'बस भूलकर माफ नहीं किया जा सकता', भारत पर ट्रंप के ढीले पड़े तेवर तो शशि थरूर ने सरकार को दी ये सलाह
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने डोनाल्ड ट्रंप के भारत पर 50% टैरिफ फैसले को लेकर कहा कि यह भारतीयों के लिए नुकसानदेह है और इतनी जल्दी माफ़ नहीं किया जा सकता. वहीं मोदी-जयशंकर की त्वरित प्रतिक्रिया की तारीफ की.

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने रविवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया बयानों पर बड़ा पलटवार किया है.उन्होंने कहा कि ट्रंप का स्वभाव काफी चंचल है, क्योंकि कुछ दिन पहले भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने वाले राष्ट्रपति ने अचानक अपना रुख नरम कर लिया. थरूर ने कहा कि इस बदलाव का स्वागत जरूर करना चाहिए, लेकिन पूरी सावधानी के साथ. उनके अनुसार, भारत इतनी जल्दी भूलकर माफ करने की स्थिति में नहीं है.
भारतीयों को भुगतने पड़ रहे हैं परिणाम
थरूर ने जोर देकर कहा कि ट्रंप के बयानों और फैसलों से भारत को नुकसान झेलना पड़ा है. उन्होंने कहा कि 50 प्रतिशत टैरिफ के परिणाम पहले ही सामने आ चुके हैं. भारतीय व्यापारी और आम जनता इन नीतियों का खामियाजा भुगत रहे हैं. इसलिए इतनी आसानी से सबकुछ भुलाया नहीं जा सकता. उन्होंने साफ कहा कि यह मुद्दा केवल कूटनीतिक शब्दों तक सीमित नहीं है, बल्कि ज़मीनी स्तर पर लोगों को वास्तविक असर सहना पड़ रहा है.
पीएम मोदी और जयशंकर की तारीफ
कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर की त्वरित प्रतिक्रिया की सराहना की. उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने अमेरिका के फैसले पर समय रहते कड़ा रुख दिखाया और अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए स्पष्ट संदेश दिया. थरूर ने माना कि भारत और अमेरिका के बीच बुनियादी रिश्ते बेहद अहम हैं, लेकिन इस तरह की घटनाएं दोनों देशों के बीच भरोसे को प्रभावित करती हैं.
ट्रंप का 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने का फैसला
दरअसल, ट्रंप प्रशासन ने शुरुआत में भारत पर रूसी तेल खरीदने को लेकर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया था. बाद में इसे बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया गया. अमेरिका का तर्क है कि भारत की ओर से रूस से तेल आयात करने से यूक्रेन युद्ध को परोक्ष रूप से बढ़ावा मिल रहा है. रूस और यूक्रेन के बीच यह संघर्ष फरवरी 2022 से जारी है और पश्चिमी देशों ने इसे लेकर रूस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं.
भारत का पलटवार
बता दें कि भारत ने अमेरिका के इन कदमों का विरोध करते हुए साफ कर दिया था कि वह अपने राष्ट्रीय हितों से समझौता नहीं करेगा. नई दिल्ली ने यह भी कहा कि उसकी ऊर्जा नीति पूरी तरह से उसकी आर्थिक जरूरतों और रणनीतिक हितों पर आधारित है. इसके बाद, शुक्रवार को ट्रंप ने अचानक नरम रुख अपनाते हुए भारत-अमेरिका संबंधों की सराहना की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अच्छा दोस्त बताया.
मोदी ने दिखाई पॉजिटिविटी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रंप के बयान का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच संबंध बहुत सकारात्मक, गहरे और दूरदर्शी हैं. मोदी ने यह भी दोहराया कि दोनों देश वैश्विक स्थिरता और शांति के लिए साझेदारी में आगे बढ़ते रहेंगे.
अंत में क्या बोले थरूर?
शशि थरूर ने हालांकि यह स्पष्ट किया कि अमेरिका के हालिया कदमों से जो नुकसान हुआ है, उसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के कूटनीतिज्ञों और सरकारों को गंभीरता से सुधारात्मक कदम उठाने होंगे, ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति दोबारा न बने.


