Delhi Assembly Election 2025: करों में छूट और बेहतर शिक्षा-स्वास्थ्य सेवाओं की गारंटी: केजरीवाल की योयना
दिल्ली चुनावों के बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मिडिल क्लास परिवारों की समस्याओं पर जोर दिया है. उन्होंने केंद्र सरकार से कुछ बड़ी मांगें रखी हैं. जिनमें महंगाई कम करना, रोजगार बढ़ाना और शिक्षा-स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करना शामिल है. केजरीवाल ने जनता को भरोसा दिलाते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी उनके हितों की रक्षा के लिए पूरी ताकत लगाएगी.

नई दिल्ली. अब कुछ ही दिनों में दिल्ली विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में सभी सियासी पार्टियां लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए जोर लगा रही हैं. इसके तहत वह लोगों के बहुत वादे कर रहे हैं. इसी मामले के तहत बुधवार को आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने एक प्रैस कान्फ्रेंस की. इस प्रैंस कांफ्रेंस के जरीए उन्होंने मिडिल क्लास के मुद्दों की बात की. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी पार्टी आम लोगों की आवाज बनेगी और देश के लिए मिडिल क्लास के हितों की रक्षा भी करेगी.
मिडिल क्लास सरकार का ATM बनकर रह गया
अरविंद केजरीवाल ने मिडिल क्लास को लेकर गहरी चिंता जताई. उन्होंने कहा कि आजादी के 75 सालों में मिडिल क्लास सबसे ज्यादा उपेक्षित वर्ग बनकर रह गया है. हर सरकार ने टैक्स बढ़ाकर इसे आर्थिक बोझ तले दबा दिया है. ये वर्ग न तो किसी का वोट बैंक बन पाया और न ही इसके लिए ठोस योजनाएं बनाई गईं. मिडिल क्लास केवल सरकार का ATM बनकर रह गया है.
बजट में मिडिल क्लास के लिए होनी चाहिए प्राथमिकता
केजरीवाल ने आगामी बजट पर केंद्र सरकार से विशेष अपील की. उन्होंने कहा कि देश का अगला बजट मिडिल क्लास के लिए होना चाहिए. “यह वह वर्ग है जो देश को आर्थिक मजबूती देता है, लेकिन इसे कभी उसके योगदान का श्रेय नहीं मिला,”
सड़क से संसद तक लड़ाई का वादा
केजरीवाल ने वादा किया कि उनकी पार्टी मिडिल क्लास के हक के लिए सड़क से लेकर संसद तक संघर्ष करेगी. उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि हमने दिल्ली में शिक्षा का बजट 16,000 करोड़ तक बढ़ाया, जो जनता के पैसे को जनता पर खर्च करने का उदाहरण है. हमारे पास ऐसी नीतियां हैं, जो मिडिल क्लास को राहत दे सकती हैं.
केंद्र सरकार से सात प्रमुख मांगें
केजरीवाल ने केंद्र सरकार के सामने सात प्रमुख मांगें रखते हुए कहा कि मिडिल क्लास के लिए टैक्स में छूट, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, और रोजगार के बेहतर अवसर मुहैया कराना चाहिए. उन्होंने इस वर्ग की मजबूती को देश की आर्थिक प्रगति से जोड़ते हुए कहा कि जब मिडिल क्लास खुशहाल होगा, तो देश आगे बढ़ेगा.
मिडिल क्लास को नई उम्मीद
चुनावी माहौल में केजरीवाल के ये बयान मिडिल क्लास को एक नई उम्मीद देते हैं। देखना होगा कि उनकी यह अपील जनता को कितना प्रभावित करती है और दूसरे राजनीतिक दल मिडिल क्लास के मुद्दों पर क्या रुख अपनाते हैं।
- शिक्षा का बजट बढ़े: शिक्षा क्षेत्र में बदलाव के लिए बजट को बर्तमान 2 प्रतीशत से बढ़ाकर 10 प्रतीशत करने की मांग की गई. साथ ही प्राइवेट स्कूलों पर सख्त नियंत्रण लाने की जरूरत बताई.
- उच्च शिक्षा में सहायता: छात्रों के लिए सब्सिडी और स्कॉलरशिव की सुविधा बढ़ाने का आग्रह किया गया है, ताकि उच्च शिक्षा
- सभी के लिए सुलभ हो सके.
- स्वास्थ्य क्षेत्र का सुधार: स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए बजट को 10 प्रतीशत तक बढ़ाने और हेल्थ इंश्योरेंस पर टैक्स हटाने की बात की.
- इनकम टैकस में राहत: आयकर छूट सीमा को 7 लाख से बढ़ाकर 10 लाख करने की मांग की गई, जिसमें मध्य वर्ग को राहत मिल सके.
- GST का बोझ घटे: जरूरी वस्तुओं पर से जीएसटी हटाने की अपील की गई है, ताकि आम लोगों पर आर्थिक बोझ कम हो सके और लोग राहत ले सकें.
- सीनियर सिटीजन का ध्यान: बुजुर्गों के लिए मजबूत रिटायरमेंट योजनाएं लागू करने और देश में मुफ्त चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने की मांग की गई.


