कोर्ट में दाखिल की संभल में हिंसा से संबंधित 4,000 पन्नों की चार्जशीट, दाऊद इब्राहिम से संबंध होने का खुलासा
जांच में "संभल में खाताधारकों को असामान्य तरीके से पैसे ट्रांसफर किए जाने" और हिंसा वाली जगहों पर "विदेशी कारतूस" पाए जाने का खुलासा हुआ। अधिकारियों के अनुसार, साठा ने हिंसा में अपने आदमियों का इस्तेमाल किया, जिसमें पांच में से चार लोगों की मौत हो गई। पांचवीं मौत के लिए कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई।

उत्तर प्रदेश पुलिस की विशेष जांच टीम ने संभल में 24 नवंबर की हिंसा से संबंधित छह मामलों में आरोपपत्र दाखिल किए हैं, जिसके परिणामस्वरूप चार लोगों की मौत हो गई और 29 पुलिसकर्मी घायल हो गए। गुरुवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किए गए 4,000 पन्नों के आरोपपत्र दाखिल किये गये। इसमें दुबई स्थित अंतरराष्ट्रीय ऑटो-लिफ्टर शारिक साठा को अशांति के पीछे का मास्टरमाइंड बताया गया है।
पाकिस्तान की आईएसआई के लिए काम करता है आरोपी
संभल का रहने वाला साठा दुबई से काम करने वाला एक भगोड़ा वाहन चोर है। पुलिस ने बताया कि वह दाऊद इब्राहिम और पाकिस्तान की आईएसआई के लिए काम करता है। उसने फर्जी पासपोर्ट के जरिए देश से भागने की कोशिश की थी। संभल के एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने कहा, "जांच के दौरान साठा की संलिप्तता सामने आई और हमारे द्वारा बरामद साक्ष्यों के आधार पर हम कह सकते हैं कि उसने हिंसा की साजिश रची थी। आरोपपत्र में साठा के गिरोह के सदस्यों के नाम शामिल हैं। यह आरोपपत्रों का पहला बैच है और जांच आगे बढ़ने पर हम एक पूरक आरोपपत्र दाखिल करेंगे।"
हिंसा में बाहरी लोगों की संभावित संलिप्तता का संकेत
मामले की जांच में "पाकिस्तान और अमेरिका में निर्मित गोलियों" के इस्तेमाल का पता चला था, जिससे हिंसा में बाहरी लोगों की संभावित संलिप्तता का संकेत मिलता है। एक अनाम पुलिस अधिकारी के हवाले से बताया कि साठा के "संभल और पड़ोसी जिलों में अच्छे राजनीतिक संबंध हैं।" उसके दो साथियों मुल्ला अफरोज और मोहम्मद वारिस की गिरफ्तारी के बाद उसकी संलिप्तता सामने आई। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, साठा ने क्षेत्र में प्रभुत्व स्थापित करने की साजिश के तहत अशांति की योजना बनाई थी। यह झड़पें पिछले साल 24 नवंबर को संभल में उस समय हुई थीं, जब अदालत के आदेश पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने मुगलकालीन शाही महल का निरीक्षण किया था।


