score Card

अहमदाबाद प्लेन क्रैश:  शवों की सुपुर्दगी शुरू, चश्मदीदों की आंखों में अब भी धधक रही है वो आग

अहमदाबाद प्लेन क्रैश की दर्दनाक तस्वीरें अब और भयावह होती जा रही हैं. डीएनए जांच में नौ शवों की पहचान हो चुकी है. परिजनों को शव सौंपे जा रहे हैं और हर शव के साथ टूटती उम्मीदें, बिखरता सब्र और गहरा मातम लौट रहा है.

Lalit Sharma
Edited By: Lalit Sharma

National News:  अहमदाबाद विमान हादसे का मलबा अब अपनी सबसे भयावह सच्चाई उजागर कर रहा है. डीएनए जांच के ज़रिए नौ शवों की पहचान की जा चुकी है, जो जलने के कारण पहचान से बाहर थे. इस पुष्टि ने परिवारों की इंतज़ार की घड़ियों को एक कठोर हकीकत में बदल दिया है. गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने फोरेंसिक लैब अधिकारियों के साथ बैठक कर प्रक्रिया में तेजी लाने का आदेश दिया. जांच दलों ने लगातार 48 घंटे काम कर यह पहचान सुनिश्चित की. राज्य सरकार फोरेंसिक विशेषज्ञों और पुलिस अधिकारियों के साथ मिलकर यह सुनिश्चित कर रही है कि हर मृतक की पहचान पूरी शुद्धता से हो. जिन परिवारों ने कई दिनों तक उम्मीदें लगाई रखीं, उनके सामने अब अंतिम सत्य आया है—अपने चाहने वालों की लाशें.

मौन चीत्कार के बीच शवों की सुपुर्दगी

फोरेंसिक लैब के बाहर मातम पसरा है. एंबुलेंस की कतारें, अंतिम संस्कार की तैयारियां, हाथ में फोटो थामे मां-बाप और हर तरफ बस एक सवाल—‘क्यों?’ किसी ने अंतिम बार उन्हें एयरपोर्ट पर देखा था, अब उनका इंतज़ार एक लकड़ी के बॉक्स में बंद सन्नाटे से टूट रहा है. शवों की सुपुर्दगी पूरी संवेदनशीलता के साथ की जा रही है. पुलिस, काउंसलर और प्रशासन अंतिम यात्रा तक परिजनों के साथ हैं. शवों को धर्म और रीति के अनुसार अंतिम संस्कार के लिए पहुंचाया जा रहा है.

लेकिन सवाल अब भी बाकी है—क्या ये हादसा टाला जा सकता था?

 जिस इलाके में विमान गिरा, वहां के चश्मदीद आज भी सदमे में हैं. "अचानक आग की लपटें उठीं और फिर ज़ोरदार धमाका हुआ," एक स्थानीय युवक बताता है. घटनास्थल के पास अब भी जले हुए सूटकेस, अधजली टिकटें और तेल की दुर्गंध फैली है. रेस्क्यू टीम ने बताया कि विमान की हालत इतनी बुरी थी कि वह “मेटल का एक जला हुआ ढेर” बन चुका था. खुद राहतकर्मियों के लिए ये दृश्य झेलना मुश्किल था. अब उन्हें मानसिक स्वास्थ्य सहायता दी जा रही है, लेकिन जो देखा है, वो कभी नहीं भूलेगा.

परिजन अब सिर्फ जवाब चाहते हैं, शव नहीं

अब जब शव मिल चुके हैं, तो परिजनों की पीड़ा एक और रूप ले चुकी है—गुस्से का. कई परिवार अब उच्च स्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं. सवाल उठ रहे हैं—क्या ये तकनीकी खराबी थी, पायलट की चूक या कुछ और? सरकार ने पारदर्शिता का आश्वासन तो दिया है, लेकिन भरोसा टूट चुका है. अब न्यायिक जांच की मांग हो रही है. विमानन क्षेत्र के विशेषज्ञों और कार्यकर्ताओं ने निजी व चार्टर्ड फ्लाइट्स की सुरक्षा पर फिर से विचार करने की मांग उठाई है.

calender
14 June 2025, 07:23 PM IST

ताजा खबरें

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag