. टीएमसी ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा राजनीतिक प्रभाव में इन एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है, खासकर 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले.