मजदूरों के हक में उतरी आम आदमी पार्टी, 10 लाख मनरेगा परिवारों की आवाज PM तक पहुंचेगी
पंजाब में आम आदमी पार्टी ने मनरेगा मजदूरों के लिए विशेष अभियान चलाकर उनके लाखों पत्र विधानसभा और प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंचाए. यह पहल मजदूरी में देरी, बेरोजगारी और अन्य समस्याओं को उजागर करने के लिए की गई.

चंडीगढ़ : पंजाब में आम आदमी पार्टी ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि वह गरीबों और मजदूरों की हितैषी पार्टी है. पार्टी के विधायकों ने राज्य के लगभग 10 लाख मनरेगा मजदूर परिवारों की समस्याओं और मांगों को आवाज देने के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया. इस अभियान का मकसद मजदूरों की वास्तविक कठिनाइयों को सत्ता तक पहुंचाना और त्वरित समाधान की मांग करना है.
मजदूरों के पत्र विधानसभा में प्रस्तुत
मुख्यमंत्री भगवंत मान की पहल
मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि ये पत्र केवल विधानसभा तक ही सीमित न रहें. सरकार का संकल्प है कि इन्हें सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंचाया जाएगा, ताकि केंद्र सरकार मजदूरों की वास्तविक स्थिति से अवगत हो और उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान किया जा सके.
मनरेगा मजदूरों की गंभीर समस्याएं
पंजाब के मनरेगा मजदूर कई गंभीर समस्याओं का सामना कर रहे हैं. सबसे बड़ी समस्या मजदूरी में देरी है, जिसके कारण गरीब परिवारों की आजीविका प्रभावित होती है. इसके अलावा कई मजदूरों को समय पर काम नहीं मिलता, जिससे उन्हें बेरोजगारी का सामना करना पड़ता है. पंजाब सरकार का आरोप है कि केंद्र द्वारा मनरेगा फंड समय पर जारी न करने से योजना का कार्यान्वयन कमजोर पड़ता है और मजदूरों को अतिरिक्त परेशानी उठानी पड़ती है.
गरीबों और मजदूरों की आवाज सत्ता तक पहुंचाना
आम आदमी पार्टी की यह पहल यह दर्शाती है कि पार्टी गरीबों और मजदूरों की आवाज को सत्ता के गलियारों तक पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध है. यह अभियान केंद्र सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति भी है, ताकि मनरेगा फंड समय पर जारी हों और मजदूरों को उनका हक मिले.
पार्टी की प्रतिबद्धता
आम आदमी पार्टी हमेशा से गरीबों और मजदूरों के साथ खड़ी रही है और भविष्य में भी खड़ी रहेगी. इस पत्र अभियान के माध्यम से यह प्रतिबद्धता और स्पष्ट हो जाती है कि पार्टी हर संभव प्रयास करेगी कि मेहनतकश परिवारों की समस्याओं का समाधान हो और उनका अधिकार सुरक्षित रहे.


