'भारत के लिए पानी का बम': चीन द्वारा दुनिया की सबसे बड़ी बांध परियोजना के निर्माण पर अरुणाचल के मुख्यमंत्री की चेतावनी
अरुणाचल सीएम मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने चीन द्वारा ब्रह्मपुत्र नदी पर बनाए जा रहे विशाल बांध को लेकर गंभीर चिंता जाहिर की है.

अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने चीन द्वारा ब्रह्मपुत्र नदी (तिब्बत में यारलुंग त्सांगपो) पर बनाए जा रहे विशाल बांध को लेकर गंभीर चिंता जाहिर की है. उन्होंने इस बांध को "पानी का बम" बताया और कहा कि यह पूरे क्षेत्र के लिए अस्तित्व का खतरा बन सकता है.
चीन की परियोजना भारत के लिए खतरनाक
एक साक्षात्कार में खांडू ने कहा कि चीन की यह परियोजना इसलिए भी खतरनाक है क्योंकि वह किसी अंतरराष्ट्रीय जल संधि का हिस्सा नहीं है. उन्होंने कहा कि चीन पर भरोसा नहीं किया जा सकता. अगर उन्होंने अचानक पानी छोड़ दिया, तो सियांग नदी घाटी पूरी तरह तबाह हो सकती है. मुख्यमंत्री ने बताया कि इस बांध का असर सिर्फ अरुणाचल ही नहीं, बल्कि असम और बांग्लादेश तक पड़ सकता है. उन्होंने कहा कि अगर चीन ने जल-साझा समझौतों पर हस्ताक्षर किए होते, तो इस परियोजना का उपयोग बाढ़ नियंत्रण में सहायक रूप से किया जा सकता था.
VIDEO | EXCLUSIVE: China's mega dam being built near the Arunachal Pradesh border will be a ticking "water bomb," an existential threat more dangerous than its military, the state's chief minister Pema Khandu (@PemaKhanduBJP) has said.
— Press Trust of India (@PTI_News) July 9, 2025
Speaking to PTI Editor-in-Chief Vijay… pic.twitter.com/0LhctGNnIN
खांडू के अनुसार, सियांग नदी के किनारे रहने वाली आदि जनजाति और अन्य समुदायों की आजीविका पर बड़ा संकट आ सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर यह परियोजना पूरी हुई, तो ब्रह्मपुत्र और सियांग नदियां काफी हद तक सूख सकती हैं. उन्होंने बताया कि भारत सरकार से परामर्श के बाद अरुणाचल सरकार ने सियांग अपर बहुउद्देशीय परियोजना नामक एक योजना तैयार की है, जो जल संरक्षण और सुरक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण होगी.
चीन का निर्माण कार्य शुरू
खांडू ने दावा किया कि चीन ने संभवतः निर्माण कार्य शुरू कर दिया है, लेकिन वह किसी तरह की जानकारी साझा नहीं कर रहा है. उन्होंने कहा कि अगर भारत अपनी परियोजना को समय पर पूरा कर लेता है, तो संभावित बाढ़ को नियंत्रित किया जा सकता है. इस बीच, केंद्र सरकार ने भी मार्च में स्पष्ट किया था कि ब्रह्मपुत्र नदी से जुड़ी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है और देशहित में जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं.


