लव और वोट के बाद अब शरबत जिहाद! विवादों में घिरे योग गुरु... मस्जिद और मदरसों पर ये क्या बोल गए बाबा रामदेव
बाबा रामदेव का एक नया विवाद सामने आया है जिसमें उन्होंने 'शरबत जिहाद' शब्द का इस्तेमाल किया. उनके बयान के मुताबिक, एक शरबत बेचने वाली कंपनी अपनी कमाई का हिस्सा मस्जिदों और मदरसों में लगाती है. उन्होंने इसे टॉयलेट क्लीनर से भी बदतर बताया. इस बयान ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है. क्या सच में ऐसी बातें कहना ठीक है? जानें पूरी खबर में.

Sharbat Jihad Controversy: मशहूर योग गुरु बाबा रामदेव एक बार फिर विवादों में घिरते हुए नजर आ रहे हैं. इस बार उन्होंने एक वीडियो में 'शरबत जिहाद' शब्द का इस्तेमाल किया है, जिसके बाद उनका बयान वायरल हो गया और तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आईं. इस वीडियो में रामदेव ने दावा किया कि एक शरबत बनाने वाली कंपनी अपनी कमाई का एक हिस्सा मस्जिदों और मदरसों के निर्माण में खर्च करती है.
रामदेव का बयान और विवाद
रामदेव का यह बयान उनके योग और आयुर्वेदिक उत्पादों को बढ़ावा देने वाली कंपनी पतंजलि के शरबत की प्रमोशन के दौरान आया. वीडियो में वह कहते हैं, 'गर्मियों में लोग जो ठंडे पेय पदार्थ पीते हैं, वे असल में टॉयलेट क्लीनर की तरह होते हैं.' इस बयान में उन्होंने सॉफ्ट ड्रिंक की आलोचना की और उसे भारतीयों की सेहत के लिए हानिकारक बताया. फिर, उन्होंने एक शरबत बनाने वाली कंपनी का उदाहरण देते हुए कहा कि इस कंपनी की कमाई का एक हिस्सा मस्जिदों और मदरसों के निर्माण में जाता है.
रामदेव का कहना था कि यह किसी का धर्म हो सकता है, लेकिन वह इस पैसों का इस्तेमाल मदरसों और मस्जिदों के निर्माण में करने के खिलाफ थे. उन्होंने आगे कहा, 'अगर आप उस कंपनी का शरबत पीते हैं, तो यह मस्जिद और मदरसों के लिए धन जुटाने में मदद करता है.' वहीं, पतंजलि के शरबत को प्राथमिकता देने का दावा करते हुए रामदेव ने कहा कि इससे गुरुकुलों, आचार्यकुलों और पतंजलि विश्वविद्यालयों को मदद मिलती है.
पतंजलि का पक्ष
रामदेव के इस बयान के बाद पतंजलि ने सोशल मीडिया पर इसे प्रचारित करते हुए दावा किया कि वह केवल शुद्ध और स्वास्थ्यवर्धक उत्पादों का प्रचार करते हैं. पतंजलि के आधिकारिक फेसबुक पेज पर इस वीडियो का कैप्शन था, 'शरबत जिहाद के नाम पर बेचे जा रहे टॉयलेट क्लीनर और कोल्ड ड्रिंक के जहर से अपने परिवार और बच्चों को बचाएं.'
विवाद और प्रतिक्रिया
रामदेव के इस बयान पर सोशल मीडिया और विभिन्न धार्मिक और राजनीतिक समूहों की ओर से प्रतिक्रियाएं आने लगीं. कई लोगों ने उनके बयान को भड़काऊ और असंवेदनशील बताया, जबकि कुछ ने इसे एक व्यवसायिक चाल करार दिया. बाबा रामदेव का यह बयान इस समय एक बड़ा विवाद बन गया है. उनका कहना है कि यह उनका व्यक्तिगत विचार है, लेकिन इससे जुड़े मुद्दे अभी भी विवादों से बाहर नहीं निकल पाए हैं. रामदेव के समर्थक यह मानते हैं कि वह हमेशा भारतीय संस्कृति और स्वास्थ्य के पक्ष में बोलते हैं, जबकि उनके विरोधी यह मानते हैं कि उनके बयान से समाज में तनाव और विभाजन बढ़ सकता है.


