अमेरिका का F-35, रूस का SU-57 और भारत का AMCA, इस फाइटर जेट के आगे चीन और पाकिस्तान भी मांगेंगे पानी
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने चीन से जे-35A फाइटर जेट की डील की है, लेकिन उसकी आर्थिक हालत इसे शक के घेरे में डालती है. चीन अपनी एविएशन ताकत बढ़ा रहा है, जबकि भारत AMCA प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है. रूस ने भारत को Su-57 की पेशकश की है और अमेरिका का F-35 भी विकल्पों में है. भारत का फोकस स्वदेशी तकनीक पर है, लेकिन रणनीतिक साझेदारियों के द्वार खुले हैं.

‘ऑपरेशन सिंदूर’ में करारी शिकस्त के बाद पाकिस्तान एक बार फिर चीन की शरण में जा पहुंचा है. खबरों के मुताबिक, चीन पाकिस्तान को अपने अत्याधुनिक पांचवीं पीढ़ी के जे-35ए स्टील्थ फाइटर जेट्स तेजी से देने की योजना बना रहा है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने हाल ही में चीन यात्रा के दौरान इस डील को अंतिम रूप देने की बात कही है. हालांकि जे-35A का उत्पादन अभी शुरुआती दौर में है, और इसकी डिलीवरी 2029 से पहले मुश्किल मानी जा रही थी.
क्या यह सिर्फ दिखावा है?
इस डील को लेकर तमाम सवाल उठ रहे हैं. एक ओर पाकिस्तान आर्थिक संकट से जूझ रहा है और अपनी मूलभूत जरूरतों के लिए IMF पर निर्भर है, तो दूसरी ओर इतने महंगे विमान खरीदने की बात अटपटी लगती है. कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह डील महज पाकिस्तान की जनता को भ्रमित करने और भारत को मनोवैज्ञानिक दबाव में लाने की कोशिश हो सकती है. साथ ही यह भी संभावना जताई जा रही है कि चीन शायद यह विमान भारी छूट या रणनीतिक सौदे के तहत दे सकता है.
चीन की एविएशन क्षमता और विस्तार
चीन पहले से ही 300 से अधिक जे-20 फाइटर जेट्स का मालिक है और अब वह जे-35 को अमेरिकी एफ-35 के मुकाबले खड़ा करना चाहता है. हाल ही में हुए ज़ुहाई एयर शो में चीन ने जे-35 की उड़ान प्रदर्शित कर यह संकेत दिया कि वह मित्र देशों को इनका निर्यात करना चाहता है. साथ ही चीन ने छठी पीढ़ी के दो लड़ाकू विमानों, जे-36 और जे-50 का भी अनावरण कर यह दर्शाया है कि वह रक्षा तकनीक में लंबी छलांग लगा चुका है.
भारत की क्या तैयारी है?
भारत की ओर से पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट्स की दिशा में सबसे बड़ा कदम AMCA (एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट) प्रोजेक्ट है. रक्षा मंत्रालय ने इस परियोजना को मंजूरी दे दी है और इसे DRDO की एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी द्वारा डिजाइन किया गया है. यह दो इंजन वाला, मल्टी रोल स्टील्थ फाइटर होगा जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित ई-पायलट, नेटवर्क सेंट्रिक वारफेयर सिस्टम और इन-बिल्ट वेपन बे जैसी आधुनिक क्षमताएं होंगी. इसके पहले संस्करण की उम्मीद 2035 के आसपास की जा रही है.
रूस ने दिया भारत को प्रस्ताव
रूस ने भारत को एसयू-57 स्टील्थ फाइटर जेट की पेशकश की है, जिसे भारत और रूस ने मिलकर विकसित करना शुरू किया था लेकिन भारत ने 2018 में साझेदारी छोड़ दी थी. अब रूस एक बार फिर मेक इन इंडिया के तहत इस विमान को भारत में बनाने की पेशकश कर रहा है. एसयू-57 की रफ्तार 2600 किमी/घंटा है और यह 20,000 मीटर की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है. इसमें स्टील्थ डिजाइन, सुपरमैन्युवरबिलिटी और मल्टी थियेटर वारफेयर की क्षमताएं हैं.
क्या भारत खरीदेगा अमेरिका का एफ-35?
अमेरिका का एफ-35 फाइटर जेट दुनिया के सबसे एडवांस मल्टी रोल फाइटर में से एक है. यह 2800 किमी की रेंज तय कर सकता है और इसे पकड़ पाना रडार सिस्टम्स के लिए काफी मुश्किल है. भारत के लिए यह विमान एक मजबूत विकल्प हो सकता है लेकिन इसकी उच्च लागत और अमेरिकी प्रतिबंधों की संभावना को ध्यान में रखते हुए इसपर कोई फैसला नहीं लिया गया है.


