पूरे एविएशन सेक्टर के लिए मिसाल बनेगी कार्रवाई...Indigo एयरलाइंस पर सख्त रुख अपनाते हुए बोले केंद्रीय मंत्री राम मोहन नायडू
इंडिगो के ऑपरेशनल संकट पर केंद्र सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए संकेत दिया कि एयरलाइन पर सख्त कार्रवाई होगी. नागर विमानन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा कि जांच के बाद वित्तीय व दंडात्मक दोनों कदम उठाए जाएंगे, जिससे पूरा एविएशन सेक्टर सबक लेगा.

नई दिल्ली : देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो इन दिनों अपने सबसे बड़े ऑपरेशनल संकट से गुजर रही है. लगातार चार दिनों से उड़ानों की भारी संख्या में रद्दीकरण ने हजारों यात्रियों को परेशानी में डाल दिया है. इसी बीच केंद्र सरकार अब इस घटनाक्रम को बेहद गंभीरता से ले रही है. नागर विमानन मंत्री राम मोहन नायडू ने साफ कह दिया है कि यह मामला सिर्फ तकनीकी खामियों का नहीं, बल्कि जिम्मेदारी तय करने का है और आने वाला एक्शन पूरी aviation इंडस्ट्री के लिए मिसाल बनेगा.
सुविधाओं के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं
हाई लेवल कमेटी कर रही है सभी कारणों की जांच
मंत्री ने बताया कि उच्चस्तरीय कमेटी पूरे मामले की जांच कर रही है और जैसे ही रिपोर्ट सामने आएगी, वित्तीय और दंडात्मक—दोनों तरह की कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि यदि FDTL (फ्लाइट ड्यूटी और आराम समय) के नियम पहले से लागू थे तो समस्या अचानक 3 दिसंबर से क्यों शुरू हुई? उनकी बात का संकेत साफ था कि एयरलाइन ने तैयारी में चूक की है. नायडू ने कहा कि इंडिगो बीते 20 सालों से देश में सबसे बेहतरीन ऑन-टाइम परफॉर्मेंस के लिए जानी जाती रही है, ऐसे में दो अंकों से भी नीचे OTP का गिर जाना यह दिखाता है कि अंदर गंभीर गड़बड़ी है.
रद्द उड़ानों की संख्या 1,000 से घटकर 850...
इंडिगो ने बताया कि शनिवार को उसने करीब 850 उड़ानें रद्द कीं, जो शुक्रवार की 1,000 से अधिक उड़ानों की तुलना में कम हैं, लेकिन यात्रियों पर इसका असर बेहद व्यापक रहा. एयरलाइन का दावा है कि वह सभी रिफंड को प्राथमिकता से निपटा रही है और DGCA की ओर से FDTL नियमों में मिली अस्थायी राहत के बाद ऑपरेशन को फिर से पटरी पर लाने में जुटी है. कंपनी ने कहा कि अगले कुछ दिनों में उड़ानों को स्थिर किया जाएगा, देरी कम की जाएगी और यात्रियों को हर संभव सहायता दी जाएगी.
रिफंड रविवार रात 8 बजे तक पूरा होना चाहिए
नागर विमानन मंत्रालय ने एयरलाइन को चेतावनी देते हुए कहा कि रद्द या बाधित सभी उड़ानों का रिफंड रविवार रात 8 बजे तक पूरा होना चाहिए. साथ ही यात्रियों के अलग हो चुके सामान को 48 घंटे के भीतर खोजकर उन्हें पहुंचाना अनिवार्य होगा. यदि किसी स्तर पर देरी हुई तो मंत्रालय तुरंत कड़ा एक्शन लेगा. मंत्रालय ने यह भी साफ कर दिया कि यात्रियों से किसी भी तरह की री-शेड्यूलिंग फीस नहीं ली जाएगी और ऑटोमैटिक रिफंड की प्रक्रिया तब तक जारी रहेगी जब तक इंडिगो का ऑपरेशन पूरी तरह सामान्य नहीं हो जाता.


