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PAK लिंक के आरोपों को किया खारिज, CRPF पर हिंसा भड़काने... जानिए सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर क्या बोली पत्नी

Sonam Wangchuk Case : लेह में हिंसक प्रदर्शन के बाद NSA के तहत गिरफ्तार सोनम वांगचुक पर लगे आरोपों को उनकी पत्नी गीतांजलि अंगमो ने बेबुनियाद बताया है. उन्होंने कहा कि वांगचुक शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे, हिंसा CRPF की कार्रवाई से भड़की. पाकिस्तान लिंक और वित्तीय गड़बड़ी के आरोपों को भी खारिज किया गया. अंगमो ने इसे लोकतांत्रिक अधिकारों को दबाने की कोशिश बताया और सरकार से पारदर्शिता की मांग की.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

Sonam Wangchuk Case : लद्दाख में राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची की मांग को लेकर हुए प्रदर्शन में हुई हिंसा के बाद सामाजिक कार्यकर्ता और नवप्रवर्तनकर्ता सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी को लेकर बहस तेज हो गई है. वांगचुक की पत्नी गीतांजलि अंगमो ने पहली बार चुप्पी तोड़ते हुए ना सिर्फ़ सुरक्षा बलों पर गंभीर आरोप लगाए हैं, बल्कि उनके पति पर लगे देशद्रोह और वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों को भी सिरे से खारिज किया है. 

CRPF पर हिंसा भड़काने का आरोप 

आपको बता दें कि गीतांजलि अंगमो के अनुसार, 24 सितंबर को लेह में हुई हिंसा की शुरुआत प्रदर्शनकारियों ने नहीं, बल्कि सीआरपीएफ की ओर से हुई थी, जिन्होंने प्रदर्शन कर रहे छात्रों और युवाओं पर आंसू गैस के गोले दागे. इसके जवाब में कुछ प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया और स्थिति बेकाबू हो गई, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई. उनका कहना है कि सोनम वांगचुक इस गैर-शांतिपूर्ण योजना से अनजान थे और प्रदर्शन के शांतिपूर्ण स्वरूप को लेकर प्रतिबद्ध थे.

NSA लगाया जाना 'अत्यधिक अन्यायपूर्ण'
वांगचुक की गिरफ़्तारी को लेकर गीतांजलि ने कहा कि उन्हें हिरासत में लेने के बाद भी ना तो उन्हें वांगचुक से बात करने दी गई, ना ही कोई आधिकारिक दस्तावेज दिखाए गए. उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) लगाए जाने की कड़ी आलोचना करते हुए कहा, “वह कोई सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरा नहीं हैं, बल्कि एक शांतिप्रिय, गांधीवादी आंदोलनकारी हैं.”

PAK लिंक और विदेशी दौरे के आरोपों पर सफाई
UT पुलिस प्रमुख द्वारा लगाए गए पाकिस्तान कनेक्शन के आरोपों पर भी अंगमो ने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने बताया कि फरवरी में पाकिस्तान में आयोजित ‘Breathe Pakistan’ सम्मेलन में उनकी और वांगचुक की उपस्थिति एक जलवायु परिवर्तन विषयक UN सम्मेलन के तहत थी, जिसमें उन्होंने भारत और प्रधानमंत्री मोदी की भी तारीफ की थी. उनका कहना है कि वांगचुक के सभी विदेशी दौरे प्रतिष्ठित संस्थानों के निमंत्रण पर आधारित रहे हैं, और किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधियों से उनका कोई संबंध नहीं रहा है.

वित्तीय अनियमितता के आरोप भी निराधार
गीतांजलि अंगमो ने यह भी स्पष्ट किया कि SECMOL और HIAL जैसे संस्थानों ने FCRA के तहत कोई गैरकानूनी फंडिंग नहीं ली. जो भी पैसा आया वह प्रौद्योगिकीय सेवाओं के बदले परामर्श शुल्क के रूप में आया था. HIAL छात्रों से कोई शुल्क नहीं लेता और अपनी लागतें नवप्रवर्तन (जैसे आइस स्टूपा और सोलर बिल्डिंग) से निकालता है.

UGC पंजीकरण और जमीन लीज के मुद्दे
HIAL द्वारा 2022 में UGC में पंजीकरण हेतु आवेदन किया गया और ₹15 लाख की राशि जमा की गई, लेकिन अंगमो का आरोप है कि UT प्रशासन इसे जानबूझकर रोक रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि जमीन की लीज इसलिए रुकी है क्योंकि प्रशासन के पास ऐसी संस्थाओं के लिए स्पष्ट श्रेणी नहीं है.

विकास के विरोध में नहीं, बल्कि 'सजग विकास' के समर्थक गीतांजलि अंगमो ने दोहराया कि वांगचुक विकास के विरोध में नहीं हैं, बल्कि वे स्थानीय लोगों को विकास की प्रक्रिया में शामिल करने और पारिस्थितिक संतुलन के साथ ‘सजग विकास’ के पक्षधर हैं. छठी अनुसूची की मांग इसी का हिस्सा है, जिससे आदिवासी क्षेत्र और संस्कृति की रक्षा हो सके.

राजनीतिक दबाव या ‘राष्ट्र विरोधी’ धारणाओं का विरोध
उन्होंने यह भी कहा कि किसी ऐसे व्यक्ति को 'राष्ट्र-विरोधी' करार देना दुर्भाग्यपूर्ण है, जो हमेशा भारतीय सेना के लिए आश्रय स्थल बनाता है, चीन के खिलाफ आवाज उठाता है और देश की सीमाओं की रक्षा में योगदान देता है.

वांगचुक के खिलाफ कार्रवाई या डराने की राजनीति?
सोनम वांगचुक की गिरफ़्तारी और उन पर लगे आरोप अब केवल कानून या प्रशासन का मामला नहीं रहे, बल्कि यह सवाल बन गए हैं कि क्या असहमति की आवाज़ को दबाने की कोशिश की जा रही है? गीतांजलि अंगमो की बेबाक बातों से यह साफ है कि यह सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं, पूरे लद्दाख की लोकतांत्रिक मांगों की लड़ाई है.

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28 September 2025, 05:57 PM IST

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