1947, 1962 और 1965...भारत ने लड़े कई युद्ध, CDS जनरल अनिल चौहान ने चीन के साथ सीमा विवाद को बताया सबसे बड़ी चुनौती
सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने चीन के साथ लगने वाली सीमा को विवाद की सबसे बड़ी चुनौती बताया है. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर हमने कई लड़ाईयां लड़ी हैं. उन्होंने आगे कहा कि भारत के सामने दूसरी सबसे बड़ी चुनौती है, पाकिस्तान का छद्म युद्ध है, जिसकी रणनीति भारत को हजार जख्म देकर लहूलुहान करने की है.

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने शुक्रवार को कहा कि चीन के साथ भारत का सीमा विवाद देश के लिए सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है. गोरखपुर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत का सीमा विवाद देश के लिए सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है. उन्होंने कहा कि भारत ने इस मुद्दे पर 1947, 1962 और 1965 में कई युद्ध लड़े हैं.
भारत के खिलाफ पाकिस्तान कर रहा छद्म युद्ध
जनरल चौहान ने यह भी कहा कि भारत के खिलाफ पाकिस्तान का छद्म युद्ध अगली बड़ी चुनौती है. उन्होंने आगे कहा कि इस्लामाबाद की रणनीति हमेशा से भारत को हजार जख्म देकर लहूलुहान करने की रही है. अनिल चौहान ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि देशों के सामने चुनौतियां क्षणिक नहीं हैं; वे विभिन्न रूपों में मौजूद हैं. मेरा मानना है कि चीन के साथ सीमा विवाद भारत के लिए सबसे बड़ी चुनौती है और आगे भी रहेगी. दूसरी बड़ी चुनौती भारत के खिलाफ पाकिस्तान का छद्म युद्ध है, जिसकी रणनीति भारत को हजार जख्म देकर लहूलुहान करने की है.
सीडीएस जनरल चौहान ने आगे कहा कि एक और चुनौती यह है कि युद्ध के क्षेत्र बदल गए हैं. अब इसमें साइबर और अंतरिक्ष भी शामिल हैं. हमारे दोनों ही प्रतिद्वंद्वी परमाणु शक्ति संपन्न हैं,और यह तय करना हमेशा एक चुनौती बना रहेगा कि हम उनके खिलाफ किस तरह के अभियान चलाना चाहते हैं.
हमारा मकसद धैर्य की सीमा रेखा खींचना था
शीर्ष सैन्य अधिकारी ने मई में पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर पर भी बात की, जिसमें भारत ने 22 अप्रैल के पहलगाम हमले के जवाब में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया था. उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों को ऑपरेशन के दौरान पूर्ण स्वतंत्रता थी और इसका उद्देश्य हमारे धैर्य की सीमा रेखा खींचना था. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हमें योजना बनाने और लक्ष्यों के चयन सहित पूरी तरह से संचालन की आजादी थी. हमारा उद्देश्य आतंकवादी हमले का बदला लेना नहीं था, बल्कि अपने धैर्य की सीमा तय करना था.
गोरखा युद्ध स्मारक का होगा जीर्णोद्धार
अधिकारी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर एक बहु-क्षेत्रीय अभियान था, जिसमें साइबर युद्ध और सैन्य शाखाओं के बीच समन्वय शामिल था. आपको बता दें कि जनरल चौहान गुरुवार को गोरखपुर पहुंचे. उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ गोरखा युद्ध स्मारक के जीर्णोद्धार और गोरखा संग्रहालय के शिलान्यास में भाग लिया. उन्होंने गोरखनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना भी की.


