नविका सागर परिक्रमा II: तारिणी नाव पर सवार होकर ऐतिहासिक समुद्री यात्रा पर निकलीं भारतीय नौसेना की दो महिला अधिकारी
नविका सागर परिक्रमा II भारतीय नौसेना की दो महिला अधिकारियों द्वारा INSV तारिणी पोत पर की जा रही विश्व परिक्रमा यात्रा है. यह साहस, महिला सशक्तिकरण और आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक है. गोवा से शुरू होकर यह यात्रा ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, फॉकलैंड, दक्षिण अफ्रीका होते हुए पुनः गोवा लौटेगी. अभियान भारतीय नौसेना की वैश्विक शक्ति, समुद्री कौशल और कूटनीतिक संबंधों को मजबूती प्रदान करता है. यह ऐतिहासिक यात्रा महिला नेतृत्व और समुद्री क्षमताओं का अद्भुत उदाहरण है.

नविका सागर परिक्रमा II भारतीय नौसेना का एक ऐतिहासिक अभियान है, जिसमें दो महिला अधिकारी, लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए, स्वदेशी नौकायन पोत INSV तारिणी पर सवार होकर वैश्विक परिक्रमा यात्रा पर निकली हैं. यह अभियान महिला सशक्तिकरण, समुद्री साहसिकता और भारत की समुद्री क्षमताओं का प्रतीक बन चुका है.
अभियान की शुरुआत और उद्देश्य
यह अभियान 2 अक्टूबर 2024 को गोवा स्थित आईएनएस मंडोवी से नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी द्वारा हरी झंडी दिखाकर आरंभ हुआ. इसका उद्देश्य न केवल समुद्री साहसिकता को बढ़ावा देना है, बल्कि भारतीय नौसेना की महिला अधिकारियों की क्षमता और आत्मनिर्भरता को भी प्रदर्शित करना है.
यात्रा की रूपरेखा
नविका सागर परिक्रमा II की यात्रा 21,600 समुद्री मील (लगभग 40,000 किमी) की होगी और इसे पांच चरणों में पूरा किया जाएगा:
- गोवा से फ्रेमेंटल, ऑस्ट्रेलिया
- फ्रेमेंटल से लिटलटन, न्यूजीलैंड
- लिटलटन से पोर्ट स्टेनली, फॉकलैंड द्वीप समूह
- पोर्ट स्टेनली से केप टाउन, दक्षिण अफ्रीका
केप टाउन से गोवा
इस यात्रा के दौरान, पोत INSV तारिणी ने विभिन्न समुद्री चुनौतियों का सामना किया है, जिसमें तीन चक्रवातों और खतरनाक जलवायु परिस्थितियों का सामना शामिल है. विशेष रूप से, केप हॉर्न के पास की यात्रा अत्यंत चुनौतीपूर्ण रही, जहां तेज हवाओं और ऊंची लहरों ने यात्रा को कठिन बना दिया था.
पोत और चालक दल की तैयारी
INSV तारिणी एक 56 फीट लंबा स्वदेशी नौकायन पोत है, जिसे मेसर्स एक्वेरियस शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा निर्मित किया गया है. यह पोत उन्नत नेविगेशन, सुरक्षा और संचार उपकरणों से सुसज्जित है और हाल ही में आवश्यक रखरखाव और उपकरण उन्नयन से गुजरा है. चालक दल की तैयारी में तीन वर्षों की कठोर प्रशिक्षण प्रक्रिया शामिल थी, जिसमें नौकायन कौशल, मौसम विज्ञान, नेविगेशन, जीवित रहने की तकनीक और समुद्र में चिकित्सा पर प्रशिक्षण शामिल था.
अंतरराष्ट्रीय स्वागत और कूटनीतिक पहल
INSV तारिणी की यात्रा के दौरान, पोत ने विभिन्न देशों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है, जिसमें ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, फॉकलैंड द्वीप समूह और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं. प्रत्येक बंदरगाह पर पोत का गर्मजोशी से स्वागत किया गया, और चालक दल ने स्थानीय समुद्री समुदायों के साथ संवाद स्थापित किया. केप टाउन में, दो सप्ताह के रखरखाव के दौरान, चालक दल ने दक्षिण अफ्रीकी नौसेना के साथ इंटरएक्शन की और सामुदायिक आउटरीच कार्यक्रमों में भाग लिया.
अभियान का महत्व
नविका सागर परिक्रमा II न केवल एक साहसिक यात्रा है, बल्कि यह भारत के समुद्री प्रयासों का प्रतीक भी है. यह अभियान महिला सशक्तिकरण, आत्मनिर्भरता और समुद्री सहयोग को बढ़ावा देता है. यह भारतीय नौसेना की वैश्विक समुद्री गतिविधियों में प्रमुखता और उत्कृष्टता को भी दर्शाता है.
इस अभियान के माध्यम से, भारतीय नौसेना ने यह सिद्ध कर दिया है कि महिला अधिकारी भी किसी भी चुनौती का सामना करने में सक्षम हैं और वे देश की सेवा में समान रूप से योगदान दे सकती हैं. नविका सागर परिक्रमा II न केवल भारतीय नौसेना के लिए, बल्कि समस्त देशवासियों के लिए गर्व का विषय है.
नविका सागर परिक्रमा II की सफलता भारतीय नौसेना के साहस, समर्पण और महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. इस अभियान ने यह सिद्ध कर दिया है कि भारतीय महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों के समान सक्षम हैं और वे देश की सेवा में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं.


