अरावली पहाड़ी, G Ram G कानून...कांग्रेस की बैठक में किन मुद्दों पर हो रही चर्चा? शशि थरूर के पहुंचने से बढ़ी हलचल
दिल्ली में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में कांग्रेस नए ग्रामीण रोजगार कानून के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन की रणनीति तय कर रही है. सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे मौजूद हैं. पार्टी इसे जनविरोधी बताकर निर्णायक संघर्ष का संकेत दे रही है.

नई दिल्लीः दिल्ली में आज कांग्रेस कार्यसमिति की महत्वपूर्ण बैठक हो रही है, जिसमें पार्टी के शीर्ष नेता ग्रामीण रोजगार से जुड़े नए कानून के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन की रूपरेखा तय कर रहे हैं. यह कानून विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) एक्ट, 2025 के नाम से लाया गया है, जिसने पुराने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम की जगह ले ली है. कांग्रेस का आरोप है कि नया कानून गरीबों और ग्रामीण मजदूरों के अधिकारों को कमजोर करता है.
शीर्ष नेतृत्व की मौजूदगी
इस अहम बैठक में कांग्रेस का पूरा शीर्ष नेतृत्व शामिल है. कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे बैठक में मौजूद हैं. इनके अलावा वरिष्ठ नेता शशि थरूर सहित अन्य कार्यसमिति सदस्य भी रणनीतिक चर्चाओं में भाग ले रहे हैं.
नए कानून पर कांग्रेस का रुख
कांग्रेस नेतृत्व का मानना है कि नया VB-G RAM G कानून ग्रामीण भारत के लिए नुकसानदेह है. पार्टी का कहना है कि इस कानून के जरिए MGNREGA की मूल भावना हर ग्रामीण परिवार को न्यूनतम रोजगार की गारंटी को कमजोर कर दिया गया है. कांग्रेस इसे साफ तौर पर “जनविरोधी कानून” बता रही है और दावा कर रही है कि इससे ग्रामीण बेरोजगारी और असमानता बढ़ेगी.
देशव्यापी आंदोलन की तैयारी
बैठक में सबसे अहम चर्चा इस बात पर हो रही है कि इस कानून के खिलाफ किस तरह व्यापक जन आंदोलन खड़ा किया जाए. कांग्रेस देशभर में प्रदर्शन, पदयात्राएं, जनसभाएं और गांव-गांव तक पहुंचने वाले अभियानों की योजना बना रही है. पार्टी नेताओं का कहना है कि ग्रामीण इलाकों में जाकर लोगों को यह बताया जाएगा कि केंद्र सरकार की नीतियां उनके रोजगार और आजीविका पर किस तरह असर डाल रही हैं.
चुनावी रणनीति से भी जुड़ा मुद्दा
कांग्रेस इस कानून को 2026 की शुरुआत में संभावित राज्य विधानसभा चुनावों से पहले एक बड़े राजनीतिक मुद्दे के रूप में उठाना चाहती है. पार्टी का लक्ष्य है कि ग्रामीण रोजगार, आजीविका और सामाजिक सुरक्षा जैसे मुद्दों पर सरकार को कठघरे में खड़ा किया जाए. CWC बैठक में इस बात पर भी जोर दिया जा रहा है कि पार्टी सड़क से संसद तक एकजुट होकर संघर्ष करे.
अरावली और सामाजिक न्याय पर चर्चा
बैठक में अरावली से जुड़े पर्यावरणीय मामलों पर भी चर्चा प्रस्तावित है. वहीं, बैठक से पहले दिल्ली स्थित इंदिरा भवन के बाहर दलित संगठनों से जुड़े लोगों ने प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने कर्नाटक में दलित समुदाय के वरिष्ठ नेता जी. परमेश्वर को मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग उठाई. उनका कहना है कि कांग्रेस को सामाजिक न्याय के सिद्धांतों पर चलते हुए दलित नेतृत्व को आगे बढ़ाना चाहिए.
निर्णायक लड़ाई का संकेत
कांग्रेस नेतृत्व का साफ संदेश है कि ग्रामीण गरीबों के अधिकारों से किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा. पार्टी ने संकेत दिए हैं कि MGNREGA में किए गए बदलावों के खिलाफ निर्णायक और लंबी लड़ाई लड़ी जाएगी, ताकि ग्रामीण भारत की आवाज को मजबूती से उठाया जा सके.


