भारत में बांग्लादेश जैसी हिंसा की संभावना पर शशि थरूर का स्पष्ट जवाब
बांग्लादेश में जारी हिंसा और अस्थिरता के बीच भारत में भी इसी तरह की स्थिति बनने की आशंका जताई जा रही है. इस सवाल पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने साफ शब्दों में जवाब देते हुए भारत की कानून-व्यवस्था पर भरोसा जताया है और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को सख्त कदम उठाने की सलाह दी है.

नई दिल्ली: बांग्लादेश में चल रहे अशांति और हिंसा के बीच सवाल उठ रहे हैं कि क्या भारत में भी ऐसा ही सामाजिक उबाल फैल सकता है.इस मुद्दे पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अपनी राय रखते हुए स्थिति को लेकर आशंकाओं को खारिज किया है और साथ ही बांग्लादेश के नेताओं को कुछ सलाह भी दी है.थरूर का ध्यान भारत में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर केंद्रित रहा है, वहीं उन्होंने बांग्लादेश के नेतृत्व को अपनी जिम्मेदारियों के प्रति सतर्क रहने की नसीहत दी है.
शशि थरूर का यह बयान तब आया है जब बांग्लादेश में छात्र नेता उस्मान हादी की हत्या के बाद हिंसा और आक्रोश का माहौल बन गया है और वहां के अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ती घटनाओं को लेकर भारत में भी कुछ प्रदर्शन देखने को मिले हैं.
भारत में प्रदर्शन का स्वरूप और स्थिति
थरूर ने कहा कि बांग्लादेश की अशांति से जुड़े विरोध प्रदर्शन भारत में भी देखने को मिले हैं, लेकिन यह प्रदर्शन धेर्यपूर्वक और शांतिपूर्वक हैं.उन्होंने स्पष्ट कहा कि अभी तक किसी भी प्रदर्शन को हिंसात्मक या नियंत्रण से बाहर नहीं देखा गया है.उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारत एक लोकतांत्रिक राष्ट्र है जिसमें लोगों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन का अधिकार है और हमारा पुलिसबल इसे रोके रखने में सक्षम है.
कानून-व्यवस्था पर थरूर का विश्वास
थरूर ने मौजूद हालात का जिक्र करते हुए कहा, "अब तक न तो कोई हिंसा हुई है, न ही किसी तरह की लिंचिंग.निश्चित तौर पर अगर किसी प्रकार की हिंसा की कोशिश की जाती है, तो हमारी पुलिस उसे सख्ती से रोकने में सक्षम है." उनका मानना है कि भारत की कानून-व्यवस्था नियंत्रण में है और इसी वजह से बांग्लादेश जैसी हिंसा की संभावना फिलहाल नहीं दिखती है.
यूनुस और बांग्लादेश की जिम्मेदारी
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस को संबोधित करते हुए थरूर ने कहा कि सिर्फ खेद जताना या निंदा करना ही पर्याप्त नहीं है.उन्होंने यह भी कहा कि बांग्लादेश सरकार को हिंसा को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है और सुनिश्चित करना चाहिए कि लोग सुरक्षित महसूस करें.अगर पुलिस असमर्थ रहती है, तो सरकार को सेना को तैनात करने जैसे विकल्पों पर भी विचार करना चाहिए.
जनभावना और चुनावी सवाल
थरूर ने बंगलादेश में अल्पसंख्यकों और आम जनता पर हो रहे दबाव को लेकर कहा कि ऐसे हालात में वहां मतदाता खुद को सुरक्षित नहीं महसूस कर पाएंगे, जिससे चुनाव प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है.उन्होंने स्पष्ट कहा कि यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है जब लोग भय के माहौल में अपना मत नहीं डाल पाते हैं.
बांग्लादेश में कोविड-19 के बाद उठते राजनीतिक तनाव
हालांकि बांग्लादेश में चल रही हिंसा, प्रदर्शन और राजनीतिक अस्थिरता ने भारत-बांग्लादेश संबंधों को भी प्रभावित किया है, लेकिन थरूर ने रेखांकित किया कि भारत को अपने लोकतंत्र, कानून और सामाजिक व्यवस्था पर पूरा भरोसा रखना चाहिए, जो ऐसे उथल-पुथल भरे माहौल से निपटने में सक्षम है.


