पंजाब में बाढ़ से 29 लोगों की मौत, हजारों घर तबाह...सीएम भगवंत मान बोले- बाढ़ की स्थिति और बदतर हो सकती है
पंजाब में भारी बारिश और नदियों के उफान से भीषण बाढ़ के हालात हैं, जिसमें अब तक 29 लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों विस्थापित हुए हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री भगवंत मान से बात की, जबकि राज्य ने केंद्र से ₹60,000 करोड़ की मांग की है. राहत कार्य जारी हैं.

Punjab Floods: पंजाब में भीषण बाढ़ से जूझते हुए कम से कम 29 लोगों की मौत हो गई है और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं. संकट इतना गंभीर था कि चीन से लौटते ही दिल्ली पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को फोन करके हालात का जायजा लिया. भारी बारिश और बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण 10 से ज्यादा जलमग्न हो गए हैं. पंजाब में अगस्त में 253.7 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य से 74 प्रतिशत ज्यादा और 25 सालों में सबसे ज्यादा है. मान ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में हालात और बिगड़ सकते हैं.
पीएम मोदी ने सीएम भगवंत मान से फोन पर बात
प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार शाम को मान को फोन किया. एक अधिकारी ने बताया कि उन्होंने ने उन्हें राज्य को हर संभव मदद और समर्थन का आश्वासन दिया है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, पंजाब भर में 1,300 से ज्यादा गांव जलमग्न हैं और 6,582 लोगों को 122 राहत शिविरों में पहुंचाया गया है. पठानकोट, गुरदासपुर, फाज़िल्का, कपूरथला, तरनतारन, फिरोजपुर, होशियारपुर और अमृतसर सबसे ज्यादा प्रभावित हैं.
पंजाब की छोटी-बड़ी नदियां उफान पर
पहाड़ी राज्यों में भारी बारिश के कारण सतलुज, व्यास और रावी नदियां, मौसमी छोटी नदियों के साथ उफान पर हैं. कुछ जगहों पर, रावी अपनी चौड़ाई से दस गुना ज्यादा बढ़ गई है, जिससे घर और बड़े-बड़े खेत जलमग्न हो गए हैं और हजारों परिवार विस्थापित हो गए हैं. एनडीआरएफ, सेना, बीएसएफ और जिला प्रशासन ने अब तक जलमग्न इलाकों से 14,936 लोगों को बचाया है. अजनाला में बाढ़ के कारण संपर्क से कटे गांवों में पानी, दूध पाउडर और सूखा राशन पहुंचाने के लिए ड्रोन तैनात किए जा रहे हैं.
होशियारपुर में सोमवार को कई गांवों में बाढ़ का पानी घुसने से भारी तबाही हुई है. अपने घरों के ढह जाने के डर से, कई परिवार राहत शिविरों में जाने से परहेज करते हुए ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में शरण लिए हुए हैं ताकि अपनी जमीन और मवेशियों के पास रह सकें.
भगवंत मान ने केंद्र से मांगे बकाया 60000 करोड़
सोमवार को बाढ़ प्रभावित होशियारपुर के दौरे पर मुख्यमंत्री मान ने इस संकट को हाल के इतिहास की सबसे भीषण बाढ़ बताया. उन्होंने लोगों को आश्वासन दिया कि संकट की इस घड़ी में उन्हें उबारने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा. उन्होंने ने यह भी कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर पुनर्वास और राहत कार्यों के लिए भारत सरकार के पास फंसे 60,000 करोड़ रुपये के राज्य कोष को जारी करने की मांग की है.
पंजाब की अनदेखी की गई- हरपाल चीमा
इस बीच, इस आपदा पर राजनीति छिड़ गई है. पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने केंद्र पर राज्य में हुई तबाही पर आंखें मूंद लेने का आरोप लगाया और गंभीर स्थिति पर प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाया. चीमा ने बाढ़ के मद्देनजर राहत पैकेज की घोषणा करने या मान द्वारा अनुरोधित लंबित धनराशि जारी करने में विफल रहने के लिए गृह मंत्री अमित शाह की भी आलोचना की.
मिशन मोड में काम करने की जरूरत- राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक्स पर लिखा कि तबाही के इस पैमाने को देखते हुए सरकार को मिशन मोड में काम करने की जरूरत है. उन्होंने किसानों, मजदूरों, पशुपालकों और आम नागरिकों को तत्काल और प्रभावी सहायता देने का आग्रह किया.


