अमित शाह ने लोकसभा में पेश किए PM-CM और मंत्रियों को हटाने वाले बिल, विपक्ष ने जमकर किया हंगामा
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में तीन अहम विधेयक पेश किए. इनमें प्रावधान है कि यदि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या कोई मंत्री गंभीर आपराधिक मामलों में 30 दिन तक लगातार हिरासत में रहता है तो उसे पद से हटाया जा सकेगा. इन विधेयकों के पेश होते ही में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया.

Amit Shah Bills: लोकसभा में बुधवार को उस समय जोरदार हंगामा हुआ जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तीन अहम विधेयक पेश किए. इन विधेयकों में यह प्रावधान किया गया है कि यदि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या कोई भी मंत्री गंभीर आपराधिक मामलों में 30 दिन तक लगातार हिरासत में रहता है, तो उसे अपने पद से हटाया जा सकेगा.
शाह द्वारा पेश किए गए विधेयक हैं संविधान (एक सौ तीसवां संशोधन) विधेयक, 2025, केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक, 2025 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025. इन विधेयकों को संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के पास भेजा जाएगा. विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार इन प्रावधानों का इस्तेमाल गैर-भाजपा शासित राज्यों की सरकारों को अस्थिर करने के लिए कर सकती है.
Home Minister @AmitShah moves following 3 Bills to Joint Committee.
1. The Constitution (One Hundred & Thirtieth Amendment) Bill, 2025.
2. The Government of Union Territories (Amendment) Bill, 2025.
3. The Jammu & Kashmir Reorganisation (Amendment) Bill, 2025. pic.twitter.com/LshD07t5j0— SansadTV (@sansad_tv) August 20, 2025
विपक्ष ने लोकसभा में किया जोरदार विरोध
लोकसभा में एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इन विधेयकों का जोरदार विरोध किया. उन्होंने कहा, "ये विधेयक शक्तियों के पृथक्करण (Separation of Powers) के सिद्धांत का उल्लंघन करते हैं और जनता के जनादेश को कमजोर बनाते हैं. सरकार कार्यकारी एजेंसियों को जज और जल्लाद बनाने का रास्ता खोल रही है." ओवैसी ने आरोप लगाया कि सरकार देश को पुलिस स्टेट में बदलना चाहती है.
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने भी इन विधेयकों को विनाशकारी बताया. उन्होंने कहा, "संविधान कहता है कि कानून का राज होना चाहिए और उसमें यह आधारभूत सिद्धांत है कि जब तक दोष साबित न हो, तब तक व्यक्ति निर्दोष है. यह विधेयक इस व्यवस्था को ही बदलने की कोशिश है."
फाड़कर फेंकी विधेयकों की प्रतियां
विधेयकों के विरोध में विपक्षी सांसदों ने हंगामा किया और विधेयकों की प्रतियां फाड़कर गृह मंत्री की ओर फेंक दीं. इस दौरान कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने सोहराबुद्दीन मामले को लेकर शाह की नैतिकता पर सवाल उठाए. शाह ने पलटवार करते हुए कहा कि वे उस समय जेल जाने से पहले अपने पद से इस्तीफा दे चुके थे. वहीं, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद कल्याण बनर्जी भी बहस के दौरान आगे बढ़ते दिखे, लेकिन केंद्रीय राज्यमंत्री रवनीत सिंह ने उन्हें रोक दिया.
क्या है विधेयकों का उद्देश्य?
केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक, 2025: इसमें कहा गया है कि वर्तमान कानून में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है जिसके तहत किसी मुख्यमंत्री या मंत्री को गंभीर आपराधिक मामलों में गिरफ्तारी और हिरासत की स्थिति में पद से हटाया जा सके. इसलिए 1963 के कानून की धारा 45 में संशोधन कर यह प्रावधान जोड़ा जा रहा है.
संविधान (एक सौ तीसवां संशोधन) विधेयक, 2025: इस विधेयक में संविधान के अनुच्छेद 75, 164 और 239AA में संशोधन का प्रस्ताव है. इसका उद्देश्य प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्रिपरिषद के मंत्री, राज्यों के मुख्यमंत्री और मंत्रियों तथा दिल्ली सरकार के मंत्रियों को ऐसे मामलों में पद से हटाने का कानूनी प्रावधान करना है.
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025: इसका मकसद जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की धारा 54 में संशोधन करना है. इसमें प्रावधान जोड़ा जाएगा कि गंभीर आपराधिक मामलों में गिरफ्तारी और हिरासत की स्थिति में मुख्यमंत्री या मंत्री को पद से हटाया जा सके.


