Bihar Assembly Election 2025: बिहार चुनाव से पहले तेजस्वी की ‘बिहार अधिकार यात्रा’, विरोधियों के साथ अपनों को भी देंगे संदेश
राजद नेता तेजस्वी यादव 16 से 20 सितंबर तक ‘बिहार अधिकार यात्रा’ पर निकलेंगे। पांच दिनों में 10 जिलों को कवर करने वाली इस यात्रा का मकसद जनता से जुड़ना है, लेकिन इसके जरिए वे सहयोगियों और विरोधियों दोनों को संदेश देंगे।

National News: राजद के प्रदेश प्रधान महासचिव रणविजय साहू ने पार्टी के सांसदों, विधायकों और जिला अध्यक्षों को पत्र भेजकर तेजस्वी की इस यात्रा में शामिल होने को कहा है। यात्रा जहानाबाद से शुरू होकर 20 सितंबर को वैशाली में खत्म होगी। पांच दिनों में तेजस्वी यादव 10 जिलों के विधानसभा क्षेत्रों का दौरा करेंगे। हर जिले में एक जगह जनसंवाद का कार्यक्रम भी होगा। यह यात्रा चुनावी माहौल में कार्यकर्ताओं के जोश को बढ़ाने के साथ-साथ पार्टी की ताकत दिखाने का जरिया बनेगी।
विरोधियों और अपनों को संदेश
राजनीतिक हलकों का मानना है कि तेजस्वी यादव इस यात्रा के जरिए सिर्फ एनडीए को चुनौती नहीं देंगे, बल्कि महागठबंधन में अपने सहयोगियों को भी अपनी ताकत का एहसास कराएंगे। उनका लक्ष्य यह दिखाना है कि राजद ही गठबंधन की सबसे बड़ी और प्रभावशाली पार्टी है। इस तरह वे चुनाव से पहले अपना नेतृत्व और भी मजबूत करना चाहते हैं।
राहुल की यात्रा का असर
हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने वोटर अधिकार यात्रा की थी। 17 अगस्त को सासाराम से शुरू होकर 1 सितंबर को पटना में खत्म हुई इस यात्रा में तेजस्वी भी शामिल हुए थे। करीब 1300 किलोमीटर की इस यात्रा ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा भरी थी। अब तेजस्वी यादव भी उसी तर्ज पर अपनी यात्रा से राजद कार्यकर्ताओं को उत्साहित करना चाहते हैं। राजनीतिक जानकार मानते हैं कि यह कदम चुनावी तैयारी के लिहाज से अहम साबित होगा।
पुरानी यात्राओं की परंपरा
तेजस्वी यादव पहले भी कई राजनीतिक यात्राएं कर चुके हैं। फरवरी 2024 में उन्होंने जन-विश्वास यात्रा निकाली थी, जिसमें 38 जिलों में 30 सभाएं की गई थीं। इसका मकसद महागठबंधन सरकार की उपलब्धियां जनता तक पहुंचाना और विपक्ष को घेरना था। इस बार की यात्रा भी उसी सिलसिले का हिस्सा है, जहां वे जनता के बीच जाकर अपनी मौजूदगी दर्ज कराना चाहते हैं।
बेरोजगारी और महिला सुरक्षा मुद्दा
तेजस्वी ने पहले भी अपने दौरों में बेरोजगारी, शिक्षा और महिला सुरक्षा जैसे मुद्दे उठाए हैं। जुलाई 2018 में उन्होंने ‘एनडीए भगाओ, बेटी बचाओ’ थीम पर साइकिल यात्रा निकाली थी। हालांकि वह यात्रा अधूरी रह गई थी, लेकिन इसने युवाओं में तेजस्वी की छवि को मजबूत किया था। इस बार भी वे इन मुद्दों को अपनी रैली और संवाद में शामिल कर सकते हैं।
चुनावी रणनीति का हिस्सा
विशेषज्ञों का मानना है कि ‘बिहार अधिकार यात्रा’ सिर्फ प्रचार का साधन नहीं है, बल्कि एक सोची-समझी रणनीति है। इससे राजद अपने कार्यकर्ताओं को सक्रिय करेगा और जनता तक अपनी नीतियां पहुंचाएगा। यात्रा के जरिए तेजस्वी सीधे लोगों से जुड़ेंगे, जिससे उनका भरोसा और बढ़ेगा। चुनाव से पहले यह उनकी लोकप्रियता को मजबूत करने का तरीका है।
बिहार में बढ़ती सियासी सरगर्मी
16 से 20 सितंबर की यह यात्रा बिहार की सियासत में नई गर्मी लाने वाली है। एक तरफ महागठबंधन के अंदर सीट बंटवारे को लेकर हलचल है, तो दूसरी तरफ एनडीए अपनी रणनीति बना रहा है। तेजस्वी की यात्रा दोनों खेमों पर दबाव बढ़ाएगी। अब देखना होगा कि इस यात्रा का असर चुनावी समीकरणों पर कितना पड़ता है।


