गलवान विवाद के बाद भारत-चीन संबंधों में नरमी, पर्यटक वीजा बहाल
भारत और चीन के बीच लंबे समय से चल रहे तनावपूर्ण संबंधों में अब धीरे-धीरे सुधार के संकेत मिल रहे हैं. इसी क्रम में भारत सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए पांच साल बाद चीनी नागरिकों के लिए टूरिस्ट वीज़ा जारी करने का फैसला किया है.

भारत और चीन के बीच तनावपूर्ण संबंधों के बीच एक बड़ी पहल करते हुए भारत सरकार ने पांच साल बाद चीनी पर्यटकों को फिर से टूरिस्ट वीजा जारी करने का फैसला लिया है. यह फैसला गलवान घाटी संघर्ष के बाद दोनों देशों के संबंधों में आई खटास को कम करने और संवाद के नए रास्ते खोलने की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, यह प्रक्रिया 24 जुलाई 2025 से शुरू होगी, जब चीनी नागरिक एक बार फिर भारत आने के लिए पर्यटक वीज़ा के लिए आवेदन कर सकेंगे. बीजिंग स्थित भारतीय दूतावास ने इस जानकारी को चीन के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'वीबो' पर साझा किया है.
कैसे करें वीजा आवेदन?
भारतीय दूतावास ने अपने आधिकारिक पोस्ट में बताया. 24 जुलाई 2025 से, चीनी नागरिक भारत यात्रा के लिए टूरिस्ट वीज़ा के लिए आवेदन कर सकते हैं. उन्हें पहले ऑनलाइन वीजा फॉर्म भरना होगा और उसकी प्रिंट कॉपी लेकर वीजा एप्लिकेशन सेंटर में अन्य जरूरी दस्तावेजों के साथ जमा करनी होगी.
चीन ने फैसले को सराहा
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने भारत के इस फैसले को सकारात्मक बताया. उन्होंने कहा कि चीन, भारत के साथ निरंतर संवाद और परामर्श बनाए रखने के लिए तैयार है और दोनों देशों के नागरिकों के बीच आवाजाही को बेहतर बनाने की दिशा में काम करता रहेगा.
कोविड के बाद वीजा प्रतिबंधों का दौर
2020 में कोरोना महामारी के दौरान भारत ने सभी देशों के लिए टूरिस्ट वीजा पर रोक लगा दी थी. इसी दौरान चीन ने भी भारतीय नागरिकों और अन्य विदेशी यात्रियों पर यात्रा प्रतिबंध लगाए थे. हालांकि 2022 में चीन ने छात्रों और व्यापार यात्रियों के लिए वीजा दोबारा शुरू किए, लेकिन भारत ने उस समय लगभग 22,000 भारतीय छात्रों को चीन वापस जाने की अनुमति न दिए जाने के विरोध में चीनी पर्यटकों के वीजा निलंबित ही रखे.
रिश्तों में आ रहा है सुधार
हाल के महीनों में भारत और चीन के संबंधों में नरमी देखने को मिली है. पूर्वी लद्दाख के डेपसांग और डेमचोक इलाकों से सेनाओं की वापसी एक बड़ा कदम माना जा रहा है. इसके अलावा जनवरी 2025 से दोनों देशों के बीच प्रत्यक्ष व्यावसायिक उड़ानें भी फिर से शुरू होंगी.
विदेश सचिव विक्रम मिस्री की चीन यात्रा और विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर की शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में भागीदारी ने दोनों देशों के संबंधों को मजबूती दी है. इस दौरान यह भी निर्णय लिया गया कि भारतीय तीर्थयात्री अब फिर से माउंट कैलाश और मानसरोवर यात्रा कर सकेंगे.


