'हसीना की स्पीच पर भड़के लोग, PM मोदी से कहा था रुकवाइए लेकिन...', यूनुस का दावा
India Bangladesh Relations: शेख हसीना के बयानों से बांग्लादेश में माहौल गर्माता जा रहा है. अंतरिम मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने दावा किया है कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हसीना को बांग्लादेशी जनता को संबोधित करने से रोकने की अपील की थी, लेकिन मोदी ने इसे सोशल मीडिया का मामला बताकर टाल दिया.

India Bangladesh Relations: लंदन के चैथम हाउस में एक चर्चा के दौरान बांग्लादेश के अंतरिम मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर बड़ा खुलासा किया. यूनुस ने बताया कि उन्होंने पीएम मोदी से अपील की थी कि निर्वासित पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को बांग्लादेशी जनता को संबोधित करने से रोका जाए, क्योंकि उनके बयानों से देश में गुस्सा और अस्थिरता बढ़ रही है.
यूनुस के अनुसार, उन्होंने मोदी से कहा था कि वे हसीना को भारत में पनाह दे सकते हैं, लेकिन उन्हें सोशल मीडिया के ज़रिए बांग्लादेश की जनता को उकसाने से रोका जाए. इस पर पीएम मोदी ने जवाब दिया, "यह सोशल मीडिया है, इसे कंट्रोल नहीं किया जा सकता." यूनुस का कहना है कि ऐसे संवेदनशील हालात में यह महज सोशल मीडिया का मामला नहीं है, बल्कि ये विस्फोटक स्थिति है.
PM मोदी से यूनुस की अपील
यूनुस ने कहा कि उन्होंने पीएम मोदी से सीधा अनुरोध किया था, "आप उन्हें (हसीना को) पनाह देना चाहते हैं, मैं आपको उस नीति से हटने के लिए मजबूर नहीं कर सकता... लेकिन कृपया इस बात में हमारी मदद करें कि वह बांग्लादेश की जनता से इस तरह न बोलें."
यूनुस ने आगे बताया, "वह घोषणा करती हैं कि अमुक दिन, अमुक समय पर वह बोलेंगी, और पूरा बांग्लादेश गुस्से में आ जाता है. यह सब देखकर सवाल उठता है कि वह इतना गुस्सा क्यों अपने अंदर दबा रही हैं?"
पीएम मोदी की प्रतिक्रिया पर यूनुस ने कहा, "उन्होंने सिर्फ इतना कहा यह सोशल मीडिया है, आप इसे कंट्रोल नहीं कर सकते. अब आप ही बताइए, ऐसे विस्फोटक हालात में आप बस कह कर निकल सकते हैं कि यह सोशल मीडिया है?"
भारत से क्या चाहता है बांग्लादेश?
जब यूनुस से पूछा गया कि क्या भारत वह कर रहा है जो बांग्लादेश अपेक्षा करता है, तो उन्होंने बेझिझक कहा, "नहीं." यूनुस ने यह भी पुष्टि की कि बांग्लादेश सरकार ने भारत को शेख हसीना के प्रत्यर्पण की औपचारिक मांग भेज दी है और इस पर कानूनी कार्यवाही जारी है.
उन्होंने कहा, "ट्राइब्यूनल ने ट्रायल की प्रक्रिया शुरू कर दी है. उन्होंने हसीना को उनके द्वारा किए गए अपराधों के लिए नोटिस भेजा है. कई और अपराधों की जांच चल रही है. हम पूरी प्रक्रिया को कानूनी और शांति से करना चाहते हैं, गुस्से में नहीं."
हसीना के प्रत्यर्पण और ICT की कार्यवाही
बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय अपराध ट्राइब्यूनल (ICT) ने हाल ही में शेख हसीना और दो अन्य पर 2024 के छात्र आंदोलन पर हुए दमन के दौरान जनसंहार जैसे गंभीर आरोपों के तहत मुकदमा चलाने की प्रक्रिया शुरू की है.
इसके बाद यूनुस ने देश में अप्रैल 2026 में आम चुनाव कराने की घोषणा की, हालांकि मुख्य विपक्षी पार्टी BNP इसे जल्द कराने की मांग कर रही है.
भारत-बांग्लादेश संबंधों में फेक न्यूज की दीवार
यूनुस ने यह भी आरोप लगाया कि भारत के कुछ मीडिया संस्थान, जिनका संबंध भारत के शीर्ष नीति निर्माताओं से बताया जा रहा है, बांग्लादेश के खिलाफ फर्जी खबरें फैला रहे हैं.
उन्होंने कहा, "हम भारत से सबसे अच्छे रिश्ते बनाना चाहते हैं, लेकिन हर बार चीजें बिगड़ जाती हैं, क्योंकि भारतीय प्रेस से आने वाली फेक न्यूज़ का प्रभाव बहुत गहरा है. इससे बांग्लादेश में गुस्सा फैलता है."
भारत और बांग्लादेश के बीच ईद की बधाईयों का आदान-प्रदान
हालांकि इन तमाम तनावों के बीच दोनों नेताओं ने ईद-उल-अजहा पर एक-दूसरे को शुभकामनाएं दीं. पीएम मोदी ने अपने पत्र में लिखा, "ईद-उल-अजहा भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है, जो हमें बलिदान, करुणा और भाईचारे का संदेश देता है."
जवाब में यूनुस ने कहा, "आपका संदेश दोनों देशों के साझा मूल्यों को दर्शाता है. मैं भी भारत के प्रधानमंत्री और भारत की जनता को शुभकामनाएं देता हूं."
अगस्त 2024 में शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद बांग्लादेश में कोई स्थायी निर्वाचित सरकार नहीं है. वेलफेयर और टैक्स छूट योजना को लेकर हुए देशव्यापी प्रदर्शन के बाद हसीना को भारत में शरण लेनी पड़ी थी. मई 2025 में उनकी पार्टी 'अवामी लीग' को बैन कर दिया गया.


