सेना दिवस पर अमेरिका ने पाक आर्मी चीफ को बुलाया, भारत के लिए कूटनीतिक झटका!
अमेरिका ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर को 14 जून को सेना दिवस समारोह में वॉशिंगटन डीसी बुलाया है. इस पर कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है और सवाल उठाया है कि आतंकवाद समर्थक देश के सेनाध्यक्ष को न्योता देना भारत के लिए कूटनीतिक झटका क्यों नहीं माना जाए?

पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर 14 जून को अमेरिका के वॉशिंगटन डीसी में आयोजित अमेरिकी सेना की 250वीं वर्षगांठ के कार्यक्रम में हिस्सा लेने जा रहे हैं. यह खबर ऐसे समय सामने आई है जब भारत और पाकिस्तान के बीच पहलगाम आतंकी हमले के बाद तनाव चरम पर है. इस दौरे को लेकर भारत की राजनीतिक गलियों में हलचल मच गई है. खासतौर से कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है.
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए इस यात्रा पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने लिखा, “खबर है कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर को अमेरिका ने अपने सेना दिवस समारोह में आमंत्रित किया है. यह भारत के लिए कूटनीतिक और सामरिक तौर पर एक बड़ा झटका है.” उन्होंने आगे लिखा कि यही असीम मुनीर हैं जिन्होंने पहलगाम आतंकी हमले से पहले भड़काऊ और उकसाने वाली भाषा का इस्तेमाल किया था. ऐसे में अमेरिका की मंशा पर सवाल उठना लाजमी है.
अमेरिका की 'साझेदारी' पर सवाल
जयराम रमेश ने अमेरिका की सेंट्रल कमांड द्वारा पाकिस्तान को ‘शानदार साझेदार’ कहे जाने पर भी आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि जब मोदी सरकार ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंक के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है, ऐसे समय में पाक सेना प्रमुख का अमेरिकी सेना दिवस में विशेष अतिथि बनना बेहद चिंताजनक है. उनका कहना है कि ट्रंप प्रशासन (हालांकि अमेरिका में वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन हैं) लगातार पाकिस्तान को भारत के समकक्ष रखकर देख रहा है, जो भारत की दशकों की कूटनीति पर पानी फेरने जैसा है.
पीएम से सर्वदलीय बैठक की मांग
जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एक विशेष सत्र बुलाने की अपील की है. उन्होंने लिखा, “प्रधानमंत्री को अब हठ और प्रतिष्ठा छोड़कर संसद का विशेष सत्र बुलाना चाहिए ताकि देश एकजुट होकर अपनी सामूहिक इच्छाशक्ति को प्रस्तुत कर सके.”
मुनीर की पहली विदेश यात्रा
गौरतलब है कि असीम मुनीर का यह अमेरिका दौरा साल 2023 के बाद पहला विदेश दौरा है. यह दौरा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 79वें जन्मदिन के साथ होने वाले अमेरिकी सेना समारोह के मौके पर होगा. इस यात्रा को भारत की सुरक्षा और विदेश नीति के नजरिए से बेहद संवेदनशील माना जा रहा है. कांग्रेस के तेवर से साफ है कि आने वाले दिनों में यह मुद्दा संसद से लेकर सड़क तक गरमा सकता है.


