आंध्र प्रदेश खदान हादसा में ओडिशा के 6 मजदूरों की मौत, 10 घायल, CM नायडू ने दिए जांच के निर्देश
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने ग्रेनाइट खदान में हुए दर्दनाक हादसे पर गहरा शोक जताया है, जिसमें छह प्रवासी मजदूरों की जान चली गई. उन्होंने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार हर संभव मदद करेगी.

Andhra Pradesh Mine Accident: आंध्र प्रदेश के बापटला जिले में शुक्रवार शाम एक निर्माण स्थल पर भीषण खदान हादसे में छह मजदूरों की मौत हो गई, जबकि 10 अन्य घायल हो गए. हादसा उस वक्त हुआ जब खदान में काम के दौरान एक विशाल चट्टान का हिस्सा अचानक भरभराकर गिर पड़ा, जिससे मजदूर मलबे में दब गए. अधिकतर मजदूर ओडिशा से आए प्रवासी थे, जो आजीविका की तलाश में आंध्र प्रदेश पहुंचे थे. हादसे के बाद बचाव कार्य देर रात तक चलता रहा. राहत और बचाव दलों ने मौके पर पहुंचकर फंसे मजदूरों को निकालने की कोशिशें शुरू कर दीं. गंभीर रूप से घायल चार मजदूरों की हालत चिंताजनक बताई जा रही है.
चट्टान टूटने से दबे मजदूर
शुक्रवार शाम जब मजदूर खदान में खुदाई का कार्य कर रहे थे, तभी अचानक चट्टान का बड़ा हिस्सा टूटकर गिर पड़ा. घटना के समय 16 मजदूर मौके पर मौजूद थे. अफरातफरी में कुछ मजदूर भाग निकले, लेकिन कई चट्टानों और मलबे के नीचे दब गए. पुलिस सूत्रों के अनुसार, 'मलबे में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए तत्काल बचाव अभियान शुरू किया गया, लेकिन कई मजदूरों की मौत हो चुकी थी. कुछ घायल मजदूरों को अस्पताल भेजा गया है.'
मुख्यमंत्री और विपक्षी नेताओं ने जताया दुख
मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने हादसे पर गहरा दुख जताते हुए कहा, 'मृतकों के परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना है. जिला अधिकारियों से कहा गया है कि घायलों को हरसंभव बेहतरीन इलाज उपलब्ध कराया जाए.' उन्होंने घटना की गहन जांच कराने और भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए खदानों में सख्त सुरक्षा उपाय लागू करने पर जोर दिया. पूर्व मुख्यमंत्री और वाईएसआर कांग्रेस प्रमुख वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने भी ट्वीट कर संवेदना व्यक्त की. “यह एक हृदय विदारक त्रासदी है कि रोजी-रोटी की तलाश में आए ओडिशा के मजदूरों की जान चली गई. मैं सरकार से तत्काल सहायता की मांग करता हूं.'
घटना की जांच शुरू
स्थानीय प्रशासन ने घटना की गंभीरता को देखते हुए मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी गई है. शुरुआती रिपोर्टों में चार मौतों की बात कही गई थी, जिसे बाद में बढ़ाकर छह बताया गया. मृतकों की पहचान अभी सार्वजनिक नहीं की गई है, और उनके परिजनों को सूचित किया जा रहा है. बचाव कार्य अब भी जारी है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मलबे में और कोई फंसा न हो. अधिकारियों को खदान में सुरक्षा मानकों के उल्लंघन का संदेह है, जिसे लेकर गहन जांच की जा रही है.
श्रमिक सुरक्षा पर उठे सवाल
बल्लीकुरवा की यह दुर्घटना एक बार फिर राज्य के खनन क्षेत्रों में मजदूरों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर रही है. अक्सर देखा गया है कि प्रवासी मजदूरों को सीमित सुरक्षा उपायों के साथ जोखिम भरे हालात में काम करना पड़ता है. राज्य सरकार ने पीड़ितों को हरसंभव सहायता देने और दोषियों को कड़ी सजा देने का आश्वासन दिया है.


