कोच्चि में 8,500 किलो कांच बना विवाद की जड़,स्टार्टअप और यूनियन आमने-सामने
केरल के दो युवा उद्यमियों को बेहद गंभीर हालात का सामना करना पड़ा, जब ट्रेड यूनियन कार्यकर्ताओं ने जबरदस्ती निर्माण सामग्री खुद उतारने की जिद पकड़ ली. इन उद्यमियों का मकसद था काम को जल्दी और कुशलता से पूरा करना, लेकिन यूनियन के दबाव ने उन्हें उलझन में डाल दिया.

Kochi Startup Union Clash: केरल के कोच्चि शहर में एक स्टार्टअप कंपनी और ट्रेड यूनियन कार्यकर्ताओं के बीच चार दिन से चल रहा तनाव आखिरकार खत्म हो गया. मामला एक निर्माण स्थल पर भारी और नाजुक ग्लास पैनलों को उतारने को लेकर शुरू हुआ था, जिसे बिना तकनीकी प्रशिक्षण और सुरक्षा उपकरणों के उतारने पर यूनियन कार्यकर्ता अड़े हुए थे. यह विवाद तब और गरमा गया जब इंटीरियर डिजाइन कंपनी के एक सह-संस्थापक ने सोशल मीडिया पर 'केरल में बिजनेस शुरू करने की कड़वी सच्चाई' साझा की. मलयालम मीडिया में भी यह मुद्दा खूब उछला, जिसके बाद यह राज्य के औद्योगिक माहौल और श्रम व्यवस्था को लेकर एक बड़ी बहस का कारण बन गया.
विवाद का कारण
विवाद की शुरुआत मंगलवार को तब हुई जब सीआईटीयू से जुड़े ट्रेड यूनियन कार्यकर्ताओं ने 85 किलोग्राम वजनी 100 से ज्यादा ग्लास पैनलों को खुद उतारने की जिद की. कंपनी की ओर से साफ कहा गया कि यह काम केवल प्रशिक्षित और सुरक्षा उपायों से लैस कर्मचारियों द्वारा ही किया जा सकता है, जिससे टकराव की स्थिति पैदा हो गई.
सीआईटीयू की सीमित मदद
आइडिया हाउस कोवर्किंग के सह-संस्थापक लुईस इसाक ने HT.com से बातचीत में बताया, 'टसीआईटीयू ने प्रशिक्षित श्रमिक भेजे, लेकिन उन्होंने सामग्री को केवल 10 मीटर की दूरी तक पहुंचाया. वहां से आगे का काम हमें खुद करना पड़ा. यूनियन ने इसके लिए हमसे 30,000 रुपये लिए.'
नोक्कू कुली' की वापसी
इस घटना ने केरल में पहले से प्रतिबंधित 'नोक्कू कुली' की प्रथा को फिर से सुर्खियों में ला दिया है. यह वह शुल्क होता है जो ट्रेड यूनियन कार्यकर्ता किसी कार्य को करते हुए या केवल देखने के बदले भी वसूलते हैं. 2018 में राज्य की वामपंथी सरकार ने इस पर प्रतिबंध लगाया था, लेकिन यह आज भी कई हिस्सों में जारी है.
उद्यमियों और CM विजयन
इसाक ने कहा, 'सरकार को या तो यूनियन को भंग करना चाहिए या उन्हें उचित तकनीकी और सुरक्षा प्रशिक्षण देना चाहिए. अन्यथा, हम उनका सहयोग नहीं करेंगे.' उन्होंने यह भी बताया कि केरल के स्टार्टअप फाउंडर्स का एक समूह मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन से मुलाकात कर अपनी मांगें रखने की तैयारी में है. यदि समाधान नहीं निकला तो वे राज्यव्यापी उद्यमी रैली आयोजित करने की योजना भी बना रहे हैं. विवाद के दौरान हालात इतने बिगड़ गए कि पुलिस को हस्तक्षेप कर दोनों पक्षों श्रमिकों और उद्यमियों (इसाक व उनके साथी एंटो रैफी) को थाने बुलाकर मध्यस्थता करनी पड़ी.
पहले की घटना भी आई चर्चा में
इस विवाद के साथ ही एक पुराना हादसा भी चर्चा में आ गया जिसमें जून महीने में कोच्चि की एक कार डीलरशिप के कर्मचारी की मौत हो गई थी. मिली जानकारी के अनुसार, दुर्घटना उस दौरान घटी जब एक वर्कर ट्रेलर से लक्जरी कार रेंज रोवर नीचे ला रहा था.


