16 दिन, 1300 किमी और 23 जिले...आज से SIR के खिलाफ राहुल गांधी बिहार में निकालेंगे वोटर अधिकार यात्रा, जानिए क्या हैं इसके मायने
राहुल गांधी ने 17 अगस्त 2025 से बिहार में वोटर अधिकार यात्रा शुरू की, जो 16 दिन में 1300 किमी और 23 जिलों से गुज़रेगी; कांग्रेस व इंडिया ब्लॉक का आरोप है कि SIR प्रक्रिया में BJP-EC मिलीभगत से दलित, पिछड़े, अल्पसंख्यक मताधिकार से वंचित हो रहे हैं, यात्रा का समापन 1 सितंबर को पटना में रैली से होगा.

Rahul Gandhi in bihar: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने 17 अगस्त 2025 से बिहार में ‘वोटर अधिकार यात्रा’ की शुरुआत की है. इस यात्रा का उद्देश्य निर्वाचन आयोग द्वारा कराए जा रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के दौरान कथित गड़बड़ियों के खिलाफ आवाज उठाना है. यात्रा की शुरुआत सासाराम से हुई है और यह 16 दिनों तक 1300 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए 23 जिलों से गुजरेगी.
लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा का अभियान
कांग्रेस का आरोप है कि SIR प्रक्रिया के बहाने मतदाता सूचियों में हेराफेरी हो रही है और लाखों लोगों विशेष रूप से दलित, पिछड़े, अल्पसंख्यक और गरीब वर्ग को मताधिकार से वंचित किया जा रहा है. राहुल गांधी ने इस मुद्दे को लोकतंत्र की आत्मा पर हमला बताते हुए इसे जनआंदोलन का रूप दिया है. उनके अनुसार, यह यात्रा केवल पैदल मार्च नहीं बल्कि नागरिक अधिकारों की रक्षा का संघर्ष है.
विपक्ष की एकजुटता
यह यात्रा इंडिया ब्लॉक के बैनर तले निकाली जा रही है, जिसमें कांग्रेस के साथ-साथ राजद नेता तेजस्वी यादव, CPI, वीआईपी और अन्य विपक्षी दलों के नेता शामिल होंगे. तेजस्वी यादव ने साफ कहा कि लोकतंत्र की सबसे बड़ी विडंबना यह है कि जनता से वोट का अधिकार छीना जा रहा है. उन्होंने राहुल गांधी के साथ इस यात्रा में कदम से कदम मिलाकर चलने का ऐलान किया.
यात्रा का मार्ग
राहुल गांधी की यह यात्रा 17 अगस्त को सासाराम से शुरू होकर गया, नवादा, नालंदा, भागलपुर, कटिहार, पूर्णिया, सुपौल, दरभंगा, सीतामढ़ी और पश्चिमी चंपारण होते हुए 1 सितंबर को पटना पहुंचेगी. यात्रा के दौरान गांधी मैदान में विशाल जनसभा का आयोजन होगा, जिसे निर्णायक मोड़ माना जा रहा है. इस 1300 किमी की पदयात्रा में लगभग 50 विधानसभा और कई लोकसभा क्षेत्रों को शामिल किया गया है.
चुनाव आयोग और सरकार पर आरोप
दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि सत्तारूढ़ भाजपा और चुनाव आयोग के बीच मिलीभगत से मतदाता सूचियों में हेरफेर किया जा रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि यह केवल वोट की चोरी नहीं बल्कि पहचान की चोरी है. खेड़ा ने यह भी जोड़ा कि सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद ही चुनाव आयोग को विसंगतियों की जांच पर मजबूर होना पड़ा.
राजनीतिक रूस से बेहद खास है सासाराम
सासाराम से यात्रा की शुरुआत कोई संयोग नहीं मानी जा रही. यह क्षेत्र ऐतिहासिक और राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है. कांग्रेस और इंडिया गठबंधन का मानना है कि यहां से लोकतांत्रिक चेतना का संदेश पूरे बिहार में गूंजेगा. साथ ही, लोकसभा चुनाव में एनडीए को यहां नुकसान हुआ था, ऐसे में विधानसभा चुनाव से पहले विपक्ष इस इलाके को मजबूती देना चाहता है.
जनआंदोलन का स्वरूप
कांग्रेस का कहना है कि यह यात्रा उन सभी वंचित वर्गों की आवाज़ है जिनका नाम मतदाता सूची से जानबूझकर हटाया जा रहा है. राहुल गांधी ने इसे लोकतंत्र, संविधान और “एक व्यक्ति—एक वोट” की मूल भावना को बचाने का अभियान बताया है.


