2025 Assembly By-election Result: 4 राज्यों की 5 सीटों पर सियासी संग्राम, किसके सिर सजेगा जीत का ताज?
देश के चार राज्यों गुजरात, पंजाब, केरल और पश्चिम बंगाल की पांच विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनावों के नतीजे आज घोषित किए जाएंगे. इन सीटों पर 19 जून को मतदान हुआ था और आज सुबह से ही मतगणना जारी है. शुरुआती रुझानों के साथ ही साफ हो जाएगा कि जनता ने किस पार्टी पर भरोसा जताया है.

2025 के विधानसभा उपचुनाव के नतीजे आज घोषित किए जाएंगे, जो देश के चार राज्यों गुजरात, पंजाब, केरल और पश्चिम बंगाल की पांच सीटों पर हुए थे. इन उपचुनावों को आगामी विधानसभा चुनावों से पहले जनता के मूड का ट्रायल माना जा रहा है. इन पांच सीटों पर 19 जून को मतदान हुआ था और आज मतगणना के साथ ही स्पष्ट होगा कि जनता ने किसे चुना.
इन सीटों पर भाजपा और उसके नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन, विपक्षी INDIA गठबंधन और अन्य क्षेत्रीय दलों के बीच कड़ा मुकाबला देखा गया. गुजरात में दो सीटों विसावदर और कड़ी जबकि पंजाब (लुधियाना वेस्ट), केरल (नीलांबूर) और बंगाल (कालिगंज) में एक-एक सीट पर मतदान हुआ. आइए जानते हैं किस राज्य में क्या है मुकाबले की स्थिति.
गुजरात उपचुनाव
विसावदर सीट: यह सीट 2007 से भाजपा के कब्जे में नहीं रही. 2023 में AAP विधायक भूपेंद्र भायाणी ने इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया था, जिससे यह सीट खाली हो गई थी. अब इस सीट पर भाजपा ने किरीट पटेल को मैदान में उतारा है, वहीं कांग्रेस ने नितिन रणपरिया और AAP ने अपने पूर्व गुजरात प्रदेश अध्यक्ष गोपाल इटालिया को उम्मीदवार बनाया है.
कड़ी सीट: कड़ी सीट मेहसाणा जिले में आती है और अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. फरवरी में भाजपा विधायक कर्सन सोलंकी के निधन के बाद यह सीट खाली हुई थी. भाजपा ने यहां से राजेंद्र चावड़ा को टिकट दिया है, जबकि कांग्रेस से रमेश चावड़ा और AAP से जगदीश चावड़ा मैदान में हैं.
केरल उपचुनाव: नीलांबूर सीट कांग्रेस के लिए बेहद अहम मानी जा रही है, क्योंकि यह प्रियंका गांधी के वायनाड लोकसभा क्षेत्र में आती है. चुनाव से पहले उन्होंने यहां रोड शो भी किया था. यह सीट दो बार के विधायक ओवी अनवर के कांग्रेस में शामिल होने के बाद खाली हुई, जो पहले वाम मोर्चा (LDF) समर्थित थे. अब वे निर्दलीय के रूप में चुनाव मैदान में हैं.
यहां वामपंथी गठबंधन LDF ने एम. स्वराज को उतारा है, जबकि कांग्रेस समर्थित यूडीएफ ने आर्यादन शौकत को टिकट दिया है. भाजपा की ओर से अधिवक्ता मोहन जॉर्ज मैदान में हैं.
पश्चिम बंगाल उपचुनाव
नदिया जिले की कालिगंज सीट TMC विधायक नसीरुद्दीन अहमद के फरवरी में निधन के बाद खाली हुई थी. अब उनकी बेटी अलिफा अहमद को TMC ने उम्मीदवार बनाया है और सीट बचाने की जिम्मेदारी सौंपी है. भाजपा ने यहां आशीष घोष को मैदान में उतारा है. वहीं कांग्रेस ने CPI(M) के समर्थन से काबिलुद्दीन शेख को टिकट दिया है. यह सीट आगामी विधानसभा चुनावों से पहले ममता बनर्जी की TMC और भाजपा के बीच निर्णायक मुकाबला बन चुकी है.
AAP की अग्निपरीक्षा
लुधियाना वेस्ट सीट AAP विधायक गुरप्रीत बसी गोगी की आत्महत्या के बाद खाली हुई थी. अब आम आदमी पार्टी इस सीट को बचाने के लिए संजीव अरोड़ा को मैदान में लाई है. भाजपा ने जीवन गुप्ता पर भरोसा जताया है, जबकि कांग्रेस के दिग्गज नेता भरत भूषण आशु भी इस रेस में हैं. इसके अलावा शिरोमणि अकाली दल ने परुपकार सिंह घुमन को उतारा है, जिससे यह सीट चार कोनों की टक्कर बन चुकी है.
उपचुनाव क्यों हैं अहम?
इन पांच सीटों के उपचुनाव को आगामी विधानसभा चुनावों से पहले जनता की प्राथमिकता और दलों की स्थिति का आईना माना जा रहा है. जहां भाजपा कुछ सीटें वापिस लेने की कोशिश में है, वहीं कांग्रेस और AAP अपने-अपने गढ़ों को बचाने में जुटे हैं. इस बीच क्षेत्रीय दलों की भूमिका भी इन चुनावों में अहम बनी हुई है.


