दिल्ली में पुरानी गाड़ियों पर बैन, AAP का दावा, BJP की साजिश बेनकाब
सौरभ भारद्वाज ने बताया कि यह पहली बार नहीं है जब बीजेपी ने ऐसी फरमान जारी किया है.सरकार बनते ही BJP ने थ्री व्हीलर वाहनों के लिए भी ऐसा ही आदेश जारी किया था. जिसमें कहा गया कि नए थ्री व्हीलर केवल इलेक्ट्रिक होंगे और पुराने थ्री व्हीलरों की उ्म्र तय कर दी गई.

Old Vehicles Ban in Delhi: दिल्ली में पुरानी गाड़ियों को सड़कों से हटाने के बीजेपी सरकार के फैसले पर आम आदमी पार्टी (AAP) ने तीखा हमला बोला है. ‘आप’ के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने बीजेपी पर ऑटोमोबाइल कंपनियों से सांठगांठ कर 61 लाख लोगों को नई गाड़ियां खरीदने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया. उन्होंने इसे ‘तुगलकी फरमान’ करार देते हुए इसकी गहन जांच की मांग की है. सौरभ भारद्वाज ने बीजेपी के दावों की पोल खोलते हुए कहा कि सरकार कोर्ट के आदेशों का बहाना बना रही है. जबकि हकीकत में यह फैसला पहले ही ले लिया गया था. उन्होंने दावा किया कि बीजेपी ने दिल्ली में सत्ता संभालते ही पुरानी गाड़ियों पर प्रतिबंध की योजना बना ली थी, ताकि ऑटोमोबाइल कंपनियों को करोड़ों का फायदा पहुंचाया जा सके.
BJP का झूठ बेनकाब
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि बीजेपी सरकार सत्ता संभालते ही पुरानी गाड़ियों पर प्रतिबंध लगाने की योजना तय कर ली थी. पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने 1 मार्च 2025 को प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐलान किया था कि 31 मार्च से पुरानी गाड़ियों को पेट्रोल-डीजल नहीं दिया जाएगा. लेकिन, यह प्रतिबंध 1 जुलाई से लागू किया गया. भारद्वाज ने कहा कि बीजेपी जिस सीएक्यूएम (CAQM) के आदेश का हवाला दे रही है. वह तो 27 अप्रैल 2025 को आया था, यानी मंत्री के ऐलान के लगभग दो महीने बाद. उन्होंने कहा, “इससे साफ है कि बीजेपी ने पहले ही ऑटोमोबाइल कंपनियों से सांठगांठ कर ली थी और उनको करोड़ों का फायदा पहुंचाने के लिए यह तुगलकी फरमान जारी किया, ताकि दिल्ली वाले नई गाड़ी खरीदने को मजबूर हों.”
कोर्ट के आदेश का बहाना
सौरभ भारद्वाज ने बीजेपी के कोर्ट के आदेशों के दावे को गलत ठहराते हुए कहा कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने 7 अप्रैल 2015 को और सुप्रीम कोर्ट ने 15 अप्रैल 2015 को पुरानी गाड़ियों पर प्रतिबंध का आदेश दिया था. उस समय दिल्ली में ‘आप’ की सरकार थी, लेकिन ‘आप’ ने कभी भी पुरानी गाड़ियों को ईंधन देने पर रोक नहीं लगाई. उन्होंने कहा, “2015 से 2025 तक ‘आप’ की सरकार थी, लेकिन हमने ऐसा कोई फरमान जारी नहीं किया. बीजेपी ने सत्ता में आते ही पांच महीनों के भीतर यह प्रतिबंध लगा दिया.”
साजिश का खुलासा
सौरभ भारद्वाज ने खुलासा किया कि जब बीजेपी की चोरी पकड़ी गई, तब पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने सीएक्यूएम को पत्र लिखकर कहा कि सरकार पुरानी गाड़ियों को ईंधन देने पर प्रतिबंध नहीं लगा पाएगी. उन्होंने बताया कि 23 अप्रैल 2025 को सीएक्यूएम ने दिल्ली सरकार को पुरानी गाड़ियों को ईंधन देने पर रोक लगाने का निर्देश दिया था, लेकिन इससे एक महीना पहले ही 1 मार्च को सिरसा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी घोषणा कर दी थी. भारद्वाज ने कहा, “इससे यह साफ है कि बीजेपी ने सरकार बनते ही 61 लाख पुरानी गाड़ियों को सड़कों से हटाकर लोगों को नई गाड़ियां खरीदने के लिए मजबूर करने की योजना बनाई थी. सीएक्यूएम केंद्र सरकार के अधीन है, और बीजेपी की दिल्ली सरकार ने इसके साथ मिलीभगत कर यह तुगलकी फरमान थोपा.”
थ्री-व्हीलर पर साजिस का राज
सौरभ भारद्वाज ने बताया कि यह पहली बार नहीं है जब बीजेपी ने ऐसा फरमान जारी किया. सरकार बनते ही बीजेपी ने थ्री-व्हीलर वाहनों के लिए भी ऐसा ही आदेश जारी किया था, जिसमें कहा गया कि नए थ्री-व्हीलर केवल इलेक्ट्रिक होंगे और पुराने थ्री-व्हीलरों की उम्र तय कर उन्हें खत्म करने की योजना थी. लेकिन ऑटो चालकों के विरोध के बाद सरकार को यह फरमान वापस लेना पड़ा. अब दिल्ली की जनता के विरोध के बाद बीजेपी ने पुरानी गाड़ियों को ईंधन न देने का आदेश भी वापस ले लिया.
भ्रष्टाचार की जांच
सौरभ भारद्वाज ने 1 मार्च को मनजिंदर सिंह सिरसा के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि बीजेपी ने यह प्रतिबंध किसी मजबूरी में नहीं, बल्कि ऑटोमोबाइल कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए लगाया था. उन्होंने कहा, “मंत्री ने अपने बयान में कहीं नहीं कहा कि सुप्रीम कोर्ट या एनजीटी का आदेश है. बीजेपी एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट के 2015 के आदेशों का हवाला दे रही है, लेकिन तब से कोई नया आदेश नहीं आया. सीएक्यूएम के आदेश की गहन जांच होनी चाहिए.
दिल्ली की जनता की जीत
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली की जनता और ‘आप’ के लगातार विरोध के कारण बीजेपी सरकार को अपने तुगलकी फरमान वापस लेने पड़े. उन्होंने 3 जुलाई को मनजिंदर सिंह सिरसा के सीएक्यूएम को लिखे पत्र को ‘लीपापोती’ करार देते हुए कहा कि यह जनता की जीत है.

