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कनाडा की पहली हिंदू विदेश मंत्री: अनीता आनंद का ऐतिहासिक कदम, गीता पर हाथ रखकर लिया पदभार!

अनीता आनंद बनीं कनाडा की पहली हिंदू विदेश मंत्री. उन्होंने गीता पर हाथ रखकर शपथ ली. जानें कैसे उनके अनुभव और ये बदलाव कनाडा की विदेश नीति में अहम भूमिका निभा सकते हैं!

Aprajita
Edited By: Aprajita

Anita Anand: कनाडा के राजनीतिक इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है, जब भारतीय मूल की अनीता आनंद ने विदेश मंत्री के रूप में शपथ ली. यह शपथ ग्रहण कनाडा के लिए न सिर्फ एक ऐतिहासिक पल था, बल्कि अनीता आनंद के लिए भी एक बड़ी उपलब्धि थी, क्योंकि वह कनाडा की विदेश मंत्री बनने वाली पहली हिंदू महिला हैं. अनीता ने इस अहम पद पर रहते हुए कई महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं, जिनमें रक्षा मंत्री भी शामिल है.

गीता पर हाथ रखकर ली शपथ

अनीता आनंद ने मंगलवार को गीता पर हाथ रखकर विदेश मंत्री के रूप में शपथ ली. उनके इस कदम ने ना सिर्फ भारतीय समुदाय के लिए गर्व का पल पैदा किया बल्कि यह कनाडा में विविधता और समानता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.

कनाडा की विदेश नीति और चुनौतियां

कनाडा वर्तमान में कई विदेशी मामलों से जूझ रहा है. अनीता आनंद के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण कार्य होगा क्योंकि वह ऐसे समय में विदेश मंत्री बनी हैं जब कनाडा को कई अंतरराष्ट्रीय मुद्दों का सामना करना पड़ रहा है. विदेश मंत्री बनने से पहले अनीता आनंद ने रक्षा मंत्री के तौर पर कई अहम फैसले लिए थे और देश के रक्षा क्षेत्र में सुधार की दिशा में काम किया था. अब उन्हें कनाडा की विदेश नीति को नई दिशा देने का मौका मिलेगा.

मेलानी जोली की जगह नियुक्ति

कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने हाल ही में अपने कैबिनेट में फेरबदल किया और अनीता आनंद को मेलानी जोली की जगह विदेश मंत्री नियुक्त किया. मेलानी जोली को अब उद्योग मंत्री के रूप में कार्य करने का जिम्मा सौंपा गया है. इस बदलाव के साथ, कार्नी ने कनाडा की राजनीति में नई ऊर्जा और दृष्टिकोण लाने का संकल्प लिया है.

अन्य कैबिनेट नियुक्तियां

फ्रांस्वा फिलिप शैम्पेन को वित्त मंत्री के रूप में अपने पद पर बनाए रखा गया है, जबकि डोमिनिक लेब्लांक व्यापार मंत्री के रूप में कनाडा और अमेरिका के बीच संबंधों को बेहतर बनाने में काम करेंगे.

अनीता आनंद का पारिवारिक पृष्ठभूमि

अनीता आनंद का जन्म नोवा स्कोटिया के केंटविले शहर में हुआ था. उनके माता-पिता भारतीय फिजिशियन थे, उनके पिता तमिलनाडु से और मां पंजाब से थीं. अनीता की दो बहनें भी हैं – गीता आनंद, जो टोरंटो में एक वकील हैं, और सोनिया आनंद, जो मैकमास्टर यूनिवर्सिटी में फिजिशियन और शोधकर्ता हैं. अनीता का परिवार भारतीय संस्कृति और शिक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के लिए जाना जाता है.

नई जिम्मेदारी और उम्मीदें

अनीता आनंद के विदेश मंत्री बनने के बाद, कनाडा में उनके बारे में कई उम्मीदें जुड़ी हैं. उनकी नियुक्ति से यह उम्मीद जताई जा रही है कि वह कनाडा की विदेश नीति को मजबूत करेंगी और वैश्विक मंच पर कनाडा की भूमिका को और अधिक प्रभावी बनाएंगी. रक्षा मंत्री के रूप में पहले ही महत्वपूर्ण अनुभव हासिल कर चुकीं अनीता आनंद अब विदेश मंत्री बनकर कनाडा की वैश्विक पहचान को और मजबूत करने की दिशा में काम करेंगी.

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14 May 2025, 08:21 AM IST

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