आप ज्ञान दे रहे हो क्या?...अखिलेश यादव को ऐसा क्यों बोले लोकसभा स्पीकर ओम बिरला
लोकसभा स्पीकर ने अखिलेश यादव से कहा कि आप इनको (कांग्रेस) ज्ञान दे रहे हैं क्या? इस पर अखिलेश यादव ने जवाब दिया कि अध्यक्ष महोदय, अपना रास्ता तो साइकिल वाला ही है. उन्होंने आरोप लगाया, ''चीन जैसा देश जमीन और बाजार दोनों छीन रहा है. यह बात गलत हो तो सरकार आंकड़े देकर बताए.''

समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव आज राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जवाब देते हुए लोकसभा में बीजेपी पर जमकर बरसे. महाकुंभ एक्सप्रेस-वे, दिल्ली मेट्रो से लेकर चीन के मुद्दे तक अखिलेश यादव ने बीजेपी को घेरा. इस दौरान अखिलेश ने कांग्रेस पार्टी को भी नहीं छोड़ा और उन्हें भी खरी-खरी सुनाई. अखिलेश यादव ने कहा कि अगर कांग्रेस ने तब हमारी बात मानी होती, तो आज हमें जातीय जनगणना के मुद्दे पर यहां खड़े होकर मांग नहीं करनी पड़ रही होती.
इस बीच, एक मौका ऐसा भी आया जब अखिलेश यादव की बात सुनकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने जमकर ठहाके लगाए. दरअसल, अखिलेश यादव चीन का जिक्र करते हुए इशारों-इशारों में कांग्रेस को भी नसीहत दे दी और अखिलेश की बात सुनकर लोकसभा अध्यक्ष सहित तमाम सांसदों ने जमकर ठहाके लगाए.
लोकसभा स्पीकर ने ली चुटकी
लोकसभा स्पीकर ने अखिलेश यादव से कहा कि आप इनको (कांग्रेस) ज्ञान दे रहे हैं क्या? इस पर अखिलेश यादव ने जवाब दिया कि अध्यक्ष महोदय, अपना रास्ता तो साइकिल वाला ही है. उन्होंने आरोप लगाया, ''चीन जैसा देश जमीन और बाजार दोनों छीन रहा है. यह बात गलत हो तो सरकार आंकड़े देकर बताए.'' अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार के लोग दावा करते हैं कि चीन पर कांग्रेस की नीतियों के कारण ऐसी स्थिति है तो उसका रास्ता कांग्रेस वाला क्यों है?
महाकुंभ भगदड़ का उठाया मुद्दा
अखिलेश यादव ने लोकसभा में कहा कि महाकुंभ की व्यवस्था के बारे में स्पष्टीकरण देने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में हुई भगदड़ में मारे गए लोगों का सही आंकड़ा दिया जाए, आंकड़े छिपाने वालों पर दंडात्मक कार्रवाई हो।
उन्होंने कहा कि जिस तरह सरकार बजट के आंकड़े दे रही है, महाकुंभ में मरने वालों के आंकड़े भी दे तथा घायलों के इलाज, भोजन, परिवहन आदि का आंकड़ा संसद में पेश किया जाए. उन्होंने कहा कि महाकुंभ की व्यवस्था के बारे में स्पष्टीकरण देने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए और वहां खोया पाया, प्रबंधन आदि की जिम्मेदारी सेना को दी जाए.
यादव ने केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार को आड़े हाथ लेते हुए मृतकों के आंकड़े छिपाए जाने का आरोप लगाया तथा हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों पर घोर दंडात्मक कार्रवाई की मांग की. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ''जिन्होंने सच छिपाया, उन्हें दंडित किया जाए. अगर (सरकार को) अपराध बोध नहीं है तो आंकड़े दबाए, छिपाए और मिटाए क्यों गए. आंकड़े छिपाने के लिए मीडिया का सहारा लिया जा रहा है. जहां इंतजाम होना चाहिए था, वहां प्रचार हो रहा था। धार्मिक समागम में सरकार का प्रचार निंदनीय है.''
...तब मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर नहीं दिया गया ध्यान
अखिलेश यादव ने कहा कि जब भारत के बाजारों को खोला गया यानि आर्थिक उदारीकरण का दौर शुरू हुआ, तब उतना ध्यान हमारे देश की अर्थव्यवस्था पर नहीं रखा गया. उस समय मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर जितना ध्यान दिया जाना है, उतना दिया गया होता, तो आज हम मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में चीन से आगे बढ़ गए होते. अखिलेश का ये तंज कांग्रेस सरकार पर था, क्योंकि जब भारत के बाजारों को दुनियाभर के लिए खोला गया, तब देश में कांग्रेस की अल्पमत की सरकार थी और नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री थे.
अगर कांग्रेस साथ देती, तो आज मांगना न पड़ता
अखिलेश यादव ने कांग्रेस को घेरते हुए कहा, 'आरक्षण के मुद्दे पर उत्तर से दक्षिण भारत तक कई ऐसे नेता रहे हैं, जिन्होंने इस मुद्दे को उठाया और आज हम उसी को आगे लेकर जा रहे हैं. बाबा साहब अंबेडकर के द्वारा लिखित जो संविधान है, उसके तहत हमें जो हक और अधिकार मिले हैं, आरक्षण की जो व्यवस्था है, उसे और मजबूत बनाने के लिए हमें जातिगत जनगणना की आवश्यकता है. इसके पक्ष में अब तो कांग्रेस पार्टी भी है. एक समय था, जब कांग्रेस पार्टी उस पक्ष में नहीं थी. मैं यह बड़ी जिम्मेदारी से कहना चाहता हूं कि अगर उसी समय कांग्रेस पार्टी भी जातिगत जनगणना के पक्ष में होती तो, आज हमें आपके सामने खड़ा नहीं होना पड़ता, इसके लिए मांग नहीं करनी पड़ती.'
एक इंजन ने दूसरे को कभी नमस्ते नहीं किया
अखिलेश यादव ने कहा, 'मैं अपने कांग्रेस पार्टी के सदस्यों से भी कहना चाहूंगा कि हम आपके साथ ही हैं, और इस मुद्दे पर तो हम आपके साथ और आपसे आगे चलकर भी आपका साथ दे देंगे. अब जातिगत जनगणना को कोई नहीं रोक सकता है. इस बीच किसी सांसद ने टोका, तो अखिलेश ने कहा- कोई(कांग्रेस से) टकराव नहीं, आपके इंजन जैसे नहीं हैं. एक इंजन ने दूसरे इंजन को कभी नमस्कार नहीं किया था. ये बात किसी से छिपी नहीं है.'