पहलगाम हमले के बाद बड़ा खुलासा, आतंक के पीछे दाऊद का नेटवर्क सक्रिय!
पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान का असली चेहरा सामने आया है, जिसके बाद भारत जवाबी कार्रवाई पर विचार कर रहा है. हुसैन जैदी के अनुसार, दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान में बेहद शक्तिशाली हो गया है और वह सरकार को नियंत्रित कर रहा है. यहां तक कि पाकिस्तान के चीफ मिनिस्टर भी दाऊद के कमरे के बाहर इंतजार करते हैं.

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद एक बार फिर पाकिस्तान का असली चेहरा सामने आ गया है. भारत इस हमले को केवल नज़रअंदाज़ करने के मूड में नहीं है और जवाबी कार्रवाई के विकल्पों पर गंभीरता से विचार कर रहा है. इसी बीच कश्मीर में आतंकवाद को लेकर एक और चौंकाने वाला एंगल सामने आया है—इस हमले के पीछे अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का कनेक्शन.
दाऊद और अंडरवर्ल्ड के इतिहास को करीब से जानने वाले जाने-माने लेखक हुसैन जैदी, जिन्होंने दाऊद पर किताबें लिखी हैं, उन्होंने पाकिस्तान में दाऊद के प्रभाव और बढ़ते दबदबे को लेकर कई अहम और चौंकाने वाले खुलासे किए हैं.
पाकिस्तान में दाऊद की गहरी पैठ
हुसैन जैदी के अनुसार, दाऊद ने भारत में अपने आपराधिक साम्राज्य को मजबूत करने के बाद जब पाकिस्तान में शरण ली, तो वहां भी उसने अपना नेटवर्क बेहद सुनियोजित ढंग से फैलाया. जैदी बताते हैं कि भारत में जैसे उसका बॉलीवुड से जुड़ाव था, वैसे ही पाकिस्तान में भी उसने वहां की फिल्म इंडस्ट्री में अपनी मजबूत पैठ बना ली.
दाऊद जानता है कि अगर आप किसी देश के नेताओं, विशेष रूप से राजनीतिक वर्ग को नियंत्रित कर लेते हैं, तो उस देश को पीछे से चलाना आसान हो जाता है. जैदी का कहना है कि पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री, प्रांतीय मुख्यमंत्रियों से लेकर कई सरकारी अधिकारी तक दाऊद के प्रभाव में हैं.
इमरान खान को पीएम बनाने में भूमिका
जैदी ने यह दावा भी किया कि दाऊद इब्राहिम ने इमरान खान को पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनाने में अहम भूमिका निभाई थी, और जब समय आया तो उसे हटाने में भी उसकी ही भूमिका रही. इस तरह वह "किंगमेकर" बन चुका है, जो पाकिस्तान की सत्ता की चाबी अपने हाथों में रखता है.
सरकार का छिपा हुआ संचालक
हुसैन जैदी के मुताबिक, आज दाऊद पाकिस्तान में इतना प्रभावशाली हो चुका है कि वह वहां के नेताओं को अपने अनुसार “बिठा” या “हटा” सकता है. जैदी ने एक किस्सा साझा करते हुए कहा कि उनका एक दोस्त जब दाऊद से मिलने गया तो उसने देखा कि एक बड़े प्रांत का मुख्यमंत्री दाऊद के रिसेप्शन हॉल में इंतजार कर रहा था. यह दृश्य इस बात का प्रमाण था कि दाऊद का प्रभाव किस हद तक पाकिस्तान की सत्ता और समाज पर फैल चुका है.


