घाटी में अब हर कदम पर सुरक्षा! जम्मू-कश्मीर में 49 टूरिस्ट स्पॉट बंद, पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा बढ़ी
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने घाटी के 87 से ज्यादा पर्यटन स्थलों का ऑडिट किया, जिसके आधार पर 49 स्थानों को असुरक्षित मानते हुए अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है. बाकी खुले स्थलों पर अतिरिक्त सुरक्षा तैनात की गई है.

जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने बड़ा एक्शन लिया है. घाटी में स्थित 87 से अधिक प्रमुख पर्यटक स्थलों की सुरक्षा ऑडिट के बाद 49 टूरिस्ट स्पॉट्स को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है. जबकि बाकी खुले स्थानों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. सेना और अन्य बलों की पुनः तैनाती के साथ-साथ चेकपॉइंट्स भी स्थापित कर दिए गए हैं, ताकि पर्यटकों की आवाजाही को सुरक्षित रखा जा सके.
सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, ये कदम किसी भी संभावित आतंकी घटना को रोकने और पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए हैं. इन स्थलों पर अब 'प्रोफिलेक्टिक सिक्योरिटी' यानी घटनाओं को रोकने के लिए पहले से चौकसी बरती जाएगी. इसके तहत सेना, अर्धसैनिक बल और पुलिस सभी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं.
टूरिस्ट स्पॉट्स की पहचान?
सूत्रों के अनुसार, घाटी में जिन स्थानों को असुरक्षित मानते हुए बंद किया गया है, वहां निम्नलिखित प्रमुख बिंदुओं के आधार पर फैसला लिया गया:
- सुरक्षा बलों की उपलब्धता
- आतंकियों के लिए इन स्थानों तक पहुंच और फिर वहां से बच निकलने की संभावनाएं
- पर्यटकों की संख्या (टूरिस्ट फुटफॉल)
- किसी घटना के समय सुरक्षा बलों की प्रतिक्रिया की तीव्रता
- संकरी सड़कों और छोटे पुलों के कारण उत्पन्न होने वाली अफरातफरी की संभावनाएं
एक अधिकारी ने कहा कि कुछ पर्यटक स्थानों तक जाने वाली सड़कें बहुत संकरी हैं, और वहां मौजूद छोटे पुलों के कारण किसी भी घटना में भगदड़ और अफरातफरी की स्थिति बन सकती है.”
खुली जगहों पर सुरक्षा के लिए तगड़ी व्यवस्था
जिन पर्यटक स्थलों को अभी बंद नहीं किया गया है, वहां पर सुरक्षा के लिए अतिरिक्त परतें जोड़ी गई हैं. सेना उन जगहों पर फिर से अपनी कंपनियों को तैनात करेगी, ताकि इलाके की निगरानी की जा सके.
इन खुले टूरिस्ट स्पॉट्स पर भी चेकपॉइंट्स बना दिए गए हैं और हर आने-जाने वाले की जांच की जा रही है. अर्धसैनिक बलों और जम्मू-कश्मीर पुलिस को स्थैतिक ड्यूटीज के लिए तैनात किया गया है. यानी ये बल चेकपॉइंट्स पर लगातार निगरानी और तलाशी अभियान चलाएंगे.
आर्मी और राष्ट्रीय राइफल्स की पुनः तैनाती
सेना और राष्ट्रीय राइफल्स द्वारा घाटी के भीतरी हिस्सों में अपनी कंपनियों की तैनाती पर विचार किया जा रहा है ताकि “प्रोफिलेक्टिक सिक्योरिटी” मुहैया कराई जा सके. इसके तहत टेम्पररी ऑपरेटिंग बेस बनाए जाएंगे. इलाके में लगातार एरिया डॉमिनेशन पेट्रोलिंग होगी. आतंकियों के लिए टूरिस्ट स्पॉट्स तक पहुंच बनाना मुश्किल किया जाएगा.
घाटी में लगातार सघन तलाशी अभियान जारी
बता दें कि पहलगाम हमले के बाद सर्च ऑपरेशन्स बढ़ गए हैं. हमले के बाद घाटी भर में लगातार सघन तलाशी अभियान (कॉर्डन एंड सर्च ऑपरेशन्स) और गश्त की जा रही है. सुरक्षा बल आतंकियों के संभावित ठिकानों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं. इसी के साथ, नियंत्रण रेखा (LoC) के पास पाकिस्तान की ओर से सीजफायर उल्लंघनों की घटनाएं भी बढ़ी हैं. सोमवार रात को भी, सेना के अनुसार, पाकिस्तान की सेना ने कुपवाड़ा, बारामुला और जम्मू के अखनूर सेक्टर में बिना किसी उकसावे के छोटे हथियारों से फायरिंग की.


